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अन्तर्दशाह हिन्दू धर्म ग्रंथों और मान्यताओं के अनुसार किसी मृतक की आत्मा की शांति के लिए किये जाने कर्म को कहा जाता है। हिन्दू शास्त्रानुसार मृत्यु के पश्चात दस दिनों तक मृतक की आत्मा प्रेत रूप में रहती है। इन दस दिनों में उसकी शान्ति के लिए जो कर्म किये जाते हैं, उन्हें ही 'अन्तर्दशाह' कहते हैं।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ,कृत्यकल्पतरू-श्राद्धखण्ड

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