शर्की वंश
बनारस के उत्तर पश्चिम में स्थित जौनपुर राज्य की नींव फ़िरोज़शाह तुग़लक़ ने डाली थी। सम्भवतः इस राज्य को फ़िरोज ने अपने भाई 'जौना ख़ाँ' या 'जूना ख़ाँ' (मुहम्मद बिन तुग़लक़) की स्मृति में बसाया था। यह नगर गोमती नदी के किनारे स्थापित किया गया था। 1394 ई. में फ़िरोज तुग़लक़ के पुत्र सुल्तान महमूद ने अपने वज़ीर 'ख़्वाजा जहान' को ‘मलिक-उस-शर्क’ (पूर्व का स्वामी) की उपाधि प्रदान की। उसने दिल्ली पर हुए तैमूर के आक्रमण के कारण व्याप्त अस्थिरता का लाभ उठाकर स्वतन्त्र शर्की वंश की नींव डाली। इसने कभी सुल्तान की उपाधि धारण नहीं की। 1399 ई. में उसकी मृत्यु हो गई। उसके राज्य की सीमाएँ 'कोल', 'सम्भल' तथा 'रापरी' तक फैली हुयी थीं। उसने तिरहुत तथा दोआब के साथ-साथ बिहार पर भी प्रभुत्व स्थापित कर किया।
शासक
शर्की वंश में जो राजा हुए, उनके नाम इस प्रकार से है-
- [[मलिक करनफूल मुबारकशाह
]] (1399 - 1402 ई.)
(1402 - 1440 ई.)
- [[महमूदशाह
]] (1440 - 1457 ई.)
(1457 - 1458 ई.)
- हुसैनशाह शर्की (1458 - 1485 ई.)
|
|
|
|
|