"चित्र:Dwarkadhish-Temple-Dwarka-Gujarat-1.jpg": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
No edit summary |
||
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{चित्र सूचना | {{चित्र सूचना | ||
|विवरण=द्वारिकाधीश मन्दिर, [[द्वारका]], [[गुजरात]] | |विवरण=[[द्वारिकाधीश मंदिर द्वारिका|द्वारिकाधीश मन्दिर]], [[द्वारका]], [[गुजरात]] <br /> Dwarkadhish Temple, Dwarka, Gujarat | ||
|चित्रांकन= | |चित्रांकन=[http://www.flickr.com/people/emmanueldyan/ Emmanuel Dyan] | ||
|दिनांक= | |दिनांक= | ||
|स्रोत=www.flickr.com | |स्रोत=www.flickr.com | ||
|प्रयोग अनुमति= | |प्रयोग अनुमति= | ||
|चित्रकार= | |चित्रकार= | ||
|उपलब्ध=http://www.flickr.com/photos/emmanueldyan/3409748476/ | |उपलब्ध=[http://www.flickr.com/photos/emmanueldyan/3409748476/ Dwarka, Krishna Temple, Gujarat - India] | ||
|प्राप्ति स्थान= | |प्राप्ति स्थान= | ||
|समय-काल= | |समय-काल= | ||
|संग्रहालय क्रम संख्या= | |संग्रहालय क्रम संख्या= | ||
|आभार= | |आभार=[http://www.flickr.com/photos/emmanueldyan/ Emmanuel Dyan's photostream] | ||
|आकार= | |आकार= | ||
|अन्य विवरण= | |अन्य विवरण=गुजरात का द्वारका शहर वह स्थान है जहाँ 5000 वर्ष पूर्व भगवान [[कृष्ण]] ने [[मथुरा]] छोड़ने के बाद द्वारका नगरी बसाई थी। जिस स्थान पर उनका निजी महल 'हरि गृह' था वहाँ आज प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर है। इसलिए कृष्ण भक्तों की दृष्टि में यह एक महान तीर्थ है। वैसे भी द्वारका नगरी आदि [[शंकराचार्य]] द्वारा स्थापित देश के चार धामों में से एक है। यही नहीं द्वारका नगरी पवित्र सप्तपुरियों में से एक है। | ||
}} | }} | ||
{{CCL | {{CCL | ||
|Attribution={{Attribution}} | |Attribution={{Attribution}} | ||
पंक्ति 21: | पंक्ति 20: | ||
|Share Alike= | |Share Alike= | ||
}} | }} | ||
__INDEX__ |
10:08, 1 नवम्बर 2010 के समय का अवतरण
विवरण (Description) | द्वारिकाधीश मन्दिर, द्वारका, गुजरात Dwarkadhish Temple, Dwarka, Gujarat |
चित्रांकन (Author) | Emmanuel Dyan |
स्रोत (Source) | www.flickr.com |
उपलब्ध (Available) | Dwarka, Krishna Temple, Gujarat - India |
आभार (Credits) | Emmanuel Dyan's photostream |
अन्य विवरण | गुजरात का द्वारका शहर वह स्थान है जहाँ 5000 वर्ष पूर्व भगवान कृष्ण ने मथुरा छोड़ने के बाद द्वारका नगरी बसाई थी। जिस स्थान पर उनका निजी महल 'हरि गृह' था वहाँ आज प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर है। इसलिए कृष्ण भक्तों की दृष्टि में यह एक महान तीर्थ है। वैसे भी द्वारका नगरी आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित देश के चार धामों में से एक है। यही नहीं द्वारका नगरी पवित्र सप्तपुरियों में से एक है। |
यह चित्र क्रिएटिव कॉमन्स लाइसेंस के अंतर्गत उसके 'उपयोग के अधिकारों' का हनन किए बिना उपयोग किया गया है। कृपया चित्र के उपयोग अधिकार देखे बिना उनका उपयोग न करें। इससे चित्रों से संबधित अधिकारों के उल्लंघन होने की संभावना है। |
![]()
![]() |
This file is used under the Creative Commons license. |
![]() | ||
चित्र का इतिहास
फ़ाइल पुराने समय में कैसी दिखती थी यह जानने के लिए वांछित दिनांक/समय पर क्लिक करें।
दिनांक/समय | अंगुष्ठ नखाकार (थंबनेल) | आकार | सदस्य | टिप्पणी | |
---|---|---|---|---|---|
वर्तमान | 07:21, 21 मई 2010 | ![]() | 1,944 × 2,592 (1.49 MB) | अश्वनी भाटिया (वार्ता | योगदान) |
आप इस चित्र को ओवर्राइट नहीं कर सकते।
चित्र का उपयोग
7 ये पृृष्ठ इस चित्र का इस्तेमाल करते हैं: