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{ईसा की प्रारंभिक शताब्दियों में भारतीय और पश्चिमी व्यापारियों का सबसे बड़ा व्यापारिक संगम-स्थल कौन-सा था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-218,प्रश्न-758
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-[[चंद्रगुप्त प्रथम]]
-[[चंद्रगुप्त द्वितीय]]
+[[कुमारगुप्त प्रथम]]
-[[समुद्रगुप्त]]
||कुमारगुप्त प्रथम (414-455 ई.) गुप्तवंशीय सम्राट था। पिता [[चंद्रगुप्त द्वितीय]] की मृत्यु के बाद वह राजगद्दी पर बैठा था। वह पट्टमहादेवी ध्रुवदेवी का पुत्र था। उसके शासन काल में विशाल गुप्त साम्राज्य अक्षुण रूप से क़ायम रहा। बल्ख से बंगाल की खाड़ी तक उसका अबाधित शासन था। सब राजा, सामन्त, गणराज्य और प्रत्यंतवर्ती जनपद कुमारगुप्त के वशवर्ती थे। गुप्त वंश की शक्ति उसके शासन काल में अपनी चरम सीमा पर पहुँच गई थी। कुमारगुप्त को विद्रोही राजाओं को वश में लाने के लिए कोई युद्ध नहीं करने पड़े।{{point}}'''अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कुमारगुप्त प्रथम महेन्द्रादित्य]]
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-शतरुद्रिय
{[[संगम युग]] में विनिमय की दर निश्चित नहीं थी, परंतु दो वस्तुओं का आपसी विनियम बराबर मात्रा में होता था, वे वस्तुएँ क्या थीं? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-228,प्रश्न-914
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-[[मछली]] और [[नमक]]
-[[धान]] और मछली
-[[दाल]] और नमक
+[[धान]] और [[नमक]]
||सुदूर दक्षिण भारत में कृष्णा एवं तुंगभद्रा नदियों के बीच के क्षेत्र को 'तमिल प्रदेश' कहा जाता था। इस प्रदेश में अनेक छोटे-छोटे राज्यों का अस्तित्व था, जिनमें चेर, चोल और पांड्य प्रमुख थे। दक्षिण भारत के इस प्रदेश में तमिल कवियों द्वारा सभाओं तथा गोष्ठियों का आयोजन किया जाता था। इन गोष्ठियों में विद्वानों के मध्य विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श किया जाता था, इसे ही 'संगम' के नाम से जाना जाता है। 100 ई. से 250 ई. के मध्य दक्षिण भारत में तीन संगमों को आयोजित किया गया। इस युग को ही इतिहास में "संगम युग" के नाम से जाना जाता है।{{point}}'''अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[संगम युग]]
{किस [[इतिहासकार]] ने [[गुप्तोत्तर काल|गुप्तोत्तरकालीन]] सामाजिक, आर्थिक संगठन एवं संरचना के लिए [[सामंतवाद]] शब्द का प्रयोग किया? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-234,प्रश्न-1001
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-ए. एस. अल्तेकर
+[[राम शरण शर्मा|आर. एस. शर्मा]]
-[[के. पी. जायसवाल]]
-इनमें से कोई नहीं
||राम शरण शर्मा (अंग्रेज़ी: Ram Sharan Sharma; जन्म- 26 नवम्बर, 1919, बेगुसराय, बिहार; मृत्यु- 20 अगस्त, 2011, पटना) भारत के प्रसिद्ध इतिहासकार और शिक्षाविद थे। वे समाज को हकीकत से रु-ब-रु कराने वाले, अन्तराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त भारतीय इतिहासकारों में से एक थे। राम शरण शर्मा 'भारतीय इतिहास' को वंशवादी कथाओं से मुक्त कर सामाजिक और आर्थिक इतिहास लेखन की प्रक्रिया की शुरुआत करने वालों में गिने जाते थे।{{point}}'''अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राम शरण शर्मा]]
{निम्नांकित में से कौन एक [[गुप्तोत्तर काल]] में [[भारत]] में आयात की एक प्रमुख मद थी? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-239,प्रश्न-1073
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-औषधि वाली जड़ी-बूटियाँ
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-पांड्य, सतियपुत्र, आंध्र एवं चेर
-[[चोल]], [[पांड्य राजवंश|पांड्य]], भोज एवं आंध्र


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12:27, 9 नवम्बर 2017 का अवतरण

1 ईसा की प्रारंभिक शताब्दियों में भारतीय और पश्चिमी व्यापारियों का सबसे बड़ा व्यापारिक संगम-स्थल कौन-सा था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-218,प्रश्न-758

देडेसिया
एलेक्जेंड्रिया या सिकन्दरिया
तक्षशिला
पालमायरा

2 सर्वप्रथम किस गुप्त सम्राट के समय के अभिलेख उत्तरी बंगाल से मिले थे? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-230,प्रश्न-943

चंद्रगुप्त प्रथम
चंद्रगुप्त द्वितीय
कुमारगुप्त प्रथम
समुद्रगुप्त

3 शतपथ ब्राह्मण में शिव को निम्नलिखित में से किस नाम से जाना जाता है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-225,प्रश्न-860

गिरित्र
कपर्दिन
सस्त्राक्ष
शतरुद्रिय

4 संगम युग में विनिमय की दर निश्चित नहीं थी, परंतु दो वस्तुओं का आपसी विनियम बराबर मात्रा में होता था, वे वस्तुएँ क्या थीं? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-228,प्रश्न-914

मछली और नमक
धान और मछली
दाल और नमक
धान और नमक

5 किस इतिहासकार ने गुप्तोत्तरकालीन सामाजिक, आर्थिक संगठन एवं संरचना के लिए सामंतवाद शब्द का प्रयोग किया? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-234,प्रश्न-1001

ए. एस. अल्तेकर
आर. एस. शर्मा
के. पी. जायसवाल
इनमें से कोई नहीं

6 निम्नांकित में से कौन एक गुप्तोत्तर काल में भारत में आयात की एक प्रमुख मद थी? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-239,प्रश्न-1073

घोड़े
चमड़े की वस्तुएँ
औषधि वाली जड़ी-बूटियाँ
रेशम

7 चोल प्रशासन के अंतर्गत पेरुन्दरम एवं शिरुन्दरम निम्नलिखित में से क्या ध्वनित होता है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-243,प्रश्न-1123

उच्च एवं निम्न अधिकारी
व्यापारिक श्रेणियां
भू-राजस्व कर
इनमें से कोई नहीं

8 एक पाल राजा को दीर्घकाल तक कलचुरि कर्ण के साथ युद्धरत रहना पड़ा। बौद्ध आचार्य श्रीज्ञान की मध्यस्थता से दोनों में शांति स्थापित हुई, वह राजा था: (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-247,प्रश्न-1168

महिपाल
नयपाल
देवपाल
धर्मपाल

9 बुद्ध के प्रवचनो का संकलप प्रसिद्ध धम्मपद निम्नलिखित में से किस ग्रंथ का अंग है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-202,प्रश्न-485

सत्तुपिटक
विनयपिटक
अभिधम्मपिटक
दीघनिकाय

10 निम्नलिखित में से किनका अशोक के अभिलेखों में उल्लेख हुआ है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-212,प्रश्न-653

चोल, चेर, पांड्य एवं पल्लव
चोल, सतियपुत्र, चेर एवं पांड्य
पांड्य, सतियपुत्र, आंध्र एवं चेर
चोल, पांड्य, भोज एवं आंध्र