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*[[नागालैंड]] मूलत: [[कृषि]] प्रधान राज्य है। लगभग 70 प्रतिशत जनता कृषि पर निर्भर है।  
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[[नागालैंड]] मूलत: [[कृषि]] प्रधान राज्य है। यहाँ की लगभग 70 प्रतिशत जनता कृषि पर निर्भर है। राज्‍य में कृषि क्षेत्र का महत्‍वपूर्ण योगदान है। [[चावल]] यहाँ का मुख्‍य भोजन है। कुल कृषि योग्य क्षेत्र के 70 प्रतिशत में [[धान]] की खेती होती है और राज्‍य के कुल खाद्यान्‍न उत्‍पादन का 75 प्रतिशत चावल है। यहाँ मुख्‍यत: ‘स्‍लेश और 'बर्न' खेती प्रचलित है, जिसे स्‍थानीय तौर पर 'झूम' के नाम से जाना जाता है।
*[[चावल]] यहाँ का मुख्‍य भोजन है।  
 
*कुल कृषि योग्य क्षेत्र के 70 प्रतिशत में धान की खेती होती है और राज्‍य के कुल खाद्यान्‍न उत्‍पादन का 75 प्रतिशत चावल है।
 
*यहाँ मुख्‍यत: ‘स्‍लेश और 'बर्न' खेती प्रचलित है, जिसे स्‍थानीय तौर पर 'झूम' के नाम से जाना जाता है।  
 
*क़्ररीब 1,01,400 हेक्‍टेयर क्षेत्र में झूम खेती और शेष में सीढ़ीदार खेती होती है। इस वर्ष राज्य का खाद्य उत्‍पादन 3,86,300 मीट्रिक टन था।
 
*16,57,587 हेक्‍टेयर के कुल भूमि क्षेत्र में से क़्ररीब 8,35,436 हेक्‍टेयर क्षेत्र में वन है।
 
*कोहिमा ज़िले में 'इंतंकी' और 'पुलीबादजे', तुएनसांग में फाकिम और [[दीमापुर]] में रंगापहाड नामक वन्‍यजीव अभयारण्‍य तथा राष्‍ट्रीय उद्यान हैं।
 
  
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*[[भारत]] के इस राज्य में क़्ररीब 1,01,400 हेक्‍टेयर क्षेत्र में झूम खेती और शेष में सीढ़ीदार खेती होती है।
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*नागालैंड में 16,57,587 हेक्‍टेयर के कुल भूमि क्षेत्र में से क़्ररीब 8,35,436 हेक्‍टेयर क्षेत्र में वन है।
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*कोहिमा ज़िले में 'इंतंकी' और 'पुलीबादजे', तुएनसांग में 'फाकिम' और [[दीमापुर]] में 'रंगापहाड' नामक वन्‍यजीव अभयारण्‍य तथा राष्‍ट्रीय उद्यान हैं।
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*नागालैंड को अब भी पड़ोसी राज्यों से खाद्य-पदार्थों के आयात पर निर्भर रहना पड़ता है। यहाँ 8,16,212 एकड़ (3,30,450 हेक्टेयर) भूमि पर कृषि होती है, जबकि 54,400 हेक्टेयर भूमि सिंचित है। उर्वरा शक्ति में कमी आई है।
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*दक्षिणी ज़िले कोहिमा के अंगामी और चाखेसांग लोग ही सीढ़ीदार खेत और सिंचाई तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं।
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*यहाँ कृषि के पारंपरिक उपकरणों में हल्के कुदाल, दाब (बहुपयोगी भारी चाकू) और हंसिया आदि शामिल हैं। मैदानी हिस्सों को छोड़कर अन्य जगहों पर हल का इस्तेमाल नहीं होता है। वानिकी आय और रोज़गार का प्राथमिक साधन है।
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चित्र:Sugarcane.jpg|[[गन्ना|गन्ने]] की फ़सल
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चित्र:Sorghum-1.jpg|[[ज्वार]] की फ़सल
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चित्र:Pearl-Millet-1.jpg|[[बाजरा|बाजरे]] की फ़स्ल
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चित्र:Life-In-Nagaland-3.jpg|[[चावल]] और भूसी को अलग करने का पारंपरिक तरीक़ा।
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
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09:41, 11 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण

चावल की खेती

नागालैंड मूलत: कृषि प्रधान राज्य है। यहाँ की लगभग 70 प्रतिशत जनता कृषि पर निर्भर है। राज्‍य में कृषि क्षेत्र का महत्‍वपूर्ण योगदान है। चावल यहाँ का मुख्‍य भोजन है। कुल कृषि योग्य क्षेत्र के 70 प्रतिशत में धान की खेती होती है और राज्‍य के कुल खाद्यान्‍न उत्‍पादन का 75 प्रतिशत चावल है। यहाँ मुख्‍यत: ‘स्‍लेश और 'बर्न' खेती प्रचलित है, जिसे स्‍थानीय तौर पर 'झूम' के नाम से जाना जाता है।

  • भारत के इस राज्य में क़्ररीब 1,01,400 हेक्‍टेयर क्षेत्र में झूम खेती और शेष में सीढ़ीदार खेती होती है।
  • नागालैंड में 16,57,587 हेक्‍टेयर के कुल भूमि क्षेत्र में से क़्ररीब 8,35,436 हेक्‍टेयर क्षेत्र में वन है।
  • कोहिमा ज़िले में 'इंतंकी' और 'पुलीबादजे', तुएनसांग में 'फाकिम' और दीमापुर में 'रंगापहाड' नामक वन्‍यजीव अभयारण्‍य तथा राष्‍ट्रीय उद्यान हैं।
  • नागालैंड राज्य की लगभग 90 प्रतिशत जनता कृषि में लगी है। यहाँ की मुख्य फ़सलें चावल (खरीफ चावल :701,00 हेक्टेयर: रबी चाबल: 58,900 हेक्टेयर), मक्का (24,900 हेक्टेयर), ज्वार-बाजरा (14,00 हेक्टेयर), दलहन (मटर और फलियाँ जैसी दालें), तिलहन (11,580 हेक्टेयर) रेशेदार फ़सलें, गन्ना, आलू और तंबाकू हैं।
  • नागालैंड को अब भी पड़ोसी राज्यों से खाद्य-पदार्थों के आयात पर निर्भर रहना पड़ता है। यहाँ 8,16,212 एकड़ (3,30,450 हेक्टेयर) भूमि पर कृषि होती है, जबकि 54,400 हेक्टेयर भूमि सिंचित है। उर्वरा शक्ति में कमी आई है।
  • दक्षिणी ज़िले कोहिमा के अंगामी और चाखेसांग लोग ही सीढ़ीदार खेत और सिंचाई तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं।
  • यहाँ कृषि के पारंपरिक उपकरणों में हल्के कुदाल, दाब (बहुपयोगी भारी चाकू) और हंसिया आदि शामिल हैं। मैदानी हिस्सों को छोड़कर अन्य जगहों पर हल का इस्तेमाल नहीं होता है। वानिकी आय और रोज़गार का प्राथमिक साधन है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख