"प्रियप्रवास द्वितीय सर्ग" के अवतरणों में अंतर
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|पाठ 1= द्वितीय | |पाठ 1= द्वितीय | ||
|शीर्षक 2= छंद | |शीर्षक 2= छंद | ||
− | |पाठ 2= | + | |पाठ 2=द्रुतविलम्बित |
|बाहरी कड़ियाँ= | |बाहरी कड़ियाँ= | ||
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सकल-गोप समाहित हो सुनो। | सकल-गोप समाहित हो सुनो। | ||
सब प्रबंध हुआ निशि में रहे। | सब प्रबंध हुआ निशि में रहे। | ||
− | कल प्रभात हुए न | + | कल प्रभात हुए न विलम्ब हो॥16॥ |
निमिष में यह भीषण घोषणा। | निमिष में यह भीषण घोषणा। |
09:05, 10 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
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गत हुई अब थी द्वि-घटी निशा। |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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