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इस क़िले का निर्माण 14 -15वीं शताब्दी में कराया गया था। इसके नाम पर ही इस जगह का नाम ईटानगर है। इस क़िले से बहुत ही सुन्दर दृश्य दिखायी देते हैं। क़िले को देखने के बाद सैलानी पौराणिक गंगा झील भी देख सकते हैं। | इस क़िले का निर्माण 14 -15वीं शताब्दी में कराया गया था। इसके नाम पर ही इस जगह का नाम ईटानगर है। इस क़िले से बहुत ही सुन्दर दृश्य दिखायी देते हैं। क़िले को देखने के बाद सैलानी पौराणिक गंगा झील भी देख सकते हैं। | ||
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अरुणाचल प्रदेश का पापुम पेर बहुत ही सुन्दर स्थान है। इसका मुख्यालय यूपिया में स्थित है। यह ईटानगर से 20 किलोमीटर दूर है। पापुम पेर हिमालय की तराई में बसा हुआ है। यहाँ से हिमालय की अनेक चोटियाँ दिखायी देती हैं। इनके अतिरिक्त यहाँ जंगलों, नदियों की प्राकृतिक छटा को भी देख सकते हैं। अधिकतर पर्यटन स्थल ईटानगर, दोईमुख, सिगेली और किमीन में स्थित है। इन स्थलों की यात्रा करने के लिए पर्यटकों को अरुणाचल प्रदेश के सरकारी कार्यालय से परमिट लेना पड़ता है। | अरुणाचल प्रदेश का पापुम पेर बहुत ही सुन्दर स्थान है। इसका मुख्यालय यूपिया में स्थित है। यह ईटानगर से 20 किलोमीटर दूर है। पापुम पेर हिमालय की तराई में बसा हुआ है। यहाँ से हिमालय की अनेक चोटियाँ दिखायी देती हैं। इनके अतिरिक्त यहाँ जंगलों, नदियों की प्राकृतिक छटा को भी देख सकते हैं। अधिकतर पर्यटन स्थल ईटानगर, दोईमुख, सिगेली और किमीन में स्थित है। इन स्थलों की यात्रा करने के लिए पर्यटकों को अरुणाचल प्रदेश के सरकारी कार्यालय से परमिट लेना पड़ता है। | ||
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तवांग मठ का निर्माण मेराक लामा लोड्रे ग्यात्सो ने 1680-81 ई. में कराया था। तवांग मठ एक पहाड़ी पर बना हुआ है। समुद्र तल से इसकी ऊँचाई 10,000 फीट है। यहाँ पर कई छोटी नदियाँ भी बहती हैं। यहाँ से पूरी त्वांग-चू घाटी के ख़ूबसूरत दृश्य देखे जा सकते हैं। | तवांग मठ का निर्माण मेराक लामा लोड्रे ग्यात्सो ने 1680-81 ई. में कराया था। तवांग मठ एक पहाड़ी पर बना हुआ है। समुद्र तल से इसकी ऊँचाई 10,000 फीट है। यहाँ पर कई छोटी नदियाँ भी बहती हैं। यहाँ से पूरी त्वांग-चू घाटी के ख़ूबसूरत दृश्य देखे जा सकते हैं। | ||
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10:09, 16 जनवरी 2012 के समय का अवतरण

अरुणाचल प्रदेश राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थल-
- तवांग
- दिरांग
- बोमडिला
- टीपी
- ईटानगर
- मालिनीथान
- लीकाबाली
- पासीघाट
- अलोंग
- तेजू
- मियाओ
- रोइंग
- दापोरिजो
- नामदफा
- भीष्मकनगर
- परशुराम कुंड
- खोंसा

- ईटा क़िला
इस क़िले का निर्माण 14 -15वीं शताब्दी में कराया गया था। इसके नाम पर ही इस जगह का नाम ईटानगर है। इस क़िले से बहुत ही सुन्दर दृश्य दिखायी देते हैं। क़िले को देखने के बाद सैलानी पौराणिक गंगा झील भी देख सकते हैं।
- पौराणिक गंगा झील
पौराणिक गंगा झील ईटानगर से 6 किलोमीटर की दूरी पर है। झील के पास सुन्दर प्राकृतिक जंगल है। सैलानी यहाँ सुन्दर पेड़-पौधे, वन्य जीव और फूलों के बगीचे भी देख सकते हैं।
- बौद्ध मंदिर
यहाँ पर एक ख़ूबसूरत बौद्ध मन्दिर है। बौद्ध गुरु दलाई लामा भी यहाँ की यात्रा कर चुके हैं। इस मन्दिर की छत पीले रंग की है और इस मन्दिर का निर्माण तिब्बती शैली में किया गया है। इस मन्दिर की छत से ईटानगर के सुंदर दृश्य दिखायी देते हैं। मन्दिर में एक संग्राहलय भी है जिसका नाम जवाहरलाल नेहरू संग्राहलय है। इस संग्राहलय में पूरे अरुणाचल प्रदेश की झाँकी देखी जा सकती है। इसके अतिरिक्त यहाँ पर लकड़ियों से बनी ख़ूबसूरत वस्तुएं, वाद्ययंत्र, सुन्दर कपड़े, हस्तनिर्मित वस्तुएं और केन की बनी सुन्दर कलाकृतियों का संग्रह देख सकते हैं। संग्राहलय में एक पुस्तकालय भी है। अन्य स्थलों में दोन्यी-पोलो विद्या भवन, विज्ञान संस्थान, इंदिरा गांधी उद्यान और अभियांत्रिकी संस्थान प्रमुख हैं।
- पापुम पेर

अरुणाचल प्रदेश का पापुम पेर बहुत ही सुन्दर स्थान है। इसका मुख्यालय यूपिया में स्थित है। यह ईटानगर से 20 किलोमीटर दूर है। पापुम पेर हिमालय की तराई में बसा हुआ है। यहाँ से हिमालय की अनेक चोटियाँ दिखायी देती हैं। इनके अतिरिक्त यहाँ जंगलों, नदियों की प्राकृतिक छटा को भी देख सकते हैं। अधिकतर पर्यटन स्थल ईटानगर, दोईमुख, सिगेली और किमीन में स्थित है। इन स्थलों की यात्रा करने के लिए पर्यटकों को अरुणाचल प्रदेश के सरकारी कार्यालय से परमिट लेना पड़ता है।
- तवांग मठ
तवांग मठ का निर्माण मेराक लामा लोड्रे ग्यात्सो ने 1680-81 ई. में कराया था। तवांग मठ एक पहाड़ी पर बना हुआ है। समुद्र तल से इसकी ऊँचाई 10,000 फीट है। यहाँ पर कई छोटी नदियाँ भी बहती हैं। यहाँ से पूरी त्वांग-चू घाटी के ख़ूबसूरत दृश्य देखे जा सकते हैं।
- अरुणाचल प्रदेश में महत्त्वपूर्ण जगहें हैं-
- तवांग
- परशुराम कुंद
- भिस्माक्नगर
- मालिनिथन
- अकाशिगंगा
- नामदफा
- ईटानगर
- बोमडिला
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