"अभिधम्मपिटक": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "महत्वपूर्ण" to "महत्त्वपूर्ण") |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति") |
||
पंक्ति 13: | पंक्ति 13: | ||
{{प्रचार}} | |||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
|आधार=आधार1 | |आधार=आधार1 |
11:11, 10 जनवरी 2011 का अवतरण
- अभिधम्म पिटक में बौद्ध मतों की दार्शनिक व्याख्या की गयी है।
- बौद्ध परम्परा की ऐसी मान्यता है कि इस पिटक का संकलन अशोक के समय में सम्पन्न तृतीय बौद्ध संगीति में 'मोग्गलिपुत्त तिस्म' ने किया ।
- इस पिटक के अन्य सात ग्रंथ-
- धम्मसंगणि,
- विभंग,
- धातुकथा,
- पुग्गलपन्नति,
- कथावत्तु,
- यमक और
- पत्थान हैं।
- इन्हे 'सत्तपकरण' कहा जाता है।
- त्रिपिटकों के अतिरिक्त पालि भाषा में लिखे गये कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण बौद्ध ग्रंथ- मिलिन्दपन्ह, दीपवंश एवं महावंश हैं।
|
|
|
|
|