"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/2": अवतरणों में अंतर
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||[[चित्र:Krishna-arjun1.jpg|right|120px|कृष्ण तथा अर्जुन]][[महाभारत]] [[हिन्दू धर्म]] के मुख्यतम ग्रंथों में से एक है। यह विश्व का सबसे लंबा साहित्यिक [[ग्रंथ]] है। हालाँकि इसे [[साहित्य]] की सबसे अनुपम कॄतियों में से एक माना जाता है, किन्तु आज भी यह प्रत्येक भारतीय के लिये एक अनुकरणीय स्रोत है। यह कृति [[हिन्दू|हिन्दुओं]] के इतिहास की एक गाथा है। पूरे [[महाभारत]] में [[श्लोक|श्लोकों]] की संख्या एक लाख | ||[[चित्र:Krishna-arjun1.jpg|right|120px|कृष्ण तथा अर्जुन]][[महाभारत]] [[हिन्दू धर्म]] के मुख्यतम ग्रंथों में से एक है। यह विश्व का सबसे लंबा साहित्यिक [[ग्रंथ]] है। हालाँकि इसे [[साहित्य]] की सबसे अनुपम कॄतियों में से एक माना जाता है, किन्तु आज भी यह प्रत्येक भारतीय के लिये एक अनुकरणीय स्रोत है। यह कृति [[हिन्दू|हिन्दुओं]] के इतिहास की एक गाथा है। पूरे [[महाभारत]] में [[श्लोक|श्लोकों]] की संख्या एक लाख है। विद्वानों में महाभारत काल को लेकर विभिन्न मत हैं, फिर भी अधिकतर विद्वान महाभारत काल को लौहयुग से जोड़ते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[महाभारत]] | ||
{[[कुन्ती]] पुत्र [[अर्जुन]] के पोते का नाम क्या था? | {[[कुन्ती]] पुत्र [[अर्जुन]] के पोते का नाम क्या था? | ||
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+[[सत्यवती]] | +[[सत्यवती]] | ||
-[[अम्बालिका]] | -[[अम्बालिका]] | ||
||कुरु के वंश में [[शान्तनु]] का जन्म हुआ। शान्तनु से गंगानन्दन [[भीष्म]] उत्पन्न हुए। उनके दो छोटे भाई और थे-चित्रांगद और विचित्रवीर्य। ये शान्तनु से [[सत्यवती]] के गर्भ से उत्पन्न हुए थे। शान्तनु के स्वर्गलोक चले जाने पर भीष्म ने अविवाहित रहकर अपने भाई विचित्रवीर्य के राज्य का पालन किया। चित्रांगद बाल्यावस्था में ही चित्रांगद नाम वाले [[गन्धर्व]] के द्वारा मारे गये। फिर भीष्म संग्राम में विपक्षी को परास्त करके | ||कुरु के वंश में [[शान्तनु]] का जन्म हुआ। शान्तनु से गंगानन्दन [[भीष्म]] उत्पन्न हुए। उनके दो छोटे भाई और थे-चित्रांगद और विचित्रवीर्य। ये शान्तनु से [[सत्यवती]] के गर्भ से उत्पन्न हुए थे। शान्तनु के स्वर्गलोक चले जाने पर भीष्म ने अविवाहित रहकर अपने भाई विचित्रवीर्य के राज्य का पालन किया। चित्रांगद बाल्यावस्था में ही चित्रांगद नाम वाले [[गन्धर्व]] के द्वारा मारे गये। फिर भीष्म संग्राम में विपक्षी को परास्त करके काशीराज की दो कन्याओं- [[अम्बा]], [[अम्बिका]] और [[अम्बालिका]] को हर लाये। इनमें से दो विचित्रवीर्य की भार्याएँ हुईं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सत्यवती]] | ||
{राजा [[विराट]] के महल में [[अर्जुन]] किस नाम से जाने गये? | {राजा [[विराट]] के महल में [[अर्जुन]] किस नाम से जाने गये? | ||
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-[[बकासुर]] | -[[बकासुर]] | ||
-[[बाणासुर]] | -[[बाणासुर]] | ||
||बर्बरीक [[पाण्डव]] [[भीम]] के पुत्र [[घटोत्कच]] और [[नाग]] कन्या अहिलवती के पुत्र थे। बाल्यकाल से ही वे बहुत वीर और महान | ||बर्बरीक [[पाण्डव]] [[भीम]] के पुत्र [[घटोत्कच]] और [[नाग]] कन्या अहिलवती के पुत्र थे। बाल्यकाल से ही वे बहुत वीर और महान योद्धा थे। उन्होंने युद्ध कला अपनी माँ से सीखी थी। भगवान [[शिव]] की घोर तपस्या करके उन्हें प्रसन्न किया और तीन अभेद्य [[बाण अस्त्र|बाण]] प्राप्त किये और 'तीन बाणधारी' का प्रसिद्ध नाम प्राप्त किया। [[अग्नि देव]] ने प्रसन्न होकर उन्हें [[धनुष अस्त्र|धनुष]] प्रदान किया, जो कि उन्हें तीनो लोकों में विजयी बनाने में समर्थ था। [[महाभारत]] का युद्ध कौरवों और पाण्डवों के मध्य अपरिहार्य हो गया था, यह समाचार [[बर्बरीक]] को प्राप्त हुआ तो उनकी भी युद्ध में सम्मिलित होने की इच्छा जाग्रत हो उठी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बर्बरीक]] | ||
{[[महाभारत]] में राज्य के कितने महत्त्वपूर्ण अंग बताये गए हैं? | {[[महाभारत]] में राज्य के कितने महत्त्वपूर्ण अंग बताये गए हैं? | ||
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-[[भूरिश्रवा]] | -[[भूरिश्रवा]] | ||
-[[शाल्व|शाल्वराज]] | -[[शाल्व|शाल्वराज]] | ||
||[[चित्र:Jaydrath-vadh.jpg|right|100px|जयद्रथ का वध]][[महाभारत]] में [[जयद्रथ]] [[सिंधु]] प्रदेश का राजा था। जयद्रथ का [[विवाह]] कौरवों की एकमात्र बहन ' | ||[[चित्र:Jaydrath-vadh.jpg|right|100px|जयद्रथ का वध]][[महाभारत]] में [[जयद्रथ]] [[सिंधु]] प्रदेश का राजा था। जयद्रथ का [[विवाह]] [[कौरव|कौरवों]] की एकमात्र बहन '[[दु:शला]]' से हुआ था। जयद्रथ 'वृद्धक्षत्र' का पुत्र था। वृद्धक्षत्र के यहाँ जयद्रथ का जन्म देर से हुआ था। [[पिता]] द्वारा जयद्रथ को यह वरदान प्राप्त था कि उसका वध कोई सामान्य व्यक्ति नहीं कर पायेगा। साथ ही यह वरदान भी प्राप्त था कि जो भी जयद्रथ को मारेगा और जयद्रथ का सिर ज़मीन पर गिरायेगा, उसके सिर के हज़ारों टुकड़े हो जायेंगे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जयद्रथ]] | ||
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11:49, 3 फ़रवरी 2012 का अवतरण
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