"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/2": अवतरणों में अंतर
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||[[महाभारत]] में [[पांडव|पांडवों]] के वनवास में एक वर्ष का [[अज्ञातवास]] भी था, जो उन्होंने [[विराट नगर]] में बिताया था। विराट नगर में पांडव अपना नाम और पहचान छुपाकर रहे। इन्होंने [[विराट|राजा विराट]] के यहाँ सेवक बनकर एक वर्ष बिताया। यहाँ [[युधिष्ठिर]] सबसे अपरिचित रहकर 'कंक' नामक [[ब्राह्मण]] के रूप में रहने लगे। [[भीम|भीमसेन]] रसोइया 'वल्लभ' बने और [[अर्जुन]] ने अपना नाम 'बृहन्नला' रख लिया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बृहन्नला]] | ||[[चित्र:Karn1.jpg|right|100px|अर्जुन द्वारा कर्ण का वध]][[महाभारत]] में [[पांडव|पांडवों]] के वनवास में एक वर्ष का [[अज्ञातवास]] भी था, जो उन्होंने [[विराट नगर]] में बिताया था। विराट नगर में पांडव अपना नाम और पहचान छुपाकर रहे। इन्होंने [[विराट|राजा विराट]] के यहाँ सेवक बनकर एक वर्ष बिताया। यहाँ [[युधिष्ठिर]] सबसे अपरिचित रहकर 'कंक' नामक [[ब्राह्मण]] के रूप में रहने लगे। [[भीम|भीमसेन]] रसोइया 'वल्लभ' बने और [[अर्जुन]] ने अपना नाम 'बृहन्नला' रख लिया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बृहन्नला]] | ||
{राजा विराट की कन्या का क्या नाम था, जिससे [[अभिमन्यु]] का विवाह हुआ? | {राजा विराट की कन्या का क्या नाम था, जिससे [[अभिमन्यु]] का विवाह हुआ? | ||
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||[[उत्तरा]] [[विराट|राजा विराट]] और मत्स्य-महीप विराट की रानी 'सुदेष्णा' की पुत्री थी। जब [[पाण्डव]] [[अज्ञातवास]] कर रहे थे, उस समय [[अर्जुन]] [[बृहन्नला]] नाम ग्रहण करके रह रहे थे। बृहन्नला ने उत्तरा को [[नृत्य]], [[संगीत]] आदि की शिक्षा दी थी। जिस समय [[कौरव]] विराट की [[गाय|गौओं]] को हरकर ले जाने लगे, तब उन्हें अर्जुन ने परास्त किया। उस समय कौरवों ने पाण्डवों को पहचान लिया। [[श्रीकृष्ण]] की बहिन सुभद्रा ने अर्जुन से [[अभिमन्यु]] नामक पुत्र को उत्पन्न किया था, उससे राजा विराट ने अपनी कन्या उत्तरा ब्याह दी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[उत्तरा]] | ||[[चित्र:Uttara-abhimanu.jpg|right|100px|अभिमन्यु तथा उत्तरा]][[उत्तरा]] [[विराट|राजा विराट]] और मत्स्य-महीप विराट की रानी 'सुदेष्णा' की पुत्री थी। जब [[पाण्डव]] [[अज्ञातवास]] कर रहे थे, उस समय [[अर्जुन]] [[बृहन्नला]] नाम ग्रहण करके रह रहे थे। बृहन्नला ने उत्तरा को [[नृत्य]], [[संगीत]] आदि की शिक्षा दी थी। जिस समय [[कौरव]] विराट की [[गाय|गौओं]] को हरकर ले जाने लगे, तब उन्हें अर्जुन ने परास्त किया। उस समय कौरवों ने पाण्डवों को पहचान लिया। [[श्रीकृष्ण]] की बहिन सुभद्रा ने अर्जुन से [[अभिमन्यु]] नामक पुत्र को उत्पन्न किया था, उससे राजा विराट ने अपनी कन्या उत्तरा ब्याह दी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[उत्तरा]] | ||
{[[कौरव]] सेना के प्रथम सेनापति कौन नियुक्त हुए थे? | {[[कौरव]] सेना के प्रथम सेनापति कौन नियुक्त हुए थे? |
13:51, 2 फ़रवरी 2012 का अवतरण
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