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{महमूद बेगड़ा किस राज्य का प्रसिद्ध सुल्तान था? | {महमूद बेगड़ा किस राज्य का प्रसिद्ध सुल्तान था? | ||
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-मालवा | -[[मालवा]] | ||
-[[गुजरात]] | -[[गुजरात]] | ||
+[[खानदेश]] | +[[खानदेश]] | ||
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{[[अकबर]] द्वारा बनाई गई कौन सी इमारत का नक्शा [[बौद्ध विहार]] की तरह है? | {[[अकबर]] द्वारा बनाई गई कौन सी इमारत का नक्शा [[बौद्ध विहार]] की तरह है? | ||
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+ | +पंचमहल | ||
-दीवान ए ख़ास | -दीवान ए ख़ास | ||
-जोधाबाई का महल | -जोधाबाई का महल | ||
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{गोविन्द महल, जो [[हिन्दू|हिन्दू वास्तुकला]] का अप्रतिम उदाहरण है, स्थित है? | |||
{गोविन्द महल, जो हिन्दू वास्तुकला का अप्रतिम उदाहरण है, स्थित है? | |||
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+दतिया में | +दतिया में | ||
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-[[ग्वालियर]] में | -[[ग्वालियर]] में | ||
{किस [[सिक्ख धर्म| | {किस [[सिक्ख धर्म|सिक्ख]] गुरु ने [[गुरु नानक]] की जीवनी लिखी थी? | ||
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-[[गुरु अंगद देव]] ने | -[[गुरु अंगद देव]] ने | ||
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-[[भगत सिंह]] | -[[भगत सिंह]] | ||
-[[बटुकेश्वर दत्त]] | -[[बटुकेश्वर दत्त]] | ||
-बरकतुल्ला | |||
||[[चित्र:Ram-Prasad-Bismil.jpg|राम प्रसाद बिस्मिल|100px|right]]पंडित रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ का जन्म [[उत्तर प्रदेश]] के [[शाहजहाँपुर]] ज़िले में [[11 जून]], 1897 को हुआ। यह वह समय था जब देश में राष्ट्रीय आन्दोलन ज़ोरों पर था। देश में ब्रिटिश हुक़ूमत के ख़िलाफ़ एक ऐसी लहर उठने लगी थी जो पूरे [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ी]] शासन को लीलने के लिए बेताब हो चली थी।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राम प्रसाद बिस्मिल]] | ||[[चित्र:Ram-Prasad-Bismil.jpg|राम प्रसाद बिस्मिल|100px|right]]पंडित रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ का जन्म [[उत्तर प्रदेश]] के [[शाहजहाँपुर]] ज़िले में [[11 जून]], 1897 को हुआ। यह वह समय था जब देश में राष्ट्रीय आन्दोलन ज़ोरों पर था। देश में ब्रिटिश हुक़ूमत के ख़िलाफ़ एक ऐसी लहर उठने लगी थी जो पूरे [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ी]] शासन को लीलने के लिए बेताब हो चली थी।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राम प्रसाद बिस्मिल]] | ||
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{चरक किसके राज-चिकित्सक थे? | {चरक किसके राज-चिकित्सक थे? | ||
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- | -हर्ष | ||
-[[चन्द्रगुप्त मौर्य]] | -[[चन्द्रगुप्त मौर्य]] | ||
-[[अशोक]] | -[[अशोक]] | ||
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+[[चित्तौड़गढ़]] | +[[चित्तौड़गढ़]] | ||
- | -देहली | ||
-[[झाँसी]] | -[[झाँसी]] | ||
- | -सीकरी | ||
||[[चित्र:Kirti-Stambh-Chittorgarh-1.jpg|चित्तौड़गढ़ के सात सात दरवाज़े बहुत प्रसिद्ध हैं। इन दरवाज़ों के नाम हैं—पद्मपोल, भैरवपोल, हनुमानपोल, गणेशपोल, जोठलापोल और रामपोल। भैरवपोल के पास जयमल और कल्लू राठौर के स्मारक हैं। पत्ता का स्मारक भी पास ही है। रामपोल के ही निकट पलालेश्वर है, जहाँ राणा सांगा की कई तोपे रखी हैं। निकटस्थ शांतिनाथ के जैन मन्दिर को बहादुरशाह ने विध्वंस कर दिया था। वीरांगना [[पन्ना धाय]] का महल रानीमहल के निकट ही है। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चित्तौड़गढ़]] | ||[[चित्र:Kirti-Stambh-Chittorgarh-1.jpg|चित्तौड़गढ़ के सात सात दरवाज़े बहुत प्रसिद्ध हैं। इन दरवाज़ों के नाम हैं—पद्मपोल, भैरवपोल, हनुमानपोल, गणेशपोल, जोठलापोल और रामपोल। भैरवपोल के पास जयमल और कल्लू राठौर के स्मारक हैं। पत्ता का स्मारक भी पास ही है। रामपोल के ही निकट पलालेश्वर है, जहाँ राणा सांगा की कई तोपे रखी हैं। निकटस्थ शांतिनाथ के जैन मन्दिर को बहादुरशाह ने विध्वंस कर दिया था। वीरांगना [[पन्ना धाय]] का महल रानीमहल के निकट ही है। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चित्तौड़गढ़]] | ||
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-जदुनाथ सरकार | -जदुनाथ सरकार | ||
-[[कनिंघम]] | -[[कनिंघम]] | ||
+कर्नल | +[[कर्नल टॉड]] | ||
-विलियम जोंस | -विलियम जोंस | ||
||[[ | ||कर्नल जेम्स टॉड का जन्म इंग्लैड के 'इंस्लिग्टन' नामक स्थान में [[20 मार्च]], सन 1782 में हुआ था। इनके पिता और माता दोनों [[ईस्ट इंडिया कंपनी]] की सिविल सर्विस में थे। इसलिए इन्हें सरलता से सेना के उच्च उम्मेदवारों में स्थान मिल गया। [[कोलकाता|कलकता]] पहुँचने पर दूसरे नंबर की यूरोपियन रेजिमेंट में इनकी नियुक्ति हुई। कुछ महीने बाद 14 नबंर की सेना में इन्हें 'लेफ्टिनेंट' का पद मिला। सन 1807 में 15 नंबर की देशी सेना में इनका तबादला हुआ।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कर्नल टाड]] | ||
{[[कश्मीर]] पर लगभग 50 वर्ष तक शासन करने वाली रानी दिद्दा किस वंश की थी? | {[[कश्मीर]] पर लगभग 50 वर्ष तक शासन करने वाली रानी दिद्दा किस वंश की थी? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -[[कर्कोटक वंश]] | ||
-उत्पल वंश | -[[उत्पल वंश]] | ||
+लोहार वंश | +[[लोहार वंश]] | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
||लोहार वंश का संस्थापक संग्रामराज था। संग्रामराज की बाद अनन्त पर इस वंश का शासक हुआ। उसने अपने शासन काल में सामन्तों के विद्रोह को कुचला। उसके प्रशासन में उसकी पत्नी रानी सूर्यमती सहयोग करती थी। अनन्त का पुत्र कलश एक कमज़ोर शासक था।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लोहार वंश]] | |||
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07:57, 23 जुलाई 2011 का अवतरण
इतिहास
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