मिश्री
मिश्री या मिसरी शक्कर के क्रिस्टलों का एक रूप है, जिसे भारत में एक मिष्ठान्न के रूप में प्रयोग किया जाता है। भगवान कृष्ण को माखन व मिश्री प्रिय मानी जाती हैं। ब्रजभूमि में लिखे गये कई भक्तिगीतों में "माखन और मिश्री" शब्द एक साथ आते हैं।
- दूध को मीठा करने में भी मिश्री का प्रयोग किया जाता है।
- मिश्री को संस्कृत में 'सिता' तथा बंगाली में 'मिचरी' कहा जाता है।
- भारत में इसका हिन्दुओं द्वारा देवताओं को भोग लगाने व प्रसाद के रूप में बाँटने में भी प्रयोग किया जाता है।
- मिश्री को सात्त्विक खाद्य की श्रेणी में रखा जाता है।
- उत्तर भारत में होने वाले भगवती-जागरणों में प्रायः आधी रात की वेला में, उपस्थित लोगों को मिश्री प्रसाद के रूप में बाँटी जाती है, तब इसके सेवन से सात्त्विकता का पुनः संचार हो जाता है, तथा नींद नहीं आती है।
मिश्री सेवन से लाभ
मिश्री को अन्य चीजों में मिलाकर कई तरह के फायदे मिलते हैं जैसे भिंडी की जड़ के साथ मिश्री के सेवन से सेक्सुअल पॉवर बढती है। मिश्री को नीम के पत्तियों के साथ लेने से पेट दर्द और डायरिया में भी आराम मिलता है। अगर आप गले की खराश से परेशान है तो इसके लिए आप मिश्री का पानी बनाकर पी लीजिये, यह घरेलु उपचार सर्दी जुखाम में तुरंत असरदार है। और मीठा होने के कारण आप गले कि खराश से बचने के लिए अपने बच्चे को भी मिश्री का एक टुकड़ा चूसने के लिए दे सकती हैं, यह बहुत जल्दी आराम पहुंचाती है।
- इन्द्रियों को आराम
दक्षिण भारत में, गर्मियों के दिन में मिश्री डालकर रिफ्रेशिंग ड्रिंक बनाने का प्रचलन है। एक गिलास पानी में एक चम्मच मिश्री का पाउडर मिलाकर इसे बनाया जाता है। यह दिमाग को बहुत आराम पहुंचाता है और आपके तनाव को कम करता है क्योंकि यह ग्लूकोज़ के रूप में हमे एनर्जी प्रदान करता है जिससे हमारी इन्द्रियों को आराम मिलता है।
- माउथ फ्रेशनर
सौंफ के साथ मिश्री का प्रयोग माउथ फ्रेशनर के रूप में बहुत प्रचलित है। इस शुगर कैंडी का मीठा स्वाद आपको फ्रेश फील देने के साथ ही आपके मुह में बैक्टीरिया को बनने से भी रोकती है। यही कारण है कि कई भारतीयों को खाने के बाद सौंफ के साथ मिश्री खाने की आदत है।
- पौष्टिकता
मिश्री, शुगर का ही अपरिष्कृत रूप है, इसलिए यह रसोई में इस्तेमाल होनी वाली शुगर से ज्यादा पौष्टिक होती है। यही कारण है कि कई मीठी चीजों को बनाने में मिश्री का प्रयोग किया जाता है जैसे की चाकलेट या आम का पना।[1]
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