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'''मुल्ला बहबहानी''' एक ईरानी धर्माचार्य था, जिसने [[भारत]] की यात्रा की थी। वह पहली बार वर्ष 1807 ई. में [[पटना]] आया था।
 
'''मुल्ला बहबहानी''' एक ईरानी धर्माचार्य था, जिसने [[भारत]] की यात्रा की थी। वह पहली बार वर्ष 1807 ई. में [[पटना]] आया था।
  
*मुल्ला बहबहानी ने [[बिहार]] के [[राजमहल]], [[भागलपुर]], [[मुंगेर]], [[पटना]] और [[सासाराम]] आदि शहरों का वर्णन अपने यात्रा वृतान्त "मिरात-ए-अहवल-ए-जहाँनामा" में किया है।
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*मुल्ला बहबहानी ने [[बिहार]] के [[राजमहल]], [[भागलपुर]], [[मुंगेर]], [[पटना]] और [[सासाराम]] आदि शहरों का वर्णन अपने यात्रा वृत्तांत "मिरात-ए-अहवल-ए-जहाँनामा" में किया है।
 
*पटना को मुल्ला बहबहानी ने "जयतुल हिन्द" अर्थात "भारत का स्वर्ग" कहा है।<ref>{{cite web |url=http://www.brandbihar.com/hindi/literature/history/bihar_videshi_yatri.html|title=विदेशी यात्रियों का विवरण|accessmonthday=12 अप्रैल|accessyear=2013|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
 
*पटना को मुल्ला बहबहानी ने "जयतुल हिन्द" अर्थात "भारत का स्वर्ग" कहा है।<ref>{{cite web |url=http://www.brandbihar.com/hindi/literature/history/bihar_videshi_yatri.html|title=विदेशी यात्रियों का विवरण|accessmonthday=12 अप्रैल|accessyear=2013|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
  

13:05, 29 जून 2017 का अवतरण

मुल्ला बहबहानी एक ईरानी धर्माचार्य था, जिसने भारत की यात्रा की थी। वह पहली बार वर्ष 1807 ई. में पटना आया था।

  • मुल्ला बहबहानी ने बिहार के राजमहल, भागलपुर, मुंगेर, पटना और सासाराम आदि शहरों का वर्णन अपने यात्रा वृत्तांत "मिरात-ए-अहवल-ए-जहाँनामा" में किया है।
  • पटना को मुल्ला बहबहानी ने "जयतुल हिन्द" अर्थात "भारत का स्वर्ग" कहा है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. विदेशी यात्रियों का विवरण (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 12 अप्रैल, 2013।

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