"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/1": अवतरणों में अंतर
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||[[चित्र:Karn1.jpg|right|100px|कर्ण पर बाण चलाते अर्जुन]][[महाभारत]] के अनुसार [[कर्ण]] का जन्म [[सूर्य देव]] के वरदान से [[कुंती]] के गर्भ से कुमारी अवस्था में अर्थात [[विवाह]] से पूर्व हुआ था। लोक लाज के भय से कुंती ने बालक को एक सन्दूक में रखकर नदी में बहा दिया। नदी में बहता हुआ यह सन्दूक सूत अधिरथ और उसकी पत्नी राधा को मिल गया, जिन्होंने बालक का लालन-पालन अपने पुत्र के समान किया। इसी कारण कर्ण को 'सूतपुत्र और 'राधेय' भी कहा गया है। इनके अतिरिक्त कर्ण को 'वसुषेण' तथा 'वैकर्तन' नाम से भी जाना जाता है। सूतपुत्र होने के कारण [[अर्जुन]] कर्ण को हेय समझते थे। उन्हें यह ज्ञात नहीं था कि कर्ण उनके बड़े भाई हैं। [[भीष्म]] भी कर्ण को इसी कारण अधिरथ कहते थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कर्ण]] | |||
{निम्न में से किस राजा को 'महाबाहु', 'महाबली' और 'देवेन्द्र के समान तेज़ वाला' कहा गया है। | {निम्न में से किस राजा को 'महाबाहु', 'महाबली' और 'देवेन्द्र के समान तेज़ वाला' कहा गया है। |
08:15, 9 अगस्त 2013 का अवतरण
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