"सदस्य:लक्ष्मी गोस्वामी/अभ्यास4": अवतरणों में अंतर

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||[[चित्र:Bankim-Chandra-Chatterjee.jpg|बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय|100px|right]]बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय के दूसरे उपन्यास 'कपाल कुण्डली', 'मृणालिनी', 'विषवृक्ष', 'कृष्णकांत का वसीयत नामा', 'रजनी', 'चन्द्रशेखर' आदि प्रकाशित हुए। राष्ट्रीय दृष्टि से '[[आनंदमठ]]' उनका सबसे प्रसिद्ध उपन्यास है। इसी में सर्वप्रथम '[[वन्दे मातरम्]]' गीत प्रकाशित हुआ था। ऐतिहासिक और सामाजिक तानेबाने से बुने हुए इस उपन्यास ने देश में राष्ट्रीयता की भावना जागृत करने में बहुत योगदान दिया।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय]]  
||[[चित्र:Bankim-Chandra-Chatterjee.jpg|बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय|100px|right]]बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय के दूसरे उपन्यास 'कपाल कुण्डली', 'मृणालिनी', 'विषवृक्ष', 'कृष्णकांत का वसीयत नामा', 'रजनी', 'चन्द्रशेखर' आदि प्रकाशित हुए। राष्ट्रीय दृष्टि से '[[आनंदमठ]]' उनका सबसे प्रसिद्ध उपन्यास है। इसी में सर्वप्रथम '[[वन्दे मातरम्]]' गीत प्रकाशित हुआ था। ऐतिहासिक और सामाजिक तानेबाने से बुने हुए इस उपन्यास ने देश में राष्ट्रीयता की भावना जागृत करने में बहुत योगदान दिया।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय]]  


{चरक किसके राज-चिकित्सक थे?
|type="()"}
-[[हर्ष]]
-[[चन्द्रगुप्त मौर्य]]
-[[अशोक]]
+[[कनिष्क]]
||[[चित्र:Kanishka-Coin.jpg|कनिष्क का सिक्का|100px|right]]कनिष्क के संरक्षण में न केवल बौद्ध धर्म की उन्नति हुई, अपितु अनेक प्रसिद्ध विद्वानों ने भी उसके राजदरबार में आश्रय ग्रहण किया। वसुमित्र, पार्श्व और [[अश्वघोष]] के अतिरिक्त प्रसिद्ध बौद्ध विद्वान [[नागार्जुन बौद्धाचार्य|नागार्जुन]] भी उसका समकालीन था। नागार्जुन [[बौद्ध धर्म]] का प्रसिद्ध दार्शनिक हुआ है, और [[महायान]] सम्प्रदाय का प्रवर्तक उसी को माना जाता है। उसे भी कनिष्क का संरक्षण प्राप्त था। [[आयुर्वेद]] का प्रसिद्ध आचार्य [[चरक]] भी उसके आश्रय में पुष्पपुर में निवास करता था।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कनिष्क]]
{[[गुप्त साम्राज्य|गुप्त शासकों]] द्वारा जारी किए गए [[चाँदी]] के सिक्के कहलाते थे?
|type="()"}
+रुपक
-कार्षापण
-दीनार
-पण
{विजय स्तंभ कहाँ स्थित हौ?
|type="()"}
+[[चित्तौड़गढ़]]
-[[देहली]]
-[[झाँसी]]
-[[सीकरी]]
||[[चित्र:Kirti-Stambh-Chittorgarh-1.jpg|चित्तौड़गढ़ के सात सात दरवाज़े बहुत प्रसिद्ध हैं। इन दरवाज़ों के नाम हैं—पद्मपोल, भैरवपोल, हनुमानपोल, गणेशपोल, जोठलापोल और रामपोल। भैरवपोल के पास जयमल और कल्लू राठौर के स्मारक हैं। पत्ता का स्मारक भी पास ही है। रामपोल के ही निकट पलालेश्वर है, जहाँ राणा सांगा की कई तोपे रखी हैं। निकटस्थ शांतिनाथ के जैन मन्दिर को बहादुरशाह ने विध्वंस कर दिया था। वीरांगना [[पन्ना धाय]] का महल रानीमहल के निकट ही है। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चित्तौड़गढ़]]
{[[राजस्थान]] के इतिहास का प्रणेता किसे कहा जाता है।
|type="()"}
-जदुनाथ सरकार
-[[कनिंघम]]
+कर्नल टाड
-विलियम जोंस
||[[
{[[कश्मीर]] पर लगभग 50 वर्ष तक शासन करने वाली रानी दिद्दा किस वंश की थी?
|type="()"}
-कार्कोट वंश
-उत्पल वंश
+लोहार वंश
-इनमें से कोई नहीं


</quiz>
</quiz>

07:18, 23 जुलाई 2011 का अवतरण

इतिहास

सिन्टॅक्स त्रुटि

1 महमूद बेगड़ा किस राज्य का प्रसिद्ध सुल्तान था?

मालवा
गुजरात
खानदेश
जौनपुर

2 प्रसिद्ध विरुपाक्ष मंदिर कहाँ अवस्थित है?

भद्राचलम
चिदम्बरम
हम्पी
श्रीकालहस्ति

3 अकबर द्वारा बनाई गई कौन सी इमारत का नक्शा बौद्ध विहार की तरह है?

पचमहल
दीवान ए ख़ास
जोधाबाई का महल
बुलंद दरवाजा

4 गुलबदन बेगम पुत्री थी?

बाबर की
हुमायूँ की
शाहजहाँ की
औरंगज़ेब की

5 गोविन्द महल, जो हिन्दू वास्तुकला का अप्रतिम उदाहरण है, स्थित है?

दतिया में
खजुराहो में
ओरछा में
ग्वालियर में

6 किस सिख गुरु ने गुरु नानक की जीवनी लिखी थी?

गुरु अंगद देव ने
गुरु रामदास ने
गुरु अमरदास ने
गुरु अर्जुनदेव ने

7 दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गाँधी द्वारा प्रकाशित पत्रिका का नाम था?

नवजीवन
इंडियन ओपिनियन
हरिजन
अफ्रीकन न्यूज

8 कवि इकबाल जिन्होंने 'सारे जहाँ से अच्छा' लिखा, भारत के किस स्थान से संबंधित हैं?

दिल्ली
उत्तर प्रदेश
पंजाब
कश्मीर

9 वर्ष 1919 में जलियाँवाला बाग़ हत्याकांड कहाँ पर हुआ?

अमृतसर
नागपुर
चंडीगढ़
कलकत्ता

11 उपन्यास 'दुर्गेश नन्दनी' के लेखक हैं?

रवीन्द्र नाथ टैगोर
स्वर्ण कुमारी
बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय
तारकनाथ गंगोपाध्याय

12 चरक किसके राज-चिकित्सक थे?

हर्ष
चन्द्रगुप्त मौर्य
अशोक
कनिष्क

13 गुप्त शासकों द्वारा जारी किए गए चाँदी के सिक्के कहलाते थे?

रुपक
कार्षापण
दीनार
पण

14 विजय स्तंभ कहाँ स्थित हौ?

चित्तौड़गढ़
देहली
झाँसी
सीकरी

15 राजस्थान के इतिहास का प्रणेता किसे कहा जाता है।

जदुनाथ सरकार
कनिंघम
कर्नल टाड
विलियम जोंस
कार्कोट वंश
उत्पल वंश
लोहार वंश
इनमें से कोई नहीं