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| {'मेल्टिंग वाच' किसकी पेंटिंग है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-134,प्रश्न-15
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| -[[एम.एफ. हुसैन]]
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| +सल्वाडोर डॉली
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| -माने
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| -पिकासो
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| ||सल्वाडोर डॉली ने अपने प्रसिद्ध चित्र 'द परसिस्टेंस ऑफ मेमोरी' में 'मेल्टिंग वाच' के चित्र को दर्शाया है जो डॉली के प्रसिद्ध चित्रों में से एक है।
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| {[[इटली]] में पंद्रहवीं शती की कला शैली को क्या कहा जाता है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-112,प्रश्न-67
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| -अंतिम गोथिक
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| -बाइजेन्टाइन
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| +पूर्व पुनरुत्थान काल
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| -चरम पुनरुत्थान काल
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| ||[[इटली]] में पंद्रहवीं शती की कला शैली को 'पूर्व पुनरुत्थान काल' कहा जाता है जबकि सोलहवीं शती की कला शैली को 'चरम पुनरुत्थान काल' एवं 'मेनेरिज्म' कहा जाता है।
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| {[[एम.एफ. हुसैन]] को किस कला धारा के लिए प्रमुख रूप से जाना जाता है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-100,प्रश्न-22
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| -परंपरागत
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| -[[मुग़ल कालीन चित्रकला|मुग़ल कला]]
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| -समकालीन
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| +आधुनिक
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| ||[[एम.एफ. हुसैन]] को आधुनिक भारतीय कलाकार के रूप में जाना जाता है। इन्होंने अपनी [[चित्रकला]] को श्रृंखलाओं के माध्यम से बनाया।
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| {[[भारतीय रिज़र्व बैंक]], [[नई दिल्ली]] स्थित यक्ष-यक्षिणी स्थापत्य किसके द्वारा निर्मित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-84,प्रश्न-53
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| -जी. के. म्हात्रे
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| -हिरण्यमय रायचौधरी
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| -सोमनाथ होर
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| +[[रामकिंकर बैज|राम किंकर बैज]]
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| ||[[भारतीय रिज़र्व बैंक]], [[नई दिल्ली]] में स्थित यक्ष-यक्षिणी की मूर्तियाँ [[रामकिंकर बैज|राम किंकर बैज]] द्वारा निर्मित की गई हैं।
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| {'भारतमाता' किसकी रचना है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-80,प्रश्न-21
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| -असित हल्दर
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| -[[अमृता शेरगिल]]
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| +[[अबनीन्द्रनाथ टैगोर]]
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| -[[अंजलि इला मेनन]]
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| ||'भारतमाता' [[अबनीन्द्रनाथ टैगोर]] की रचना है। उल्लेखनीय है कि 'भारतमाता' ही वह पेंटिंग है जिसे [[सिस्टर निवेदिता]] [[कश्मीर]] से [[कन्याकुमारी]] तक लेकर जाना चाहती थीं।
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| {'पहाड़ी स्कूल' 'कांगड़ा स्कूल' एवं 'राजपूत स्कूल' आदि का किससे संबंध है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-75,प्रश्न-24
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| |type="()"}
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| -[[शास्त्रीय संगीत]] से
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| -भारतीय नृत्य शैलियों से
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| -मुगल कालीन भवन निर्माण कला से
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| +चित्रकारी से
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| ||'पहाड़ी स्कूल' 'कांगड़ा स्कूल' एवं 'राजपूत स्कूल' आदि शैलियों का संबंध [[चित्रकला]] से है।
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| {[[शाहजहाँ]] काल की [[चित्रकला]] में चित्रित लघु चित्रों में अधिक चित्रित है-(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-66,प्रश्न-73
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| -युद्ध दृश्य
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| +रंगमहल दृश्य
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| -शिकार दृश्य
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| -धार्मिक विषय
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| ||[[शाहजहाँ]] काल की चित्रशाला में चित्रित लघु चित्रो में रंगमहल और काम क्रीड़ा या रति संबंधी दृश्यों पर आधारित चित्र अधिक संख्या में बनाए गये।
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| {'लाल पुष्प' किस मुग़ल कलाकार का चित्र है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-52
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| |type="()"}
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| -गोवर्धन
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| -[[अबुल हसन]]
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| -किसन दास
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| +[[उस्ताद मंसूर]]
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| ||पुष्पों की चित्रकारी में [[उस्ताद मंसूर]] को महारत हासिल थी। 'लाल पुष्पों की बहार' का चित्र उसके सर्वोत्तम चित्रों में से एक है।
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| {[[कंपनी शैली]] के प्रसिद्ध कलाकार कौन थे?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-77,प्रश्न-8
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| -रामलाल
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| -हसनराज
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| -रामाधार
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| +ईश्वरी प्रसाद
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| ||[[कंपनी शैली]] के प्रमुख चित्रकार ईश्वरी प्रसाद वर्मा, सेवक राम, हुलास लाल, शिवलाल, जयराम दास, झूमक लाल तथा फकीरचंद आदि थे।
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| {असित हल्दर किस आर्ट कॉलेज के प्रिंसिपल थे?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-92,प्रश्न-1
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| -पटना
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| -कलकत्ता
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| +लखनऊ
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| -दिल्ली
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| ||असित कुमार हल्दर वर्ष 1925 में [[लखनऊ]] कला विद्यालय के प्रिंसिपल हुए। हल्दर इस विद्यालय के प्रथम भारतीय प्रिंसिपल (प्राचार्य) थे। इससे पूर्व असित कुमार हल्दर [[शांतिनिकेतन]] के कला भवन के प्रधानाचार्य और महाराजा स्कूल ऑफ़ आर्ट के प्रधान शिक्षक रह चुके थे।
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| {[[इलाहाबाद विश्वविद्यालय]] में [[चित्रकला]] विभाग की स्थापना किस चित्रकार ने की थी?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-97,प्रश्न-3 | | {[[इलाहाबाद विश्वविद्यालय]] में [[चित्रकला]] विभाग की स्थापना किस चित्रकार ने की थी?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-97,प्रश्न-3 |