करहाटक

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करहाटक बंगलोर-पुणे रेल मार्ग पर पुणा से 124 मील दूर करहाड़ ही प्राचीन करहाटक है। करहाटक में कृष्णा और ककुद्मती नदियों का संगम होता है। करहाड़ से 10 मील पर कोल नृसिंह ग्राम में महर्षि पराशर द्वारा स्थापित नृसिंह-मूर्ति है। सभा पर्व महाभारत 31, 70 में करहाटक पर सहदेव की विजय का उल्लेख है-

'नगरी सज्यंती च पाखंडं करहाटकं दूतैरेवशे चके करं चैनानदापयत्'।



टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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