"मिसरिख": अवतरणों में अंतर
No edit summary |
No edit summary |
||
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''मिसरिख''' पुरातात्विक महत्व का क्षेत्र है जहां [[महर्षि दधीचि]] द्वारा देवताओं के उद्धार हेतु अपने शरीर का दान किया गया | '''मिसरिख''' पुरातात्विक महत्व का क्षेत्र है जहां [[दधीचि|महर्षि दधीचि]] द्वारा [[देवता|देवताओं]] के उद्धार हेतु अपने शरीर का दान किया गया था। महर्षि दधीचि के द्वारा जिस स्थान पर अपने शरीर का त्याग किया गया था उस स्थान पर अब एक पवित्र कुण्ड है। | ||
==प्राचीन धर्मकथा== | ==प्राचीन धर्मकथा== | ||
हिन्दू धर्मकथाओं के अनुसार | [[हिन्दू]] धर्मकथाओं के अनुसार [[देवासुर संग्राम]] में महर्षि दधीचि ने अपनी हड्डियों से वज्रास्त्र बनाने के लिये अपने शरीर का त्याग यहीं किया था। वह स्थान अब यहाँ मिश्रित तीर्थ के रूप में जाना जाता है। जब महर्षि [[दधीचि]] ने अपने शरीर के त्याग का निर्णय लिया तो उनके शरीर पर पवित्र [[गंगाजल]] उडेला जाता रहा और गौमाता के द्वारा उनके शरीर को तब तक चाटा जाता रहा जब तक कि वह हड्डियों का ढ़ांचे के रूप में परिवर्तित नहीं हो गया। [[अवशेष]] हड्डियों से बने वज्रास्त्र की सहायता से ही देवताओं को विजय की प्राप्ति हो सकी। महर्षि के शरीर पर उडेले गये पवित्र जल से ही इस सरोवर का निर्माण हुआ। | ||
==लोकसभा क्षेत्र== | |||
मिसरिख के नाम से लोकसभा क्षेत्र भी है। संसदीय क्षेत्र मिसरिख [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के तीन जिलों- [[सीतापुर]], [[हरदोई]] व [[कानपुर]] से मिलकर बना है। मिसरिख संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत बिल्हौर विधानसभा क्षेत्र [[गंगा नदी]] का तराई क्षेत्र है और मल्लावां, [[बिलग्राम]], [[सण्डीला]], बालामऊ, मिसरिख, विधानसभा क्षेत्र भी [[गोमती नदी]] के किनारे पर पड़ते हैं। | |||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | |||
{{लेख प्रगति|आधार= | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==बाहरी कड़ियाँ== | ==बाहरी कड़ियाँ== | ||
*[http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/aashokshuklaa/entry/%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%B0-%E0%A4%B7-%E0%A4%A6%E0%A4%A7-%E0%A4%9A-%E0%A4%95-%E0%A4%AE-%E0%A4%B8-%E0%A4%85%E0%A4%B2-%E0%A4%AE-%E0%A4%A1-%E0%A4%95%E0%A4%A8-%E0%A4%95-%E0%A4%B6%E0%A4%A8 महर्षि दधीचि का मिस अल्मोडा कनेक्शन | *[http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/aashokshuklaa/entry/%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%B0-%E0%A4%B7-%E0%A4%A6%E0%A4%A7-%E0%A4%9A-%E0%A4%95-%E0%A4%AE-%E0%A4%B8-%E0%A4%85%E0%A4%B2-%E0%A4%AE-%E0%A4%A1-%E0%A4%95%E0%A4%A8-%E0%A4%95-%E0%A4%B6%E0%A4%A8 महर्षि दधीचि का मिस अल्मोडा कनेक्शन...] | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{उत्तर प्रदेश के नगर}} | |||
[[Category: | [[Category:उत्तर प्रदेश]] [[Category:उत्तर प्रदेश के नगर]] [[Category:भारत के नगर]] | ||
[[Category:गणराज्य संरचना कोश]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ |
14:58, 22 मई 2014 के समय का अवतरण
मिसरिख पुरातात्विक महत्व का क्षेत्र है जहां महर्षि दधीचि द्वारा देवताओं के उद्धार हेतु अपने शरीर का दान किया गया था। महर्षि दधीचि के द्वारा जिस स्थान पर अपने शरीर का त्याग किया गया था उस स्थान पर अब एक पवित्र कुण्ड है।
प्राचीन धर्मकथा
हिन्दू धर्मकथाओं के अनुसार देवासुर संग्राम में महर्षि दधीचि ने अपनी हड्डियों से वज्रास्त्र बनाने के लिये अपने शरीर का त्याग यहीं किया था। वह स्थान अब यहाँ मिश्रित तीर्थ के रूप में जाना जाता है। जब महर्षि दधीचि ने अपने शरीर के त्याग का निर्णय लिया तो उनके शरीर पर पवित्र गंगाजल उडेला जाता रहा और गौमाता के द्वारा उनके शरीर को तब तक चाटा जाता रहा जब तक कि वह हड्डियों का ढ़ांचे के रूप में परिवर्तित नहीं हो गया। अवशेष हड्डियों से बने वज्रास्त्र की सहायता से ही देवताओं को विजय की प्राप्ति हो सकी। महर्षि के शरीर पर उडेले गये पवित्र जल से ही इस सरोवर का निर्माण हुआ।
लोकसभा क्षेत्र
मिसरिख के नाम से लोकसभा क्षेत्र भी है। संसदीय क्षेत्र मिसरिख उत्तर प्रदेश राज्य के तीन जिलों- सीतापुर, हरदोई व कानपुर से मिलकर बना है। मिसरिख संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत बिल्हौर विधानसभा क्षेत्र गंगा नदी का तराई क्षेत्र है और मल्लावां, बिलग्राम, सण्डीला, बालामऊ, मिसरिख, विधानसभा क्षेत्र भी गोमती नदी के किनारे पर पड़ते हैं।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख