आहवमल्ल

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:30, 4 जनवरी 2012 का अवतरण (''''आहवमल्ल''' एक प्रसिद्ध उपाधि, जिसे [[कल्याणी कर्नाटक|...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

आहवमल्ल एक प्रसिद्ध उपाधि, जिसे कल्याणी के चालुक्यवंशी राजा सोमेश्वर प्रथम (1053-1068 ई.) ने धारण किया था। उसने चोल राजा राजाधिराज को कोप्पम के युद्ध में पराजित करके चालुक्यों की शक्ति का पुनरुद्धार किया था।

  • सोमेश्वर प्रथम ने मालवा की धारा नगरी और सुदुर दक्षिण की कांची नगरी पर भी विजय प्राप्त की थीं।
  • गुर्जर-प्रतिहार राजा मिहिर भोज भी सोमेश्वर प्रथम के हाथों पराजित हुआ।
  • अपने जीवन के अंतिम दिनों में सोमेश्वर प्रथम अत्यधिक बीमार हो गया था।
  • एक असाध्य ज्वर से पीड़ित होने पर उसने शिवमंत्र का जाप करते हुए तुंगभद्रा नदी में छलांग लगाकर अपने प्राण त्याग दिये।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |


बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख