नर्गिस से सम्बंधित संस्मरण-2

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नर्गिस से सम्बंधित संस्मरण-2
नर्गिस
पूरा नाम फ़ातिमा रशीद
प्रसिद्ध नाम नर्गिस
जन्म 1 जून, 1929
जन्म भूमि कलकत्ता, पश्चिम बंगाल
मृत्यु 3 मई, 1981
मृत्यु स्थान मुम्बई, महाराष्ट्र
अभिभावक उत्तमचन्द मोहनचन्द और जद्दनबाई
पति/पत्नी सुनील दत्त
संतान संजय दत्त, नम्रता दत्त, प्रिया दत्त
कर्म भूमि मुम्बई
कर्म-क्षेत्र अभिनेत्री
मुख्य फ़िल्में मदर इंडिया, आवारा, श्री 420, बरसात, अंदाज, लाजवंती, जोगन परदेशी, रात और दिन
पुरस्कार-उपाधि पद्मश्री, राष्ट्रीय पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (रात और दिन)
प्रसिद्धि फ़िल्म 'मदर इंडिया' में राधा की भूमिका
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी अभिनय से अलग होने के बाद नर्गिस सामाजिक कार्यो में संलग्न रहीं और पति सुनील दत्त के साथ अजंता आर्ट्स कल्चरल ट्रूप की स्थापना की।

नर्गिस हिन्दी सिनेमा की 50-60 के दशक की प्रसिद्ध अभिनेत्री थीं। सिर्फ छह साल की उम्र से फ़िल्मी दुनिया में अपना कॅरियर शुरु कर उन्होंने बहुत सी हिट फ़िल्में कीं। महबूब ख़ान की फ़िल्म 'मदर इंडिया' में अपने अभिनय के लिए वह काफ़ी चर्चित रहीं। नर्गिस का विवाह सुनील दत्त के साथ हुआ था। विवाह से पहले उन दोनों के बीच प्रेम सम्बंध थे, जिसके चलते उन्होंने विवाह किया।

नर्गिस को भेष बदलकर छेड़ते थे सुनील दत्त

बॉलीवुड में अक्सर किसी ना किसी के प्यार की खबरें आती रहती हैं। ऐसी एक प्रेम कथा थी नर्गिस और सुनील दत्त की, जिनकी प्रेम कथा पर एक फ़िल्म भी बनाई जा सकती है। सुनील दत्त ने नर्गिस को पहली बार एक फ़िल्म के प्रीमियर पर देखा था। पहली नज़र में ही नर्गिस को देखकर उन्हें प्यार हो गया था। लेकिन वो उस समय अपने प्यार का इज़हार नहीं कर पाये थे। उन्होंने अपने प्यार का इज़हार इसलिए भी नहीं किया था क्योंकि उस समय नर्गिस एक प्रसिद्ध अदाकारा थीं। सुनील दत्त उस समय हिन्दी सिनेमा में अपना कॅरियर बनाने के लिए संर्घष कर रहे थे। दूसरी वजह ये भी थी कि उस समय नर्गिस और राजकपूर के रोमांस की खबरें चल रही थीं। नर्गिस और राजकपूर के रोमांस की खबरों ने कभी उनके प्यार को कम नहीं होने दिया। वो सही समय आने का इंतजार करते रहे।

महबूब ख़ान की फ़िल्म 'मदर इंडिया' में दोनों ने साथ काम किया। इस फ़िल्म की शूटिंग के दौरान दोनों के बीच के फासले थोड़े कम होने लगे। कुछ बात आगे भी बढ़ी। 'मदर इंडिया' की शूटिंग के दौरान जब सेट पर अचानक से आग लग गई तो उस आग में नर्गिस फंस गई थीं। तो अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए सुनील दत्त ने उन्हें बचाया था। नर्गिस को उनकी ये अदा पसंद आ गई थी। इस घटना के बाद से ही वह भी उन्हें पसंद करने लगी थीं। इसके बाद धीरे-धीरे इनके बीच प्यार हुआ और ये काफ़ी एक करीब आ गए। धीरे-धीरे इनका प्यार परवान चढ़ने लगा तो ये दोनों एक-दूसरे को खत लिखकर अपने प्यार का इज़हार करने लगे। नर्गिस जब सुनील से मिली थीं तो उस समय राजकपूर से उनका ब्रेकअप होने के कगार पर था। साथ ही उन्हें एक ऐसे इंसान की ज़रूरत थी, जो उन्हें संभाल सके और ये उन्हें सुनील में नज़र आया। उसके बाद उन्होंने शादी कर ली थी।

सुनील दत्त शुरू से ही मजाकिया किस्म के इंसान थे। जितना उन्हें गुस्सा आता था उतना ही वो मजाक करते थे। वो नर्गिस को बहुत चिढ़ाते थे। एक बार तो उन्होंने उन्हें पूरे दो घंटे तक इंतजार करवाया। हुआ ऐसा कि फ़िल्म 'हमराज़' की शूटिंग के लिए 110 साल के बूढ़े के किरदार के लिए मेकअप किया जा रहा था। तभी उनसे मिलने नर्गिस आ गईं। उन्होंने दत्त साहब से ही पूछ लिया कि बाबा दत्त साहब कहां हैं। ये सुनते ही दत्त साहब ने मेकअप आर्टिस्ट को कुछ ना बताने का इशारा किया। पूरे 2 घंटे के इंतज़ार के बाद जब नर्गिस चलने लगीं तो मेकअप आर्टिस्ट को बुरा लगा। उन्होंने नर्गिस को बता दिया कि दत्त साहब आपके बगल में ही हैं। यह सुनते ही नर्गिस हैरान हो गईं और दत्त साहब ज़ोर से हंस पड़े।[1]



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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