सर्व हितकारिणी सभा

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Disamb2.jpg हितकारिणी सभा एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- हितकारिणी सभा (बहुविकल्पी)

सर्व हितकारिणी सभा की स्थापना बीकानेर राज्य के चुरू में सन 1907 में की गई थी। यह संस्था समसामयिक बीकानेर राज्य में सामाजिक जनजागृति के साथ ही साथ राजनीतिक जनजागृति लाने में भी एक प्रेरक संस्था के रूप में जानी गई थी।

  • चुरू में पंडित कन्हैयालाल, पंडित श्रीराम मास्टर, स्वामी गोपालदास तथा चुरू के कतिपय धनी मानी व्यक्तियों ने मिलकर इस संस्था की संस्थापना की थी। यह सभी व्यक्ति आर्य समाज के विचारों से अत्याधिक प्रभावित थे तथा आर्य समाज के प्रचार और प्रसार को पूर्णतया समर्पित थे।
  • उल्लेखनीय है कि सर्व हितकारिणी सभा नामक इस संस्था के अठारह उद्देश्यों में विद्या प्रचार, पीड़ितों व दु:खियों की सेवा एवं सामाजिक सुधार प्रमुख थे।
  • चुरू में संस्थापित इस ‘सर्व हितकारिणी सभा’ ने समसामयिक बीकानेर राज्य की अदालतों में हिंदी भाषा के प्रयोग की मांग को बहुत ही पुरजोर ढंग से उठाया तथा इस संबंध में जनमत तैयार करने के उद्देश्य से कई प्रस्ताव भी पारित किये।
  • एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी आता है कि सन 1912 के लगभग सर्व हितकारिणी सभा, चुरू के द्वारा अपना स्वयं का एक पुस्तकालय, वाचनालय तथा हिंदी माध्यम के दो स्कूलों के साथ ही साथ एक कन्या पाठशाला की स्थापना भी की गई थी। चूंकि यह समस्त क्रिया कलाप जनजागृति पैदा करने में सहायक घटक साबित हो सकते थे अत: यह संस्था अपने शैशवकाल से ही बीकानेर राज्य की निरंकुश राजशाही की वक्र दृष्टि का शिकार बनती हुई दृष्टिगत हुई।


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