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बोकारो शहर और महानगरीय क्षेत्र [[झारखण्ड]] राज्य (भूतपूर्व दक्षिण-पूर्वी [[बिहार]] राज्य), पूर्वोत्तर [[भारत]] में स्थित है। इसका पूरा नाम बोकारो इस्पात नगर है। बोकारो और दामोदर नदियों से लगा यह शहर [[भारत]] के विशालतम लौह और इस्पात संयंत्रों में से एक के ठीक पश्चिम में स्थित है। [[चित्र:Bokaro-Steel-Plant.jpg|[[बोकारो स्टील सिटी|बोकारो स्टील प्लांट]]<br />Bokaro Stee Plant|thumb|250px]] [[1967]] में कारख़ाने का निर्माण-कार्य प्रारंभ हुआ और 1972 में पहली वात्या-भट्टी (ब्लास्ट फ़र्नेस) का उद्घाटन हुआ। सोवियत सहायता से यह संयंत्र 1980 के दशक में बनकर तैयार हुआ। इसके समीप ही कोयले की बड़ी खदानें हैं। संयंत्र के कर्मचारियों को आवासीय और सामुदायिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए बोकारो शहर का निर्माण किया गया था। बोकारो को स्टील प्लांट के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है। | |||
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07:59, 20 फ़रवरी 2011 के समय का अवतरण
बोकारो | बोकारो पर्यटन | बोकारो ज़िला |
बोकारो शहर और महानगरीय क्षेत्र झारखण्ड राज्य (भूतपूर्व दक्षिण-पूर्वी बिहार राज्य), पूर्वोत्तर भारत में स्थित है। इसका पूरा नाम बोकारो इस्पात नगर है। बोकारो और दामोदर नदियों से लगा यह शहर भारत के विशालतम लौह और इस्पात संयंत्रों में से एक के ठीक पश्चिम में स्थित है।

Bokaro Stee Plant
1967 में कारख़ाने का निर्माण-कार्य प्रारंभ हुआ और 1972 में पहली वात्या-भट्टी (ब्लास्ट फ़र्नेस) का उद्घाटन हुआ। सोवियत सहायता से यह संयंत्र 1980 के दशक में बनकर तैयार हुआ। इसके समीप ही कोयले की बड़ी खदानें हैं। संयंत्र के कर्मचारियों को आवासीय और सामुदायिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए बोकारो शहर का निर्माण किया गया था। बोकारो को स्टील प्लांट के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है।
परिवहन
यह शहर सड़क और रेलमार्ग द्वारा कोलकाता (भूतपूर्व कलकत्ता) से जुड़ा है, जो दक्षिण-पूर्व में स्थित है।
जनसंख्या
2001 की जनगणना के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र की जनसंख्या 36,419 और बोकारो इस्पात नगर की कुल जनसंख्या 3,94,173 है। व बिकारो ज़िले की कुल जनसंख्या 17,75,961 है।
पर्यटन
प्लांट के अलावा भी यहाँ अनेक पर्यटक स्थल हैं जो बड़े पैमाने पर पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। जवाहरलाल नेहरू पार्क, तेनुघाट, बोकारो इस्पात पुस्तकालय और सिटी पार्क इसके प्रमुख पर्यटक स्थल है। वर्ष में यहाँ पर अनेक उत्सव भी मनाए जाते हैं। इन उत्सवों में बोकारो की संस्कृति की अनुपम छटा देखी जा सकती है। पर्यटक चाहें तो इन उत्सवों में भाग भी ले सकते हैं।
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