"परशु अस्त्र": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
शिल्पी गोयल (वार्ता | योगदान) (''''परशु अस्त्र''' यह छुरे के समान होता है। भगवान [[परशुर...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''परशु अस्त्र''' | '''परशु अस्त्र''' | ||
यह छुरे के समान होता है। भगवान [[परशुराम]] के पास अक्सर रहता था। इसके नीचे लोहे का एक चौकोर मुँह लगा होता है। यह दो गज़ लंबा होता है। | यह छुरे के समान होता है। भगवान [[परशुराम]] के पास अक्सर रहता था। इसी से इसका नाम उनके नाम पर 'परशु' पड़ा। इसके नीचे लोहे का एक चौकोर मुँह लगा होता है। यह दो गज़ लंबा होता है। इनका प्रयोग [[महाभारत|महाभारतकाल]] में किया जाता था। प्राचीन समय में देवी देवता भी इसका प्रयोग करते थे। | ||
[[Category:पौराणिक_कोश]] | [[Category:पौराणिक_कोश]] | ||
[[Category:महाभारत]] | [[Category:महाभारत]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
06:55, 25 मई 2010 का अवतरण
परशु अस्त्र
यह छुरे के समान होता है। भगवान परशुराम के पास अक्सर रहता था। इसी से इसका नाम उनके नाम पर 'परशु' पड़ा। इसके नीचे लोहे का एक चौकोर मुँह लगा होता है। यह दो गज़ लंबा होता है। इनका प्रयोग महाभारतकाल में किया जाता था। प्राचीन समय में देवी देवता भी इसका प्रयोग करते थे।