"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/2": अवतरणों में अंतर
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-[[मंगल ग्रह|मंगल]] | -[[मंगल ग्रह|मंगल]] | ||
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||[[चित्र:Moon.jpg|right|100px|चन्द्रमा]]'चन्द्रमा' [[पृथ्वी]] का एकमात्र उपग्रह है, जो वायुमंडल विहीन है और जिसकी पृथ्वी से दूरी 3,84,365 कि.मी. है। इसके [[प्रकाश]] को पृथ्वी पर आने में 1.3 सेकंड का समय लगता है। चन्द्रमा, पृथ्वी की एक परिक्रमा लगभग 27 दिन और 8 घंटे में पूरी करता है और इतने ही समय में अपने अक्ष पर एक घूर्णन करता है। यही कारण है कि चन्द्रमा का सदैव एक ही भाग दिखाई पड़ता है। पृथ्वी से चन्द्रमा का 57% भाग देखा जा सकता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चन्द्रमा]] | ||[[चित्र:Moon.jpg|right|100px|चन्द्रमा]]'चन्द्रमा' [[पृथ्वी]] का एकमात्र उपग्रह है, जो वायुमंडल विहीन है और जिसकी पृथ्वी से दूरी 3,84,365 कि.मी. है। इसके [[प्रकाश]] को पृथ्वी पर आने में 1.3 सेकंड का समय लगता है। [[चन्द्रमा]], पृथ्वी की एक परिक्रमा लगभग 27 दिन और 8 घंटे में पूरी करता है और इतने ही समय में अपने अक्ष पर एक घूर्णन करता है। यही कारण है कि चन्द्रमा का सदैव एक ही भाग दिखाई पड़ता है। पृथ्वी से चन्द्रमा का 57% भाग देखा जा सकता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चन्द्रमा]] | ||
{निम्न में से [[आकाश]] का सबसे चमकदार [[तारा]] कौन-सा है? | {निम्न में से [[आकाश]] का सबसे चमकदार [[तारा]] कौन-सा है? | ||
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||[[चित्र:Halleys-comet- 1986.jpg|right|120px|हैली धूमकेतु-1986]]'हैली धूमकेतु' सबसे प्रसिद्घ [[पुच्छल तारा]] है। इसका नाम प्रसिद्घ खगोलशास्त्री एडमंड हैली के नाम पर रखा गया है। हैली का कहना था कि जो धूमकेतु 1682 में दिखायी दिया था, यह वही धूमकेतु है, जो सन 1531 व 1607 में भी दिखायी पड़ा था। उन्होंने गणना द्वारा भविष्यवाणी की कि [[हैली धूमकेतु]] 1758 के अन्त के समय पुन: दिखायी पड़ेगा। यह पुच्छल तारा नवम्बर 1835, | ||[[चित्र:Halleys-comet- 1986.jpg|right|120px|हैली धूमकेतु-1986]]'हैली धूमकेतु' सबसे प्रसिद्घ [[पुच्छल तारा]] है। इसका नाम प्रसिद्घ खगोलशास्त्री एडमंड हैली के नाम पर रखा गया है। हैली का कहना था कि जो धूमकेतु 1682 में दिखायी दिया था, यह वही धूमकेतु है, जो सन 1531 व 1607 में भी दिखायी पड़ा था। उन्होंने गणना द्वारा भविष्यवाणी की कि [[हैली धूमकेतु]] 1758 के अन्त के समय पुन: दिखायी पड़ेगा। यह पुच्छल तारा [[नवम्बर]], 1835; [[अप्रैल]], [[1910]] और [[फ़रवरी]], [[1986]] में दिखायी पड़ा। यह पुन: 2061 में दिखायी पड़ेगा, क्योंकि यह 75-76 सालों में [[पृथ्वी]] के पास आता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हैली धूमकेतु]] | ||
{[[पृथ्वी ग्रह|पृथ्वी]] की तीन संदेन्द्री परतों में ऊपर से दूसरी परत का नाम क्या है? | {[[पृथ्वी ग्रह|पृथ्वी]] की तीन संदेन्द्री परतों में ऊपर से दूसरी परत का नाम क्या है? | ||
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||[[चित्र:Tsunami-1.jpg|right|120px|सुनामी का एक दृश्य]]'सुनामी' एक समुद्री हवा है, जो बड़े पैमाने पर समुद्री पानी में हलचल पैदा कर देती है। [[सुनामी]] जापानी शब्द है, जिसकी उत्पत्ति दो शब्दों- 'सू' (हार्बर) और 'नामी' (वेब) से हुई है, जिसका आशय [[जापान]] में ‘बन्दरगाह की लहरें’ से है। सुनामी लहरों की श्रृंखला से मिलकर बनी एक प्राकृतिक घटना है, जो तब उत्पन्न होती हैं, जब [[समुद्र]] या झील में [[जल]] की व्यापक मात्रा तेजी से विस्थापित होती है। सुनामी तीन प्रकार की होती है- दूरस्थ सुनामी, क्षेत्रीय सुनामी और स्थानीय सुनामी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सुनामी]] | ||[[चित्र:Tsunami-1.jpg|right|120px|सुनामी का एक दृश्य]]'सुनामी' एक समुद्री हवा है, जो बड़े पैमाने पर समुद्री पानी में हलचल पैदा कर देती है। [[सुनामी]] जापानी शब्द है, जिसकी उत्पत्ति दो शब्दों- 'सू' (हार्बर) और 'नामी' (वेब) से हुई है, जिसका आशय [[जापान]] में ‘बन्दरगाह की लहरें’ से है। सुनामी लहरों की श्रृंखला से मिलकर बनी एक प्राकृतिक घटना है, जो तब उत्पन्न होती हैं, जब [[समुद्र]] या झील में [[जल]] की व्यापक मात्रा तेजी से विस्थापित होती है। सुनामी तीन प्रकार की होती है- दूरस्थ सुनामी, क्षेत्रीय सुनामी और स्थानीय सुनामी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सुनामी]] | ||
{मानसून शब्द का क्या तात्पर्य है? | {'मानसून' शब्द का क्या तात्पर्य है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-हवाओं का सदा एक ओर ही बहना | -हवाओं का सदा एक ओर ही बहना | ||
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-[[कावेरी नदी|कावेरी]] | -[[कावेरी नदी|कावेरी]] | ||
-[[कोसी नदी|कोसी]] | -[[कोसी नदी|कोसी]] | ||
||[[चित्र:Haridwar2.jpg|right|120px|गंगा नदी, हरिद्वार]][[बिहार]] राज्य में [[गंगा नदी]] की मुख्य सहायक नदियाँ [[हिमालय]] क्षेत्र की तरफ़ से [[गंडक नदी|गंडक]], बूढ़ी गंडक, [[कोसी नदी|कोसी]] तथा घुघरी हैं। दक्षिण की तरफ़ से इसकी मुख्य सहायक नदी [[सोन नदी|सोन]] है। यहाँ से यह नदी [[राजमहल पहाड़ियाँ|राजमहल पहाड़ियों]] का चक्कर लगाती हुई दक्षिण-पूर्व में फरक्का तक पहुँचती है, जो इस डेल्टा का सर्वोच्च बिन्दु है। यहाँ से गंगा [[भारत]] में अन्तिम राज्य [[पश्चिम बंगाल]] में प्रवेश करती है, जहाँ उत्तर की तरफ़ से इसमें महानंदा मिलती है, समूचे पश्चिम बंगाल और [[बांग्लादेश]] में स्थानीय आबादी गंगा को '[[पद्मा नदी|पद्मा]]' कहकर पुकारती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ | ||[[चित्र:Haridwar2.jpg|right|120px|गंगा नदी, हरिद्वार]][[बिहार]] राज्य में [[गंगा नदी]] की मुख्य सहायक नदियाँ [[हिमालय]] क्षेत्र की तरफ़ से [[गंडक नदी|गंडक]], बूढ़ी गंडक, [[कोसी नदी|कोसी]] तथा घुघरी हैं। दक्षिण की तरफ़ से इसकी मुख्य सहायक नदी [[सोन नदी|सोन]] है। यहाँ से यह नदी [[राजमहल पहाड़ियाँ|राजमहल पहाड़ियों]] का चक्कर लगाती हुई दक्षिण-पूर्व में फरक्का तक पहुँचती है, जो इस डेल्टा का सर्वोच्च बिन्दु है। यहाँ से गंगा [[भारत]] में अन्तिम राज्य [[पश्चिम बंगाल]] में प्रवेश करती है, जहाँ उत्तर की तरफ़ से इसमें महानंदा मिलती है, समूचे पश्चिम बंगाल और [[बांग्लादेश]] में स्थानीय आबादी गंगा को '[[पद्मा नदी|पद्मा]]' कहकर पुकारती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गंगा नदी|गंगा]] | ||
{[[भारत]] की सबसे लम्बी स्थलीय सीमा किस देश के साथ में है? | {[[भारत]] की सबसे लम्बी स्थलीय सीमा किस देश के साथ में है? |
05:55, 12 जुलाई 2012 का अवतरण
भूगोल सामान्य ज्ञान
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