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{अंतर्राष्ट्रीय [[न्यायालय]] कहां स्थित है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-120,प्रश्न-17 | |||
|type="()"} | |||
-जेनेवा | |||
-वाशिंगटन डी.पी. | |||
+दी हेग | |||
-मैड्रिड | |||
||[[संयुक्त राष्ट्र संघ]] के घोषणा-पत्र के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय विवादों को शांतिपूर्ण तरीके सुलझाने के उद्देश्य से एक अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की स्थापना का प्रावधान रखा गया। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में 15 सदस्य होते हैं जो महासभा एवं सुरक्षा परिषद द्वारा निर्वाचित किए जाते हैं। इनका कार्यकाल 9 वर्षों का होता है। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का मुख्यालय हेग (नीदरलैंड) में है। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में गणपूर्ति (कोरम) के लिए कम से कम न्यायाधीशों की संख्या 9 होनी चाहिए। | |||
{[[मैक्स वेबर]] के अनुसार निम्न में से कौन-सी नौकरशाही की विशेषता नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-134,प्रश्न-35 | |||
|type="()"} | |||
-श्रम विभाजन | |||
+प्रतिबद्धता | |||
-पद-सोपान | |||
-निष्पक्षता | |||
||वेबर के नौकरशाही सूत्रीकरण से संरचनात्मक गुणों तथा व्यवहारगत गुणों का बनने वाला एक समूह है, जिसमें प्रथम में शामिल हैं-कार्य विभाजन, पदानुक्रम, नियमों की व्याख्या, भूमिका निर्धारण जबकि द्वितीय में शामिल हैं- तार्किकता, अवैयक्तिकता, नियम निर्देशिता, तटस्थता। इस प्रकार स्पष्ट है कि प्रतिबद्धता मैक्स वेबर के अनुसार नौकरशाही की विशेषता नहीं है। | |||
{फ्रांसीसी क्रांति का नारा था- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-195,प्रश्न-17 | |||
|type="()"} | |||
-स्वतंत्रता, संप्रभुता, बंधुत्व | |||
-समानता, एकता, संप्रभुता | |||
-स्वतंत्रता, राष्ट्रीयता, एकता | |||
+स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व | |||
||फ्रांसीसी क्रांति का नारा स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व था। इन शब्दों को [[फ्रांस]] का आदर्श वाक्य भी माना जाता है। फ्रांस की क्रांति वर्ष 1789 ई. में हुई थी। | |||
{'पॉलिटिकल लिबरलिज़्म' नामक पुस्तक का लेखक कौन है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-202,प्रश्न-14 | |||
|type="()"} | |||
-सी.बी. मैक्फर्सन | |||
-एच.जे. लास्की | |||
+जॉन रॉल्स | |||
-एल.टी. हॉबहाउस | |||
||'ए थ्योरी ऑफ़ जस्टिस' के लेखक जॉन राल्स हैं। राजनीतिक दर्शन एवं नीतिशास्त्र की यह पुस्तक वर्ष 1971 में प्रकाशित हुई। | |||
{वुडरो विल्सन के अनुसार कौन कार्य राज्य का ऐच्छिक कार्य है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-10,प्रश्न-37 | |||
|type="()"} | |||
-कानून-व्यवस्था बनाए रखना | |||
+श्रम कानून बनाना | |||
-दीवानी मामलों को निपटाना | |||
-मनुष्यों द्वारा किए गए समझौतों का पालन करना | |||
||जहां उदारवादी विचारक राज्य के न्यूनतम कार्य क्षेत्र का समर्थन करते हैं वहीं समाजवादी विचारक राज्य के अधिकतम कार्यक्षेत्र को महत्त्वपूर्ण मानते हैं। इसी संदर्भ में राज्य के उचित कार्य क्षेत्र के निर्धारण के लिए अनेक विद्वानों ने राज्य के कार्य को दो भागों- आवश्यक कार्य तथा ऐच्छिक कार्य में बांटा है। बुडरो विल्सन के अनुसार, राज्य के आवश्यक कार्य-व्यवस्था बनाये रखना, दीवानी मामलों का निपटारा, व्यक्तियों में आपसी संविदा से उत्पन्न अधिकारों को निश्चित करना तथा नागरिकों के राजनीतिक कर्त्तव्यों को निर्धारित करना है। वुडरो विल्सन के अनुसार राज्य के ऐच्छिक कार्य निम्न हैं- उद्योग व्यापार पर नियंत्रण, श्रम कानून बनाना, आवागमन की व्यवस्था आदि इस प्रकार श्रम कानून बनाना राज्य का ऐच्छिक कार्य है। | |||
{एकलवादी संप्रभुता सिद्धांत के प्रतिपादक थे- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-24,प्रश्न-14 | |||
|type="()"} | |||
-मैकियोवेली | |||
+ऑस्टिन | |||
-लास्की | |||
-मिल | |||
||जॉन ऑस्टिन द्वारा प्रतिपादित प्रभुसत्ता सिद्धांत को 'एकलवादी सिद्धांत' कहा जाता है। ऑस्टिन ने सकारात्मक कानून (Positive Law) का सिद्धांत भी प्रस्तुत किया था जो राज्य की कानूनी प्रभुसत्ता से जुड़ा है। | |||
{व्यवजारपरक राजनीति विज्ञान का जनक माना जाता है: (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-34, प्रश्न-24 | |||
|type="()"} | |||
-डेविड ईस्टन को | |||
+चार्ल्स मेरियम को | |||
-गैब्रियल आमंड को | |||
-ग्राहम वालास को | |||
||चार्ल्स ई. मेरियम को व्यवहारवादी राजनीति विज्ञान का बौद्धिक जनक माना जाता है। इन्होंने ही सर्वप्रथम राजनीतिक व्यवहार को राजनीतिक शोध में सम्मिलित करने की बात कही। मेरियम के नेतृत्व में शिकागो विश्वविद्यालय का राजनीति विज्ञान विभाग संचालित किया गया। 1925 में व्यवहारवादी क्रांति का शिकागो विश्वविद्यालय से विधिवत सूत्रपात हुआ। यद्यपि कि राजनीति शास्त्र में इसका व्यापक प्रचलन दूसरे महायुद्ध के बाद ही हुआ। व्यवहारवादी आंदोलन को आगे बढ़ाने में दो अमेरिकी संगठनों का बड़ा योगदान रहा। ये संगठन अमेरिकन पॉलिटिकल साइंस एशोसिएशन और 'सोशल साइंस रिसर्च काउंसिल' थे। | |||
{नाजियों द्वारा किस पुस्तक को अपना [[बाइबिल]] माना गया? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-42,प्रश्न-15 | |||
|type="()"} | |||
-दास कैपिटल | |||
-वार एंड पीस | |||
+मीन कैम्प | |||
-कम्युनिस्ट मेनिफेस्टो | |||
||[[जर्मनी]] में नाजियों द्वारा, हिटलर की पुस्तक मीनकैम्फ (अर्थ-मेरा संघर्ष) को बाइबिल माना गया था। यह पुस्तक हिटलर की आत्मकथा के साथ-साथ उसकी राजनीतिक विचार धारा और जर्मनी के बारे में उसकी योजनाओं का वर्णन है। जर्मनी के लैंड्सवर्ग जेल में बंद हिटलर ने 1923 में बोलना शुरू किया जिसे हिटलर के सहायक रूडोल्फ हेस लिखता गया। इस पुस्तक का सम्पादन रूडोल्फ हेस ने ही किया था। | |||
{निम्नलिखित कथनों पर विचार करें तथा प्रदत्त कूट से सही उत्तर का चयन करें- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-49,प्रश्न-25 | |||
|type="()"} | |||
-प्रजातंत्र के लिए राजनीतिक दल आवश्यक है। | |||
-राजनीतिक दल राजनीतिक शिक्षा प्रदान करते हैं। | |||
-जनमत निर्माण में राजनीति दलों की महती भूमिका है। | |||
+उपर्युक्त सभी | |||
||'गुप्त रूप से जनता की सेवा करना' राजनीतिक दलों का आवश्यक कार्य नहीं है। प्रजातंत्र में राजनीतिक दलों के कार्य, लोकमत का निर्माण करना, चुनावों का संचालन करना, सरकार का निर्माण करना, राजनीतिक चेतना का प्रसार करना, जनता व शासन के मध्य संबंध स्थापित करना, शासन सत्ता को मर्यादित रखना तथा सरकार के विभिन्न भागों के मध्य समंवय तथा सामंजस्य स्थापित करना आदि हैं। | |||
{"अधिकार कानूनों का तथा केवल कानूनों का फल है। बिना कानूनों के कोई अधिकार नहीं, कानूनों के खिलाफ कोई अधिकार नहीं तथा कानूनों से पहले कोई अधिकार नहीं।" यह कथन है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-68,प्रश्न-27 | |||
|type="()"} | |||
+बेंथम का | |||
-डायसी का | |||
-लास्की का | |||
-ऑस्टिन का | |||
||19वीं शताब्दी में प्राकृतिक अधिकारों का स्थान कानूनी अधिकारी ने ले लिया। कानूनी अधिकारों के सिद्धांत का मानना है कि अधिकार प्राकृतिक न होकर राज्य की देन होते हैं। इस सिद्धांत का स्पष्टीकरण और व्याख्या हमें बेंथम तथा ऑस्टिन जैसे कानून शास्त्रियों के विचारों में मिलती है। बेंथम के अनुसार अधिकारों का आधार केवल कानून ही है। इसके अनुसर कानून और अधिकार अनिवार्यत: एक हैं- कानून उसका वस्तुपरक रूप है और अधिकार व्यक्तिपरक रूप। इसके अनुसार अधिकार की तीन विशेषताएं है-राज्य ही अधिकारों का स्त्रोत है अर्थात अधिकार राज्य से पहले तीन हो सकते। राज्य अधिकारों को संस्थात्मक तथा कानूनी ढांचा प्रदान करता है यही इन्हें लागू करता है। राज्य ही अधिकारों की रचना करता है अर्थात जब कानूनों में परिवर्तन होता है तब अधिकारों में भी परिवर्तन आ जाता है। | |||
{भूतपूर्व सोवियत संविधान ने अपनी संघीय इकाइयों को कुछ ऐसे अधिकार दिए थे जो भारतीय तथा अमेरिकी संघों ने अपनी इकाइयों को नहीं दिए हैं। (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-113,प्रश्न-15 | |||
|type="()"} | |||
-विदेशी शक्तियों के साथ संबंध स्थापित करना | |||
-संघ से अलग हो सकना | |||
+उपर्युक्त दोनों | |||
-उपर्युक्त सभी | |||
||भूतपूर्व सोवियत संघ के संविधान में संघीय इकाइयों (राज्यों) को संघ से पृथक होने का अधिकार दिया गया था। साथ ही संघीय इकाइयां विदेशी शक्तियों के साथ संबंध स्थापित कर सकती थीं अत: स्पष्ट है कि कथन (1) और (2) सही है। | |||
{विश्व स्वास्थ्य संगठन का मुख्यालय कहां हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-120,प्रश्न-18 | |||
|type="()"} | |||
-वियेना | |||
-रोम | |||
-न्यूयॉर्क | |||
+जिनेवा | |||
||विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना 7 अप्रैल, 1948 को की गई। इसका उद्देश्य विश्व के लोगों का स्वास्थ्य स्तर ऊंचा करना है। इसके 194 सदस्य देश तथा 2 संबद्ध सदस्य हैं। इसका मुख्यालय जिनेवा (स्विट्जरलैंड) में है। | |||
{"जब प्रशासन का कार्य नहीं बढ़ता है, उस स्थिति में भी उसका आकार बढ़ता जाता है।" उपर्युक्त अवधारणा के साथ किसका नाम जुड़ा हुआ है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-134,प्रश्न-36 | |||
|type="()"} | |||
+पर्किन्सन का | |||
-जेनिंग्स का | |||
-माइटरवे का | |||
-हिंग्लेएन का | |||
||उपर्युक्त अवधारणा के साथ ब्रिटिश सिविल सेवक सिरिल नार्थकोट पर्किन्सन का नाम जुड़ा हुआ है। | |||
{नव उपनिवेशवाद के संबंध में क्या सही है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-195,प्रश्न-18 | |||
|type="()"} | |||
-नव उपनिवेशवाद 'प्रभाव क्षेत्र' का साम्राज्य है एवं यह आधुनिक साम्राज्यवाद है। | |||
-नव उपनिवेशवाद में एक शक्तिशाली राष्ट्र से और अपेक्षाकृत एक कम शक्तिशाली राष्ट्र का संबंध एक आर्थिक उपनिवेश अथवा उपग्रह का होता है। | |||
-इसमें बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा खनिज संपदा एक उपभोक्त व्यापार पर नियंत्रण आदि साधनों का प्रयोग किया जाता है। | |||
+उपर्युक्त सभी | |||
||विकसित देशों द्वारा विकासशील देशों के आंतरिक मामलों में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से किए जाने वाले हस्तक्षेप को 'नव-उपनिवेशवाद' (Neo-Colonialism) कहा जाता है। प्रश्न में दिए गए तीनों कथन नव-उपनिवेशवाद के संबंध में सही हैं। | |||
{'वेल्थ ऑफ़ नेशंस' किसकी रचना है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-202,प्रश्न-15 | |||
|type="()"} | |||
-स्पेंसर की | |||
+एडम स्मिथ की | |||
-रिकार्डो की | |||
-लास्की की | |||
||'एन इंक्वायरी इन टू दि नेचर एंड कॉलेज ऑफ़ दि वेल्थ ऑफ़ नेशंस' एडम स्मिथ द्वारा लिखी गई है, जिसका संक्षिप्त शीर्षक, 'वेल्थ ऑफ़ नेशंस' है। इसका प्रकाशन वर्ष 1776 में किया गया। | |||
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11:33, 6 जनवरी 2018 का अवतरण
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