त्रिशूल (फ़िल्म)
त्रिशूल (फ़िल्म)
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निर्देशक | यश चोपड़ा[1] |
निर्माता | गुलशन राय |
लेखक | सलीम, जावेद |
कहानी | सलीम, जावेद |
पटकथा | सलीम, जावेद |
संवाद | जावेद, सलीम |
कलाकार | अमिताभ के अतिरिक्त संजीव कुमार, शशि कपूर, वहीदा रहमान, हेमा मालिनी, राखी गुलज़ार, प्रेम चोपड़ा, पूनम ढिल्लों, सचिन |
संगीत | ख़्य्याम |
गीतकार | साहिर लुधियानवी |
गायक | लता मंगेशकर, किशोर कुमार, के. जे. येसुदास |
छायांकन | के जी |
संपादन | बी. मंगेशकर |
वितरक | त्रिमूर्ति प्रोडक्शन प्रा. लि. |
प्रदर्शन तिथि | 4 मई 1978 |
अवधि | 167 मिनट |
भाषा | हिन्दी |
देश | भारत |
'दीवार' और 'कभी कभी' के बाद यश चोपड़ा की 'त्रिशूल' फ़िल्म भी अमीर-ग़रीब, परिवारिक रंजिशों पर आधारित है। त्रिशूल फ़िल्म है एक बेटे का अपनी माँ के साथ हुए अन्याय का बदला लेने की। त्रिशूल "दीवार" फ़िल्म के "मेरे पास माँ है" की थीम को बढ़ावा देती है।
कहानी
राज एक निर्माण-कार्य कंपनी मे काम करता है। राज (संजीव कुमार) और शांति (वहीदा रहमान) एक दूसरे से बहुत प्यार करते है। पर राज के पास अपने मालिक की बेटी की शादी का रिश्ता आता है और अपने कैरियर को उँचाई पर ले जाने के लिए राज ये रिश्ता मंजूर कर लेता है। वही दूसरी ओर शांति राज के बच्चे की माँ बनने वाली है पर वह राज की शादी का सुनकर कहीं दूर चली जाती है और विजय (अमिताभ बच्चन) को जन्म देती है। विजय बड़ा हो जाता है और अपनी माँ पर हुए अत्याचार का बदला लेने को तड़पता है। शांति बीमारी से दम तोड़ देती है। वह विजय से वचन लेती है कि वह एक अच्छा इंसान बनेगा। माँ की चिता को आग देने के बाद विजय निकल पड़ता है राज (जो अब आर. के. गुप्ता है) से बदला लेने के लिए। आर. के. गुप्ता अब एक बड़ी निर्माण-कार्य कंपनी के मालिक है और उनके एक बेटा (शशि कपूर) और एक बेटी (पूनम ढिल्लों) है। विजय आर. के. गुप्ता से एक ज़मीन का सौदा करता है जिस पर 6 साल से माधव सिंह नाम के गुंडे का क़ब्ज़ा है। विजय 5 लाख का प्रस्ताव रखता है जबकि उसकी जेब मे पाँच फूटी कौड़ी नहीं है। और यहाँ से शुरू होती है विजय की आर. के. गुप्ता के ख़िलाफ़ लड़ाई। विजय राज को उस मुक़ाम पर लाकर खड़ा कर देना चाहता है जहाँ उसके पास ना प्यार है, ना परिवार और ना ही धन। ये हैं त्रिशूल के तीन भाग। फ़िल्म अमिताभ और संजीव कुमार के इर्द-गिर्द घूमती है और इसमें हर हिन्दी फ़िल्म की तरह अपने खलनायक है। फ़िल्म मे शशि कपूर, हेमा मालिनी, सचिन, पूनम का बहुत ही सीमित किरदार है और उन्हें फ़िल्म के गीतों और चमक धमक के लिए लिया गया है। जहाँ अमिताभ का मूक गुस्सा और संजीव कुमार का हठी किरदार फ़िल्म की जान है वहीं सलीम-जावेद की जोड़ी ने फ़िल्म को नयी उँचाई पर ला खड़ा किया है।[2]
विशेषता
त्रिशूल 'त्रिमूर्ति फ़िल्म्स प्रा० लि०' की फ़िल्म है। 4 मई 1978 को रिलीज हुई इस फ़िल्म के निर्देशक यश चोपड़ा थे और लेखक जावेद अख्तर। 167 मिनट की इस फ़िल्म का अधिकांश हिस्सा अमिताभ अभिनीत 'एंग्री यंग मैन' 'विजय' नामक चरित्र के इर्द-गिर्द घूमता है। फ़िल्म की पटकथा एक तरफ दर्शको को तनाव मे रखती है वही दूसरी तरफ इधर-उधर का हास्य उस तनाव को कम करने का काम करता है|
गीत
फ़िल्म के गीतों को दर्शको ने खूब पसंद किया है हालाँकि सचिन - पूनम के कुछ दृश्य और उनके उपर फ़िल्माया गीत फ़िल्म को दिशा से थोड़ा हटा देते है| "मोहब्बत बड़े काम की चीज़ है" गाने मे बहुत ही ख़ूबसूरती से अमिताभ के प्यार के प्रति रोष को दिखाया गया है। फ़िल्म के गाने दर्शको ने पसंद किए है। फ़िल्म के गाने इस प्रकार हैं-
क्रमांक | गाना | गायक / गायिका का नाम |
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1. | जानेमन तुम कमाल करती हो | किशोर कुमार, लता मंगेशकर |
2. | मोहब्बत बड़े काम की चीज़ हैं | किशोर कुमार, लता मंगेशकर, येसूदास |
3. | गपुची गपुची गम गम | नितिन मुकेश, लता मंगेशकर |
4. | आपकी महकी हुई ज़ुल्फ को कहते हैं घटा | लता मंगेशकर, येसूदास |
5. | जा री बहना जा | किशोर कुमार, पामेला चोपड़ा |
6. | कभी कस्में ना तोड़े,जो हो यार अपना | किशोर कुमार, लता मंगेशकर |
7. | तू मेरे साथ रहेगा मुन्ने | लता मंगेशकर |
प्रसिद्ध संवाद
- 'जिसने 25 बरस अपनी माँ को हर वक़्त थोड़ा थोड़ा मरते देखा हो, उस मौत से क्या डर लगेगा?'
- 'मैं आ गया माँ!'
- 'मैं पाँच लाख का सौदा करने आया हूँ और मेरी जेब में पाँच फूटी कौड़ी भी नहीं है।'
- 'मैं इस शहर में क्या लेकर आया था - सिर्फ़ अपनी माँ का नाम और एक दिन अपनी माँ का नाम लेकर वापस चला जाऊँगा।'
- आपकी तरफ से मेरी माँ को बदनामी और ग़रीबी के सिवा कुछ नहीं मिला, लेकिन आज में अपनी माँ की तरफ से आपको आपकी सारी दौलत वापस करता हूँ। आज आपके पास आपकी सारी दौलत है पर आपसे बड़ा ग़रीब मैने ज़िंदगी में नहीं देखा।'
कलाकार
फ़िल्म मे अमिताभ के अतिरिक्त संजीव कुमार, शशि कपूर, वहीदा रहमान, हेमा मालिनी, राखी गुलज़ार, प्रेम चोपड़ा, पूनम ढिल्लों, मनमोहन कृष्ण, सचिन, इफ़्तिखार, यूनुस परवेज, गीता सिद्धार्थ आदि कलाकारों ने भी काम किया है।
क्रमांक | कलाकार | पात्र का नाम |
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1. | अमिताभ बच्चन | विजय कुमार |
2. | संजीव कुमार | राज कुमार गुप्ता / आर. के. गुप्ता |
3. | शशि कपूर | शेखर गुप्ता |
4. | हेमामालिनी | शीतल वर्मा |
5. | राखी गुलज़ार | गीता |
6. | वहीदा रहमान | शांति |
7. | प्रेम चोपड़ा | बलवंत राय |
8. | पूनम ढिल्लों | बबली / कुसुम गुप्ता |
9. | सचिन | रवि |
10. | मनमोहन कृष्ण | सेठ दीनदयाल |
11. | इफ़्तिखार | मि. पी. एल. वर्मा |
12. | युनुस परवेज़ | भंडारी |
13. | एम. बी. शेट्टी | माधव सिंह |
14. | गीता सिद्धार्थ | कामिनी गुप्ता |
15. | जगदीश राज | पुलिस अफ़सर, जो बलवंत को पकड़ता है। |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ Trishul (1978 ) (अंग्रेज़ी)। । अभिगमन तिथि: 22 दिसम्बर, 2011।
- ↑ त्रिशूल(1978 ) (हिंदी)। । अभिगमन तिथि: 22 दिसम्बर, 2011।
- ↑ Trishul (1978 ) (अंग्रेज़ी)। । अभिगमन तिथि: 22 दिसम्बर, 2011।
बाहरी कड़ियाँ
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