"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/5": अवतरणों में अंतर

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-[[धर्मपरायण कुट्टवन]]
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+[[नेदुनजेरल आदन]]
+[[नेदुनजेरल आदन]]
||नेदुनजेरल आदन को [[दक्षिण भारत]] के [[चेर वंश]] के सबसे प्रतापी राजाओं में गिना जाता है। वह [[उदियनजेरल]] का पुत्र था। नेदुनजेरल आदन ने अपना अंतिम युद्ध [[चोल]] नरेश [[करिकाल]] के विरुद्ध लड़ा था। इस युद्ध में करिकाल के द्वारा नेदुनजेरल आदन को पराजय का मुँह देखना पड़ा। अपनी इस पराजय से नेदुनजेरल आदन बहुत ही दु:खी हुआ और अन्दर से टूट गया। इस पराजय के फलस्वरूप उसने आत्महत्या कर ली और उसकी रानी सती हो गई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[नेदुनजेरल आदन]]
||'नेदुनजेरल आदन' को [[दक्षिण भारत]] के [[चेर वंश]] के सबसे प्रतापी राजाओं में गिना जाता है। वह [[उदियनजेरल]] का पुत्र था। नेदुनजेरल आदन ने अपना अंतिम युद्ध [[चोल]] नरेश [[करिकाल]] के विरुद्ध लड़ा था। इस युद्ध में करिकाल के द्वारा नेदुनजेरल आदन को पराजय का मुँह देखना पड़ा। अपनी इस पराजय से नेदुनजेरल आदन बहुत ही दु:खी हुआ और अन्दर से टूट गया। इस पराजय के फलस्वरूप उसने आत्महत्या कर ली। नेदुनजेरल आदन की रानी उसके साथ ही सती हो गई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[नेदुनजेरल आदन]]


{[[भीमराव आम्बेडकर]] की पढ़ाई-लिखाई में किसने सर्वाधिक सहयोग दिया?
{[[भीमराव आम्बेडकर]] की पढ़ाई-लिखाई में किसने सर्वाधिक सहयोग दिया?
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+[[बड़ौदा]] के महाराज ने
+[[बड़ौदा]] के महाराज ने
-[[नाभा]] के महाराज ने
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||[[चित्र:Museum-Vadodara.jpg|right|120px|बड़ौदा संग्रहालय]][[डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर]] की कॉलेज की पढ़ाई शुरू हो चुकी थी। इसी बीच उनके पिता का हाथ भी काफ़ी तंग हो गया। पढ़ाई के ख़र्चे में कमी होनी प्रारम्भ हो गई। एक मित्र उन्हें [[बड़ौदा]] के शासक [[गायकवाड़]] के यहाँ ले गए। गायकवाड़ ने उनके लिए स्कॉलरशिप की व्यवस्था कर दी और अम्बेडकर ने अपनी कॉलेज की शिक्षा पूरी की। 1907 में मैट्रिकुलेशन पास करने के बाद बड़ौदा महाराज की आर्थिक सहायता से वे 'एलिफ़िन्सटन कॉलेज' से 1912 ई. में ग्रेजुएट हुए।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बड़ौदा]]
||[[चित्र:Dr.Bhimrao-Ambedkar.jpg|right|120px|भीमराव अम्बेडकर]]'[[डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर]]' को अछूत समझी जाने वाली जाति में जन्म लेने के कारण अपने स्कूली जीवन में अनेक बार अपमानजनक स्थितियों का सामना करना पड़ा। इन सब स्थितियों का धैर्य और वीरता से सामना करते हुए उन्होंने स्कूली शिक्षा समाप्त की। अब भीमराव अम्बेडकर की कॉलेज की पढ़ाई शुरू हो चुकी थी। इसी बीच उनके [[पिता]] का हाथ भी काफ़ी तंग हो गया। पढ़ाई के ख़र्चे में कमी होनी प्रारम्भ हो गई। एक मित्र उन्हें [[बड़ौदा]] के शासक [[गायकवाड़]] के यहाँ ले गए। गायकवाड़ ने उनके लिए स्कॉलरशिप की व्यवस्था कर दी और अम्बेडकर ने अपनी कॉलेज की शिक्षा पूरी की। [[1907]] में मैट्रिकुलेशन पास करने के बाद बड़ौदा महाराज की आर्थिक सहायता से वे 'एलिफ़िन्सटन कॉलेज' से [[1912]] ई. में ग्रेजुएट होकर निकले।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बड़ौदा]], [[भीमराव आम्बेडकर]]


{[[महाराष्ट्र]] में 'गणपति उत्सव' आरंभ करने का श्रेय किसको प्राप्त है?
{[[महाराष्ट्र]] में 'गणपति उत्सव' आरंभ करने का श्रेय किसको प्राप्त है?
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-[[शिवाजी]]
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-[[विपिन चन्द्र पाल]]  
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||[[चित्र:Lokmanya-Bal-Gangadhar-Tilak.jpg|बाल गंगाधर तिलक|100px|right]]बाल गंगाधर तिलक के जीवनकाल के दौरान पुरानी परंपरा और संस्थाओं के प्रति जनता में नई जागरूकता प्रकट हो रही थी। इसके सबसे स्पष्ट उदाहरण थे, पुरानी धार्मिक आराधना, [[गणेश चतुर्थी|गणपति-पूजन]] और [[शिवाजी]] के जीवन से जुड़े प्रसंगों पर महोत्सवों का आयोजन।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बाल गंगाधर तिलक]]
||[[चित्र:Lokmanya-Bal-Gangadhar-Tilak.jpg|बाल गंगाधर तिलक|100px|right]]'बाल गंगाधर तिलक' प्रसिद्ध विद्वान, गणितज्ञ, दार्शनिक और उग्र राष्ट्रवादी व्यक्ति थे, जिन्होंने [[भारत]] की स्वतंत्रता की नींव रखने में सहायता की। उन्होंने 'इंडियन होमरूल लीग' की स्थापना सन [[1914]] ई. में की थी। '[[बाल गंगाधर तिलक]]' के जीवन काल के दौरान पुरानी परंपराओं और संस्थाओं के प्रति जनता में नई जागरूकता प्रकट हो रही थी। इसके सबसे स्पष्ट उदाहरण थे- पुरानी धार्मिक आराधना, [[गणेश चतुर्थी|गणपति-पूजन]] और [[शिवाजी]] के जीवन से जुड़े प्रसंगों पर महोत्सवों का आयोजन। तिलक का जीवन घटना-प्रधान रहा था। वे मौलिक विचारों के व्यक्ति थे। वे संघर्षशील और परिश्रमशील जीवन जीने में विश्वास करते थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बाल गंगाधर तिलक]]


{किस [[राष्ट्रकूट वंश|राष्ट्रकूट]] शासक ने [[एलोरा की गुफ़ाएँ|एलोरा]] के [[पर्वत|पर्वतों]] को काटकर प्रसिद्ध 'कैलाश मन्दिर' का निर्माण करवाया था?
{किस [[राष्ट्रकूट वंश|राष्ट्रकूट]] शासक ने [[एलोरा की गुफ़ाएँ|एलोरा]] के [[पर्वत|पर्वतों]] को काटकर प्रसिद्ध 'कैलाश मन्दिर' का निर्माण करवाया था?

06:12, 10 अगस्त 2013 का अवतरण

1 वेंगी के युद्ध में चोल नरेश 'करिकाल' से पराजित होकर किस चेर राजा ने आत्महत्या कर ली?

उदियनजेरल
पलयानैशेल्केलु कुट्टवन
धर्मपरायण कुट्टवन
नेदुनजेरल आदन

2 भीमराव आम्बेडकर की पढ़ाई-लिखाई में किसने सर्वाधिक सहयोग दिया?

जूनागढ़ के नवाब ने
मैसूर के महाराज ने
बड़ौदा के महाराज ने
नाभा के महाराज ने

3 महाराष्ट्र में 'गणपति उत्सव' आरंभ करने का श्रेय किसको प्राप्त है?

वल्लभभाई पटेल
बाल गंगाधर तिलक
शिवाजी
विपिन चन्द्र पाल

4 किस राष्ट्रकूट शासक ने एलोरा के पर्वतों को काटकर प्रसिद्ध 'कैलाश मन्दिर' का निर्माण करवाया था?

इन्द्र तृतीय
कृष्ण प्रथम
ध्रुव धारावर्ष
कृष्ण तृतीय

5 वेंगी के चालुक्य वंश का संस्थापक कौन था?

विष्णुवर्धन
विजयादित्य
इन्द्रवर्धन
जयसिंह द्वितीय

6 सन 1932 ई. में 'अखिल भारतीय हरिजन संघ' की स्थापना किसने की थी?

बाबा साहेब अम्बेडकर ने
महात्मा गाँधी ने
बाल गंगाधर तिलक ने
ज्योतिबा फुले ने

7 महमूद ग़ज़नवी के आक्रमण के समय हिन्दूशाही साम्राज्य की राजधानी कहाँ थी?

क़ाबुल
पेशावर
अटक
उदमाण्डपुर या ओहिन्द

8 मराठों ने गुरिल्ला युद्ध प्रणाली का कुशल प्रशिक्षण सम्भवतः किससे प्राप्त किया था?

गोलकुण्डा के मीर जुमला से
अहमदनगर के अबीसीनियायी मंत्री मलिक अम्बर से
मलिक काफ़ूर से
मीर ज़ाफ़र से

9 भारतीय इतिहास में 'अमरम' का अर्थ क्या हुआ करता था?

जागीर
एक पदवी
किसान
राजा

10 अशोक ने कलिंग पर कब आक्रमण किया था?

260 ई. पू. में
259 ई. पू. में
261 ई. पू. में
273 ई. पू. में