एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"।

नन्ही सचाई -अशोक चक्रधर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
नन्ही सचाई -अशोक चक्रधर
चुटपुटकुले
कवि अशोक चक्रधर
देश भारत
पृष्ठ: 165
भाषा हिन्दी
विषय कविताएँ
अशोक चक्रधर की रचनाएँ


एक डॉक्टर मित्र हमारे
स्वर्ग सिधारे।
असमय मर गए,
सांत्वना देने
हम उनके घर गए।
उनकी नन्ही-सी बिटिया
भोली-नादान थी,
जीवन-मृत्यु से
अनजान थी।
हमेशा की तरह
द्वार पर आई,
देखकर मुस्कुराई।
उसकी नन्ही-सचाई
दिल को लगी बेधने,
बोली—
अंकल !
भगवान जी बीमार हैं न
पापा गए हैं देखने।

संबंधित लेख