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||[[चित्र:Kamayani.jpg|thumb|100px|right|कामायनी]]'कामायनी' की कथा पन्द्रह सगों में विभक्त है, जिनका नामकरण चिंता, आशा, श्रद्धा, काम, वासना, लज्जा आदि मनोविकारों के नाम पर हुआ है। 'कामायनी' आदि मानव की कथा तो है ही, पर इसके माध्यम से कवि ने अपने युग के महत्त्वपूर्ण प्रश्नों पर विचार भी किया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कामायनी]] | ||[[चित्र:Kamayani.jpg|thumb|100px|right|कामायनी]]'कामायनी' की कथा पन्द्रह सगों में विभक्त है, जिनका नामकरण चिंता, आशा, श्रद्धा, काम, वासना, लज्जा आदि मनोविकारों के नाम पर हुआ है। 'कामायनी' आदि मानव की कथा तो है ही, पर इसके माध्यम से कवि ने अपने युग के महत्त्वपूर्ण प्रश्नों पर विचार भी किया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कामायनी]] | ||
{' | {[[हिन्दी]] नाटकों के मंचन में 'यक्षगान' का प्रयोग किसने किया है? | ||
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+गिरीश कर्नाड | |||
- | -इब्राहिम अल्काजी | ||
-सत्यदेव दुबे | |||
- | -कारंत | ||
{[[आचार्य रामचन्द्र शुक्ल]] के निबन्ध संग्रह का नाम है? | {[[आचार्य रामचन्द्र शुक्ल]] के निबन्ध संग्रह का नाम है? | ||
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-[[कामायनी]] | -[[कामायनी]] | ||
{[[भारत]] में सर्वाधिक | {[[भारत]] में सर्वाधिक किस भाषा का प्रयोग किया जाता है? | ||
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+[[हिन्दी भाषा]] | +[[हिन्दी भाषा]] | ||
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-[[उर्दू भाषा]] | -[[उर्दू भाषा]] | ||
||[[चित्र:Mahatma Gandhi International Hindi University.jpg|thumb|100px|right|महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय ]]भारत में सर्वाधिक प्रचलित लिपि जिसमें संस्कृत, हिन्दी और मराठी भाषाएँ लिखी जाती हैं। इस शब्द का सबसे पहला उल्लेख 453 ई. में जैन ग्रंथों में मिलता है। 'नागरी' नाम के संबंध में मतैक्य नहीं है। कुछ लोग इसका कारण नगरों में प्रयोग को बताते हैं। यह अपने आरंभिक रूप में ब्राह्मी लिपि के नाम से जानी जाती थी। इसका वर्तमान रूप नवी-दसवीं शताब्दी से मिलने लगता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हिन्दी भाषा]] | ||[[चित्र:Mahatma Gandhi International Hindi University.jpg|thumb|100px|right|महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय ]]भारत में सर्वाधिक प्रचलित लिपि जिसमें संस्कृत, हिन्दी और मराठी भाषाएँ लिखी जाती हैं। इस शब्द का सबसे पहला उल्लेख 453 ई. में जैन ग्रंथों में मिलता है। 'नागरी' नाम के संबंध में मतैक्य नहीं है। कुछ लोग इसका कारण नगरों में प्रयोग को बताते हैं। यह अपने आरंभिक रूप में ब्राह्मी लिपि के नाम से जानी जाती थी। इसका वर्तमान रूप नवी-दसवीं शताब्दी से मिलने लगता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हिन्दी भाषा]] | ||
{अधिकतर भारतीय भाषाओं का विकास किस लिपि से हुआ? | {अधिकतर भारतीय भाषाओं का विकास किस लिपि से हुआ? | ||
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-मागधी | -मागधी | ||
-अर्द्धमागधी | -अर्द्धमागधी | ||
+[[ | +[[शौरसेनी]] | ||
-ब्राचड़ | -ब्राचड़ | ||
{श्रृंगार रस का स्थायी भाव क्या है? | {श्रृंगार रस का स्थायी भाव क्या है? | ||
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-[[मध्वाचार्य]] | -[[मध्वाचार्य]] | ||
-रामदास | -रामदास | ||
+[[ | +[[वल्लभाचार्य]] | ||
||श्री लक्ष्मण भट्ट अपने संगी-साथियों के साथ यात्रा के कष्टों को सहन करते हुए जब वर्तमान [[मध्य प्रदेश]] में रायपुर ज़िले के चंपारण्य नामक वन में होकर जा रहे थे, तब उनकी पत्नी को अकस्मात प्रसव-पीड़ा होने लगी। सांयकाल का समय था। सब लोग पास के चौड़ा नगर में रात्रि को विश्राम करना चाहते थे; किन्तु इल्लमा जी वहाँ तक पहुँचने में भी असमर्थ थीं। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ | ||श्री लक्ष्मण भट्ट अपने संगी-साथियों के साथ यात्रा के कष्टों को सहन करते हुए जब वर्तमान [[मध्य प्रदेश]] में रायपुर ज़िले के चंपारण्य नामक वन में होकर जा रहे थे, तब उनकी पत्नी को अकस्मात प्रसव-पीड़ा होने लगी। सांयकाल का समय था। सब लोग पास के चौड़ा नगर में रात्रि को विश्राम करना चाहते थे; किन्तु इल्लमा जी वहाँ तक पहुँचने में भी असमर्थ थीं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[वल्लभाचार्य]] | ||
{'[[कामायनी]]' किस प्रकार का ग्रंथ है? | {'[[कामायनी]]' किस प्रकार का ग्रंथ है? | ||
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-[[महाराणा प्रताप]] | -[[महाराणा प्रताप]] | ||
-[[शिवाजी]] | -[[शिवाजी]] | ||
+ | +[[जयसिंह]] | ||
-तेज सिंह | -तेज सिंह | ||
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||[[चित्र:Rama-Sita-Lakshmana-In-The-Forest.jpg|right|100px|जंगल में राम, [[सीता]] और [[लक्ष्मण]] माना जाता है कि राम का जन्म प्राचीन भारत में हुआ था। उनके जन्म के समय का अनुमान सही से नहीं लगाया जा सका है। आज के युग में राम का जन्म, रामनवमी के रूप में मनाया जाता है। राम चार भाईयो में से सबसे बड़े थे, इनके भाइयो के नाम लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न थे। राम बचपन से ही शान्त स्वभाव के वीर पुरुष थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राम]] | ||[[चित्र:Rama-Sita-Lakshmana-In-The-Forest.jpg|right|100px|जंगल में राम, [[सीता]] और [[लक्ष्मण]] माना जाता है कि राम का जन्म प्राचीन भारत में हुआ था। उनके जन्म के समय का अनुमान सही से नहीं लगाया जा सका है। आज के युग में राम का जन्म, रामनवमी के रूप में मनाया जाता है। राम चार भाईयो में से सबसे बड़े थे, इनके भाइयो के नाम लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न थे। राम बचपन से ही शान्त स्वभाव के वीर पुरुष थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राम]] | ||
{[[ज्ञानपीठ पुरस्कार]] पानेवाले हिन्दी के प्रथम साहित्यकार हैं | {[[ज्ञानपीठ पुरस्कार]] पानेवाले [[हिन्दी]] के प्रथम साहित्यकार हैं? | ||
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+[[सुमित्रानन्दन पंत]] | +[[सुमित्रानन्दन पंत]] |
08:06, 19 अगस्त 2011 का अवतरण
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