"प्रयोग:कविता सा.-2": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
कविता भाटिया (वार्ता | योगदान) No edit summary |
कविता भाटिया (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 35: | पंक्ति 35: | ||
-[[दंडी]] | -[[दंडी]] | ||
-[[भवभूति]] | -[[भवभूति]] | ||
||'अभिज्ञानशाकुंतलम' के रचयिता कालिदास हैं। [[ऋतुसंहार|ऋतु संहार]], अभिज्ञानशाकुंतकम्, [[मेघदूत]], [[कुमारसंभव]] तथा यघुवंश आदि [[कालिदास]] की प्रमुख रचनाएं हैं। [[कवि]] और नाटककार के रूप में [[कालिदास]] का अद्वितीय स्थान है। {{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[कालिदास]] | |||
||'अभिज्ञानशाकुंतलम' के रचयिता कालिदास हैं। [[ऋतुसंहार|ऋतु संहार]], अभिज्ञानशाकुंतकम्, [[मेघदूत]], [[कुमारसंभव]] तथा यघुवंश आदि [[कालिदास]] की प्रमुख रचनाएं हैं। [[कवि]] और नाटककार के रूप में [[कालिदास]] का अद्वितीय स्थान है। | |||
{गढ़ी कला केंद्र संबंधित है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-197,प्रश्न-93 | {गढ़ी कला केंद्र संबंधित है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-197,प्रश्न-93 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
पंक्ति 52: | पंक्ति 51: | ||
-पुष्प संयोजन | -पुष्प संयोजन | ||
-[[पॉटरी कला]] | -[[पॉटरी कला]] | ||
||वुडकट तकनीक, छापाकला (मुद्रण) के अंतर्गत है। [[भारत]] में वुडकट तकनीक 19वीं शताब्दी में सर्वप्रथम कंपनी शैली के चित्रकारी द्वारा प्रचलित हुई। छापा चित्रण की चार पद्धतियों में से | ||वुडकट तकनीक, छापाकला (मुद्रण) के अंतर्गत है। [[भारत]] में वुडकट तकनीक 19वीं शताब्दी में सर्वप्रथम कंपनी शैली के चित्रकारी द्वारा प्रचलित हुई। छापा चित्रण की चार पद्धतियों में से रिलीफ़ प्रोसेस के अंतर्गत वुडकट तथा लीनोकट तकनीक आती है। | ||
{भारतीय चित्रकला में रंग के साथ महत्त्व है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-163,प्रश्न-43 | {[[चित्रकला|भारतीय चित्रकला]] में [[रंग]] के साथ महत्त्व है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-163,प्रश्न-43 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-प्रकाश और छाया का | -[[प्रकाश]] और छाया का | ||
-परिप्रेक्ष्य का | -परिप्रेक्ष्य का | ||
+रेखा का | +रेखा का | ||
- | -मॉडलिंग का | ||
||भारतीय चित्रकला जीवन के भौतिक एवं आध्यात्मिक पक्षों की सुंदर अभिव्यक्ति रही है। जिसमें रेखा और रंग मिलकर चित्रित अभिव्यक्तियों को बहुआयामी बनाते रहे हैं। | ||[[चित्रकला|भारतीय चित्रकला]] जीवन के भौतिक एवं आध्यात्मिक पक्षों की सुंदर अभिव्यक्ति रही है। जिसमें रेखा और [[रंग]] मिलकर चित्रित अभिव्यक्तियों को बहुआयामी बनाते रहे हैं। | ||
{ | {मोनालिसा प्रतिमा कहाँ संग्रहीत है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-108,प्रश्न-38 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+पेरिस में | +पेरिस में | ||
-[[लंदन]] में | -[[लंदन]] में | ||
-[[ | -[[दिल्ली]] में | ||
- | -[[टोकियो]] में | ||
|| | ||मोनालिसा इटैलियन चित्रकार लियोनार्डो द विंची द्वारा 1503-06 ई. के मध्य चित्रित की गई। इस चित्र की पृष्ठभूमि में प्राकृतिक दृश्य चित्र दर्शाया गया है। वर्तमान में यह पेरिस के लूव्र संग्रहालय में है। | ||
{'ताहिती द्वीप' किस कलाकार का प्रेरणा-स्त्रोत था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-122,प्रश्न-51 | {'ताहिती द्वीप' किस कलाकार का प्रेरणा-स्त्रोत था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-122,प्रश्न-51 | ||
पंक्ति 76: | पंक्ति 75: | ||
-वान गॉग | -वान गॉग | ||
-माटिस | -माटिस | ||
|| | ||तीन ताहिती महिलाएँ, ताबीज, रखवाला मृतात्मा, ताहिती के चारागाह, चन्द्रमा और [[पृथ्वी]], [[फल]] लिए हुए महिला आदि पॉल गॉगिन के प्रमुख चित्र है। | ||
{मदर गॉडेस की मूर्ति किस माध्यम में है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-175,प्रश्न-72 | {मदर गॉडेस की मूर्ति किस माध्यम में है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-175,प्रश्न-72 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-ब्रौंज | -ब्रौंज | ||
- | -सिल्वर | ||
+टेराकोटा | +[[टेराकोटा]] | ||
-मारबल | -मारबल | ||
||प्रश्न में स्पष्ट रूप से मदर गॉडेस की | ||प्रश्न में स्पष्ट रूप से मदर गॉडेस की कामूर्ति युग नहीं पूछा गया है क्योंकि मदर गॉदेस की मूर्ति अलग-अलग युगों में अलग-अलग धातुओं से बनी हैं। जैसे प्रागैतिहासिक गुफ़ाओं में हाथी दांत तथा सेलखड़ी पत्थर के नारीमुंड, एक नारी आवक्षमूर्ति बनी हुई है जिसे 'वीनस' नाम दिया गया है। इनमें लौजल, लेस्पूग, सायविल, विलेन्डोर्फ आदि विशेष प्रसिद्ध हैं। | ||
{उपन्यास 'लस्ट | {उपन्यास 'लस्ट फॉर लाइफ' किस कलाकार के जीवन की कहानी है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-123,प्रश्न-62 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+वान गॉग | +वान गॉग | ||
पंक्ति 92: | पंक्ति 91: | ||
-पिकासो | -पिकासो | ||
-गॉगिन | -गॉगिन | ||
||उपन्यास 'लस्ट फॉर लाइफ' वर्ष [[1934]] में उपन्यासकार इर्विंग स्टोन ने लिखी थी। यह प्रसिद्ध डच चित्रकार विन्सेंट वान गॉग के जीवन पर आधारित है। | ||उपन्यास 'लस्ट फॉर लाइफ' वर्ष [[1934]] में उपन्यासकार इर्विंग स्टोन ने लिखी थी। यह प्रसिद्ध डच [[चित्रकार]] विन्सेंट वान गॉग के जीवन पर आधारित है। | ||
</quiz> | </quiz> | ||
|} | |} | ||
|} | |} |
10:19, 8 नवम्बर 2017 का अवतरण
|