"प्रयोग:Renu4": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
== सर्वनाम ==
 
=== पुरुषवाचक ===
{|class="wikitable"
|-
! गुजराती
! हिन्दी
! गुजराती
! हिन्दी
! गुजराती
! हिन्दी
|-align="center"
|હું||मैं||મેં||मैंने||મને||मुझे
|-align="center"
|આપણે, અમે||हम||આપણે, અમે||हमने||આપણને, અમને||हमें
|-align="center"
|તું||तू||તેં||तूने||તને||तुझे
|-align="center"
|તમે||तुम||તમે||तुमने||તમને||तुम्हें
|-align="center"
|આપ||आप||આપે||आपने||આપને||आपको
|-align="center"
|આ||यह, ये||આણે||इसने, इन्होंने||આને||इस्स, इन्हें
|-align="center"
|તે||वह||તેણે||उसने||તેને||उस्से
|-align="center"
|તેઓ||वे||તેઓએ, તેમણે||उन्होंने||તેઓન, તેમને||उन्हें
|-
|}
==उद्योग व व्यवसाय==
==उद्योग व व्यवसाय==
विश्व में ज़्यादा जूट-प्रसंस्करण कोलकाता में किया जाता है। सर्वप्रथम 1870 के दशक में जूट उद्योग की स्थापना हुई थी और हुगली नदी के दोनों तटों पर शहर के केन्द्र उत्तर और दक्षिण तक जूट मिलें फैली हुई हैं। अभियांत्रिकी इस शहर का एक प्रमुख उद्योग है। इसके अतिरिक्त यहाँ कारख़ाने कई प्रकार की उपभोक्ता वस्तुओं, मुख्यतः खाद्य पदार्थ, पेय, तम्बाकू, वस्त्र और रसायनों का निर्माण व वितरण करते हैं। 1947 में भारत की आज़ादी के बाद से कोलकाता के उद्योगों का पतन हो रहा है। इसके मुख्य कारण हैं, स्वतंत्रता के समय पूर्वी बंगाल को खो देना, कोलकाता के समग्र औद्योगिक उत्पादकता में कमी और शहर में औद्योगिक वैविध्य का पतन।  
विश्व में ज़्यादा जूट-प्रसंस्करण कोलकाता में किया जाता है। सर्वप्रथम 1870 के दशक में जूट उद्योग की स्थापना हुई थी और हुगली नदी के दोनों तटों पर शहर के केन्द्र उत्तर और दक्षिण तक जूट मिलें फैली हुई हैं। अभियांत्रिकी इस शहर का एक प्रमुख उद्योग है। इसके अतिरिक्त यहाँ कारख़ाने कई प्रकार की उपभोक्ता वस्तुओं, मुख्यतः खाद्य पदार्थ, पेय, तम्बाकू, वस्त्र और रसायनों का निर्माण व वितरण करते हैं। 1947 में भारत की आज़ादी के बाद से कोलकाता के उद्योगों का पतन हो रहा है। इसके मुख्य कारण हैं, स्वतंत्रता के समय पूर्वी बंगाल को खो देना, कोलकाता के समग्र औद्योगिक उत्पादकता में कमी और शहर में औद्योगिक वैविध्य का पतन।  

06:36, 9 अगस्त 2010 का अवतरण

उद्योग व व्यवसाय

विश्व में ज़्यादा जूट-प्रसंस्करण कोलकाता में किया जाता है। सर्वप्रथम 1870 के दशक में जूट उद्योग की स्थापना हुई थी और हुगली नदी के दोनों तटों पर शहर के केन्द्र उत्तर और दक्षिण तक जूट मिलें फैली हुई हैं। अभियांत्रिकी इस शहर का एक प्रमुख उद्योग है। इसके अतिरिक्त यहाँ कारख़ाने कई प्रकार की उपभोक्ता वस्तुओं, मुख्यतः खाद्य पदार्थ, पेय, तम्बाकू, वस्त्र और रसायनों का निर्माण व वितरण करते हैं। 1947 में भारत की आज़ादी के बाद से कोलकाता के उद्योगों का पतन हो रहा है। इसके मुख्य कारण हैं, स्वतंत्रता के समय पूर्वी बंगाल को खो देना, कोलकाता के समग्र औद्योगिक उत्पादकता में कमी और शहर में औद्योगिक वैविध्य का पतन।

शैक्षणिक संस्थान

कलकत्ता विश्वविद्यालय, कोलकाता
Calcutta Universtiy, Kolkata

शिक्षा लम्बे समय से कोलकाता में उच्च सामाजिक स्तर का परिचायक रही है। यह शहर भारतीय शिक्षा के पुनर्जीवन काल से, जिसकी शुरुआत 19वीं शताब्दी के प्रारम्भिक वर्षों में बंगाल में हुई, शिक्षा का एक केन्द्र रहा है। अंग्रेज़ी शैली का पहला विद्यालय, द हिन्दू कालेज (जो बाद में प्रेज़िडेंसी कालेज कहलाया) 1817 में स्थापित हुआ। शहर में प्राथमिक शिक्षा का संचालन पश्चिमी बंगाल शासन के द्वारा किया जाता है और नगर निगम द्वारा चलाए जा रहे विद्यालयों में यह निःशुल्क है। बहुत बड़ी संख्या में बच्चे निजी प्रबंधन द्वारा संचालित मान्यता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षा पाते हैं। अधिकांश उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा मण्डल के अधीन हैं और कुछ केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड व भारतीय माध्यमिक शिक्षा परिषद के अधीन हैं।

कोलकाता के विश्वविद्यालय

परिवहन

हवाई मार्ग

  • यहाँ दमदम हवाई अड्डा है। यहाँ देश के लगभग हर राज्‍य तथा हर महत्‍वपूर्ण शहर से सीधी उड़ानें उपलब्‍ध है। साथ ही यह हवाई अड्डा विदेशों से भी नियमित उड़ान द्वारा जुड़ा हुआ है।

रेल मार्ग

  • हावड़ा तथा सियालदह यहाँ के दो महत्‍वपूर्ण रेलवे स्‍टेशन है। यहाँ से देश के लगभग हर शहर के लिए रेल सेवा उपलब्‍ध है।

सड़क मार्ग

  • यह शहर राष्‍ट्रीय राजमार्ग तथा राज्‍य राजमार्ग से पूरे देश से जुड़ा हुआ है। यह राष्‍ट्रीय राजमार्ग संख्‍या 2 से दिल्ली तथा राष्‍ट्रीय राजमार्ग संख्‍या 6 से मुंबई और चेन्नई से जुड़ा हुआ है। यहाँ से ढाका, नेपाल तथा भूटान सीमा के निकटवर्ती स्‍थानों के लिए भी बसें जाती है।