चित्र:Daagh-Dehlvi.jpg
Daagh-Dehlvi.jpg (142 × 190 चित्रतत्व, संचिका का आकार: 5 KB, माइम प्रकार: image/jpeg)
विवरण (Description) | दाग़ देहलवी Daagh-Dehlvi |
अन्य विवरण | 'दाग़ देहलवी' को उर्दू जगत में एक शायर के रूप में बहुत ऊँचा स्थान प्राप्त है। उनका अधिकांश समय दिल्ली में व्यतीत हुआ था, यही कारण है कि उनकी शायरियों में दिल्ली की तहजीब नज़र आती है। |
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फ़ाइल का इतिहास
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दिनांक/समय | अंगुष्ठ नखाकार (थंबनेल) | आकार | प्रयोक्ता | टिप्पणी | |
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वर्तमान | 05:46, 16 मई 2013 | 142 × 190 (5 KB) | रविन्द्र प्रसाद (चर्चा | योगदान) |
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फ़ाइल का उपयोग
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- अच्छी सूरत पे -दाग़ देहलवी
- अजब अपना हाल होता -दाग़ देहलवी
- आफ़त की शोख़ियाँ हैं -दाग़ देहलवी
- आरजू है वफ़ा करे कोई -दाग़ देहलवी
- उज्र आने में भी है और बुलाते भी नहीं -दाग़ देहलवी
- उनके एक जां-निसार हम भी हैं -दाग़ देहलवी
- कहाँ थे रात को हमसे ज़रा निगाह मिले -दाग़ देहलवी
- काबे की है हवस कभी कू-ए-बुताँ की है -दाग़ देहलवी
- क्या लुत्फ़-ए-सितम यूँ उन्हें हासिल नहीं होता -दाग़ देहलवी
- क्यों चुराते हो देखकर आँखें -दाग़ देहलवी
- ग़ज़ब किया, तेरे वादे पे ऐतबार किया -दाग़ देहलवी
- ग़म से कहीं नजात मिले चैन पाएँ हम -दाग़ देहलवी
- जवानी गुज़र गयी -दाग़ देहलवी
- ज़बाँ हिलाओ तो हो जाए, फ़ैसला दिल का -दाग़ देहलवी
- डरते हैं चश्म-ओ-ज़ुल्फ़, निगाह-ओ-अदा से हम -दाग़ देहलवी
- तुम्हारे ख़त में नया इक सलाम किस का था -दाग़ देहलवी
- तेरी महफ़िल में यह कसरत कभी थी -दाग़ देहलवी
- दर्द बन के दिल में आना -दाग़ देहलवी
- दाग़ देहलवी
- दिल को क्या हो गया ख़ुदा जाने -दाग़ देहलवी
- दिल गया तुम ने लिया हम क्या करें -दाग़ देहलवी
- न जाओ हाल-ए-दिल-ए-ज़ार देखते जाओ -दाग़ देहलवी
- न बदले आदमी जन्नत से भी बैतुल-हज़न अपना -दाग़ देहलवी
- न रवा कहिये न सज़ा कहिये -दाग़ देहलवी
- पर्दे-पर्दे में आताब अच्छे नहीं -दाग़ देहलवी
- पुकारती है ख़ामोशी मेरी फ़ुगां की तरह -दाग़ देहलवी
- फिर शब-ए-ग़म ने मुझे शक्ल दिखाई क्योंकर -दाग़ देहलवी
- फिरे राह से वो यहाँ आते आते -दाग़ देहलवी
- बुतान-ए-माहवश उजड़ी हुई मंज़िल में रहते हैं -दाग़ देहलवी
- मुमकिन नहीं कि तेरी मुहब्बत की बू न हो -दाग़ देहलवी
- मुहब्बत में करे क्या कुछ किसी से हो नहीं सकता -दाग़ देहलवी
- मेरे क़ाबू में न पहरों दिल-ए-नाशाद आया -दाग़ देहलवी
- ये जो है हुक़्म मेरे पास न आए कोई -दाग़ देहलवी
- रंज की जब गुफ्तगू होने लगी -दाग़ देहलवी
- रस्म-ए-उल्फ़त सिखा गया कोई -दाग़ देहलवी
- रू-ए- अनवर नहीं देखा जाता -दाग़ देहलवी
- लुत्फ़ इश्क़ में पाए हैं कि जी जानता है -दाग़ देहलवी
- ले चला जान मेरी रूठ के जाना तेरा -दाग़ देहलवी
- शौक़ है उसको ख़ुदनुमाई का -दाग़ देहलवी
- सितम ही करना जफ़ा ही करना -दाग़ देहलवी
- हम तुझको किस हवस की फलक जुस्तुजू करें -दाग़ देहलवी
- हर बार मांगती है नया चश्म-ए-यार दिल -दाग़ देहलवी
- हसरतें ले गए -दाग़ देहलवी
- हुस्न-ए-अदा भी खूबी-ए-सीरत में चाहिए -दाग़ देहलवी
- भारतकोश:भारत कोश हलचल/24 मई
- भारतकोश:भारत कोश हलचल/25 मई