कुब्ज विष्णुवर्धन

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कुब्ज विष्णुवर्धन वातापी के चालुक्य नरेश पुलकेशी द्वितीय का छोटा भाई था। जिस समय पुलकेशी द्वितीय ने दक्षिणापथ में अपने विशाल साम्राज्य की स्थापना, उसने छोटे भाई कुब्ज विष्णुवर्धन को वेंगी का शासन करने के लिए नियुक्त कर दिया था।

  • कुब्ज विष्णुवर्धन की स्थिति एक प्रान्तीय शासक के समान थी और वह पुलकेशी द्वितीय की ओर से ही कृष्णा नदी और गोदावरी नदी के मध्यवर्ती प्रदेश का शासन करता था।
  • 'पृथ्वीवल्लभ', 'युवराज' और 'विषमविद्धि' आदि की उपाधियाँ कुब्ज विष्णुवर्धन ने धारण की थीं।
  • पुलकेशी द्वितीय ने कुब्ज विष्णुवर्धन को विशाखापत्तनम से लेकर नेल्लोर के उत्तरी भाग तक का शासक नियुक्त किया था। इस वंश के अभिलेखों के अनुसार उनका शासन संपूर्ण वेंगीमंडल पर था।
  • कुब्ज विष्णुवर्धन के पुत्र जयसिंह प्रथम ने अपने को पुलकेशी द्वितीय से स्वतंत्र कर लिया और इस प्रकार पूर्वी चालुक्य वंश का प्रादुर्भाव हुआ। इस वंश के स्वतंत्र राज्य का प्रारम्भ काल सातवीं सदी के मध्य भाग में था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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