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'''दो द्रूल चोर्टेन''' को [[सिक्किम]] का सबसे महत्त्वपूर्ण स्तूप माना जाता है। यह [[गंगटोक]] के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। इस मठ का शिखर [[सोना|सोने]] का बना हुआ है।  
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'''दो द्रूल चोर्टेन''' को [[सिक्किम]] का सबसे महत्त्वपूर्ण [[स्तूप]] माना जाता है। यह [[गंगटोक]] के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। इस स्तूप का शिखर [[सोना|सोने]] का बना हुआ है।  
 
*इसकी स्‍थापना त्रुलुसी रिमपोचे ने [[1945]] ई. में की थी। त्रुलुसी तिब्‍बतियन [[बौद्ध धर्म]] के नियंगमा सम्‍प्रदाय के प्रमुख थे।  
 
*इसकी स्‍थापना त्रुलुसी रिमपोचे ने [[1945]] ई. में की थी। त्रुलुसी तिब्‍बतियन [[बौद्ध धर्म]] के नियंगमा सम्‍प्रदाय के प्रमुख थे।  
 
*यहाँ 108 प्रार्थना चक्र है और गुरु रिमपोचे की दो प्रतिमाएं भी स्‍थापित हैं।   
 
*यहाँ 108 प्रार्थना चक्र है और गुरु रिमपोचे की दो प्रतिमाएं भी स्‍थापित हैं।   

14:18, 25 अक्टूबर 2012 का अवतरण

दो द्रूल चोर्टेन, सिक्किम

दो द्रूल चोर्टेन को सिक्किम का सबसे महत्त्वपूर्ण स्तूप माना जाता है। यह गंगटोक के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। इस स्तूप का शिखर सोने का बना हुआ है।

  • इसकी स्‍थापना त्रुलुसी रिमपोचे ने 1945 ई. में की थी। त्रुलुसी तिब्‍बतियन बौद्ध धर्म के नियंगमा सम्‍प्रदाय के प्रमुख थे।
  • यहाँ 108 प्रार्थना चक्र है और गुरु रिमपोचे की दो प्रतिमाएं भी स्‍थापित हैं।


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