कादर ख़ान

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कादर ख़ान (अंग्रेज़ी: Kader Khan जन्म- 22 अक्तूबर, 1935) को भारतीय सिनेमा जगत में एक ऐसे बहुआयामी कलाकार के तौर पर जाना जाता है जिन्होंने सहनायक, संवाद लेखक, खलनायक, हास्य अभिनेता और चरित्र अभिनेता के तौर पर दर्शकों के बीच अपनी पहचान बनाई है। कादर ख़ान के अभिनय की एक विशेषता यह है कि वह किसी भी तरह की भूमिका के लिए उपयुक्त हैं। फिल्म 'कुली' एवं 'वर्दी' में एक ‘क्रूर खलनायक’ की भूमिका हो या फिर ‘कर्ज चुकाना है’, ‘जैसी करनी वैसी भरनी’ फिल्म में भावपूर्ण अभिनय या फिर ‘बाप नंबरी बेटा दस नंबरी’ और ‘प्यार का देवता’ जैसी फिल्मों में हास्य अभिनय इन सभी चरित्रों में उनका कोई जवाब नहीं है।

जीवन परिचय

कादर खान का जन्म 22 अक्टूबर, 1935 को बलूचिस्तान में हुआ था जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है। भारत पाक बंटवारे के बाद उनका परिवार भारत में बस गया। कादर खान ने अपनी स्नातकोत्तर की पढ़ाई उस्मानिया विश्वविद्यालय से पूरी की। इसके बाद उन्होंने अरबी भाषा के प्रशिक्षण के लिये एक संस्थान की स्थापना करने का निर्णय लिया। कादर खान ने अपने कॅरियर की शुरूआत एक शिक्षक के तौर पर की। एक बार कॉलेज में हो रहे वार्षिक समारोह में कादर खान को अभिनय करने का मौका मिला। एक बार कॉलेज में हो रहे वार्षिक समारोह में कादर खान को अभिनय करने का मौका मिला। इस समारोह में अभिनेता दिलीप कुमार ने कादर खान के अभिनय से काफी प्रभावित हुए और उन्हें अपनी फिल्म ‘सगीना’ में काम करने का प्रस्ताव दिया। यही कारण है कि कादर के अंदर एक शिक्षक, एक संवाद लेखक और एक अभिनेता तीनों एक साथ बसते हैं।[1]

फ़िल्मी कॅरियर

दिलीप कुमार ने कादर खान को अपनी फिल्म ‘सगीना’ में काम करने का प्रस्ताव दिया। वर्ष 1974 में आई फिल्म ‘सगीना’ के बाद भी कादर खान को काफी संघर्ष करना पड़ा। इस दौरान उनकी ‘दिल दीवाना’, ‘बेनाम’, ‘उमर कैद’, ‘अनाड़ी’ और बैराग जैसी फिल्में प्रदर्शित हुई। लेकिन इन फिल्मों से उन्हें कुछ खास फायदा नही पहुंचा। वर्ष 1977 में कादर खान की 'खून पसीना' और 'परवरिश' जैसी फिल्में प्रदर्शित हुई। इन फिल्मों के जरिए वह कुछ हद तक अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुए।

सफल फ़िल्में

फिल्म ‘खून पसीना’ और ‘परवरिश’ की सफलता के बाद कादर खान को कई अच्छी फिल्मों के प्रस्ताव मिलने शुरू हो गए। जिनमें मुकद्दर का सिकंदर, मिस्टर नटवरलाल, सुहाग, अब्दुल्ला, दो और दो पांच, लूटमार, कुर्बानी, याराना, बुलंदी और नसीब जैसी बड़े बजट की फिल्में शामिल थी। इन फिल्मों की सफलता के बाद कादर खान ने सफलता की नयी बुलंदियों को छुआ और बतौर खलनायक फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित हो गए। वर्ष 1983 में प्रदर्शित फिल्म ‘कुली’ कादर खान के करियर की सुपरहिट फिल्मों में शुमार की जाती है। मनमोहन देसाई के बैनर तले बनी इस फिल्म में अमिताभ बच्चन ने मुख्य भूमिका निभाई थी। फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुयी। इसके साथ ही कादर खान फिल्म इंडस्ट्री के चोटी के खलनायकों की फेहरिस्त में शामिल हो गए। वर्ष 1990 में प्रदर्शित फिल्म ‘बाप नंबरी बेटा दस नंबरी’ कादर खान के सिने करियर की महत्वपूर्ण फिल्मों में से एक है। इस फिल्म में कादर खान और शक्ति कपूर ने बाप और बेटे की भूमिका निभाई जो ठग बनकर दूसरों को धोखा दिया करते है। फिल्म में कादर खान और शक्ति कपूर ने अपने कारनामों के जरिये दर्शकों को हंसाते-हंसाते लोटपोट कर दिया। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये कादर खान फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित भी किए गए।<ref name="जागरण जंक्शन">

चरित्र अभिनेता

नब्बे के दशक में कादर खान ने अपने अभिनय को एकरूपता से बचाने और स्वयं को चरित्र अभिनेता के रूप में स्थापित करने के लिए अपनी भूमिकाओं में परिवर्तन भी किया। इस क्रम में वर्ष 1992 में प्रदर्शित फिल्म ‘अंगार’ में उन्होंने अंडर वर्ल्ड डॉन जहांगीर खान की भूमिका को रूपहले पर्दे पर साकार किया। दशक के अंतिम वर्षो में बतौर खलनायक कादर खान की फिल्मों को अपेक्षित सफलता नही मिली। इसके बाद कादर खान ने हास्य अभिनेता के तौर पर भी काम करना शुरू कर दिया। इस क्रम में वर्ष 1998 में प्रदर्शित फिल्म ‘दुल्हे राजा’ में अभिनेता गोविंदा के साथ उनकी भूमिका दर्शको के बीच काफी पसंद की गयी।

प्रसिद्ध फ़िल्में

कादर खान ने अपने सिने करियर में लगभग 300 फिल्मों में अभिनय किया है। उनकी अभिनीत फिल्मों में कुछ है मुक्ति, ज्वालामुखी, मेरी आवाज सुनो, जमाने को दिखाना है, सनम तेरी कसम, नौकर बीबी का, शरारा, कैदी, घर एक मंदिर, गंगवा, जान जानी जर्नादन, घर द्वार, तबायफ, पाताल भैरवी, इंसाफ की आवाज, स्वर्ग से सुंदर, वतन के रखवाले, खुदगर्ज, खून भरी मांग, आंखे, शतरंज, कुली नंबर वन, जुड़वा, हीरो नंबर वन, बड़े मियां छोटे मियां, सूर्यवंशम, हसीना मान जाएगी, फंटूश आदि।

शक्ति कपूर के साथ जोड़ी

कादर खान के सिने करियर में उनकी जोड़ी अभिनेता शक्ति कपूर के साथ काफी पसंद की गयी। इन दोनों अभिनेताओं ने अब तक लगभग 100 फिल्मों में एक साथ काम किया है। उनकी जोड़ी वाली महत्वपूर्ण फिल्मों में से कुछ इस प्रकार है नसीब, लूटमार, हिम्मतवाला, महान, हैसियत, जस्टिस चौधरी, अक्लमंद, मकसद, मवाली, तोहफा, इंकलाब, कैदी, गिरफ्तार, घर संसार, धर्म अधिकारी, सिंहासन सोने पे सुहागा, मास्टरजी, इंसानियत के दुश्मन वक्त की आवाज, जैसी करनी वैसी भरनी, नाचने वाले गाने वाले, राजा बाबू आदि।<ref name="जागरण जंक्शन">

संवाद लेखक

कादर खान ने कई फिल्मों में संवाद लेखक के तौर पर भी काम किया है। इनमें खेल खेल में, रफूचक्कर, धरमवीर, अमर अकबर एंथोनी, खून पसीना, परवरिश, शालीमार, मुक्कदर का सिकंदर, मिस्टर नटवरलाल, सुहाग, याराना, लावारिस, सत्ते पे सत्ता, देश प्रेमी, सनम तेरी कसम, धर्मकांटा, कुली, शराबी, गिरफ्तार, कर्मा, खून भरी मांग, हत्या, हम, कुली नंबर वन, साजन चले ससुराल जैसी सुपरहिट फिल्में शामिल है।



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कादर खान : ऑलराउडर प्रतिभा के धनी (हिंदी) (एच.टी.एम.एल.) जागरण जंक्शन। अभिगमन तिथि: 20 दिसम्बर, 2012।

बाहरी कड़ियाँ

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