अमरचंद

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अमर अथवा अमरचंद नाम के कई व्यक्तियों के उल्लेख प्राप्य हैं-

  1. परिमल नामक संस्कृत व्याकरण के रचयिता।
  2. वायड़गच्छीय जिनदत्त सूरि के शिष्य। इन्होंने कलाकलाप, काव्य-कल्पलता-वृत्ति, छंदोरत्नावली, बालभारत आदि संस्कृत ग्रंथों का प्रणयन किया।
  3. विवेकविलास के रचयिता। ईसा की १३वीं शताब्दी में यह विद्यमान थे।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 188 |

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