यह जो महंत बैठे हैं राधा के कुण्ड पर -इंशा अल्ला ख़ाँ

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यह जो महंत बैठे हैं राधा के कुण्ड पर -इंशा अल्ला ख़ाँ
इंशा अल्ला ख़ाँ
कवि इंशा अल्ला ख़ाँ
जन्म 1756 ई.
जन्म स्थान दिल्ली
मृत्यु 1817 ई.
मुख्य रचनाएँ 'उर्दू गज़लों का दीवाना', 'दीवान रेख्ती', 'कसायद उर्दू-फ़ारसी', 'दीवाने फ़ारसी', 'मसनवी शिकारनामा' आदि
भाषा उर्दू, फ़ारसी, हिंदी
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
इंशा अल्ला ख़ाँ की रचनाएँ

यह जो महंत बैठे हैं राधा के कुण्ड पर
अवतार बन कर गिरते हैं परियों के झुण्ड पर

शिव के गले से पार्वती जी लिपट गयीं
क्या ही बहार आज है ब्रह्मा के रुण्ड पर

राजीजी एक जोगी के चेले पे ग़श हैं आप
आशिक़ हुए हैं वाह अजब लुण्ड मुण्ड पर

'इंशा' ने सुन के क़िस्सा-ए-फरहाद यूँ कहा
करता है इश्क़ चोट तो ऐसे ही मुण्ड पर



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