"शीतला मन्दिर गुड़गाँव": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('हरियाणा में स्थित गुड़गाँव बहुत ही ख़ूबसूरत स्‍...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
पंक्ति 13: पंक्ति 13:
==सम्बंधित लिंक==
==सम्बंधित लिंक==
{{हरियाणा के पर्यटन स्थल}}
{{हरियाणा के पर्यटन स्थल}}
[[Category:नया पन्ना]][[Category:नया पन्ना]][[Category:हरियाणा]][[Category:हरियाणा_के_पर्यटन_स्थल]][[Category:पर्यटन_कोश]]
[[Category:नया पन्ना]][[Category:हरियाणा]][[Category:हरियाणा_के_पर्यटन_स्थल]][[Category:गुड़गाँव के पर्यटन स्थल]][[Category:पर्यटन_कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

07:04, 25 अगस्त 2010 का अवतरण

हरियाणा में स्थित गुड़गाँव बहुत ही ख़ूबसूरत स्‍थान है। गुड़गाँव पर्यटन का आकर्षक स्थल है। यह प्रसिद्ध स्थान गुड़गाँव में स्थित है। कहा जाता है कि महाभारत काल में यहाँ आचार्य द्रोणाचार्य कौरवों और पाण्डवों को धनुष विद्या प्रशिक्षण देते थे। कहते हैं जब गुरु द्रोण युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए, तो उनकी पत्नी कृपी अपने पति के साथ सती होने के लिए तैयार हुईं। कृपी कृपाचार्य की पुत्री थी। जब कृपी ने 16 श्रृंगार कर सती होने की प्रथा निभाने के लिए अपने पति की चिता पर बैठना चाहा, तो लोगों ने उनको सती होने से रोका, लेकिन माता कृपी सती होने का निश्चय करके अपने पति की चिता पर बैठ गईं। उन्होंने लोगों को आशीर्वाद दिया कि मेरे इस सती स्थल पर जो भी अपनी मनोकामना लेकर पहुँचेगा, उसकी मनोकामना पूर्ण होगी।

सन 1650 में महाराजा भरतपुर ने गुड़गाँव में जहाँ माता कृपी सती हुई थीं, मंदिर बनवाया और सवा किलो सोने की माता कृपी की मूर्ति बनवाकर वहाँ स्थापित की। इस मंदिर में आज भी भारत के कोने-कोने से लाखों की संख्या में भक्त स्त्री-पुरुष अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए आते हैं। चैत्र मास के नवरात्रों, वैशाख और आषाढ़ के सम्पूर्ण मास तथा आश्विन के नवरात्रों में भारी मेला लगता है। जिसमें कम से कम 50 लाख यात्री दर्शनाथ आते हैं। यह मंदिर 500 गज के क्षेत्र में बना हुआ है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

सम्बंधित लिंक