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==छत्तीसगढ़ का सामान्य ज्ञान==  
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{{चित्र सूचना
{| class="bharattable-green" width="100%"
+
|विवरण=[[रबर]] का फूल
|-
+
|चित्रांकन=[http://www.flickr.com/people/dinesh_valke/ Dinesh Valke]
| valign="top"|
+
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<quiz display=simple>
+
|चित्रकार=
{खूंटागाँठ बाँध [[छत्तीसगढ़]] में किस नदी पर स्थित है?
+
|उपलब्ध=[http://www.flickr.com/photos/dinesh_valke/533092219/ Indian rubber tree]
|type="()"}
+
|प्राप्ति स्थान=
-[[हसदो नदी|हसदो]]
+
|समय-काल=
+[[खारून नदी|खारून]]
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|संग्रहालय क्रम संख्या=
-[[शिवनाथ नदी|शिवनाथ]]
+
|आभार=[http://www.flickr.com/photos/dinesh_valke/ dinesh_valke's photostream]
-[[महानदी]]  
+
|आकार=
||[[चित्र:Kharun-River.jpg|120px|right|खारून नदी]][[छत्तीसगढ़]] की राजधानी [[रायपुर]] [[खारून नदी]] के किनारे पर ही बसी हुई है। यह नदी 80 किलोमीटर उत्तर की ओर प्रवाहित होकर जामघाट के समीप [[शिवनाथ नदी]] में मिल जाती है। [[दुर्ग ज़िला|दुर्ग ज़िले]] में नदी की लम्बाई 128 किलोमीटर तथा प्रवाह क्षेत्र 19,980 वर्ग किलोमीटर है। राज्य का प्रमुख खूंटागाँठ बाँध भी खारून नदी पर ही स्थित है। यह ज़िले के प्रवाह क्षेत्र का 23.0% है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[खारून नदी|खारून]]
+
|अन्य विवरण=रबर की [[कृषि]] का प्रारम्भ सन् [[1900]] में मारक्किस ऑफ सेलिसबरी के प्रयत्नों से हुआ था। इसी [[वर्ष]] [[दक्षिण अमेरिका]] से पारारबर के बीज मंगा कर [[केरल]] में [[पेरियार नदी]] के किनारे लगाये गये थे।
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}}
  
{[[छत्तीसगढ़]] में सर्वाधिक धान की प्रजाति विकसित करने वाला [[कृषि]] वैज्ञानिक कौन है?
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{{CCL
|type="()"}
+
|Attribution={{Attribution}}
-आर.एन. सिंह
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|Noncommercial={{Noncommercial}}
-संकेत ठाकुर
+
|Share Alike=
+डॉक्टर एच.आर. रिछारिया
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|No Derivative Works={{No Derivative Works}}
-कन्हैयालाल शुक्ला
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}}
 
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__INDEX__
{अमृतधारा जलप्रपात किस नदी पर अवस्थित है?
 
|type="()"}
 
+[[हसदो नदी]]
 
-गोपद नदी
 
-[[इंद्रावती नदी]]
 
-[[महानदी]]
 
||[[चित्र:Hasdeo-River.jpg|120px|right|हसदो नदी]]अमृतधारा जलप्रपात, [[छत्तीसगढ़]] में कोरिया का एक प्राकृतिक झरना है, जो [[हसदो नदी]] पर स्थित है। कोरिया ब्रिटिश शासन के दौरान एक रियासत थी। पूरे [[भारत]] में कोरिया को प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। यह जगह पूरे घने जंगलों, पहाड़ों, नदियों और झरनों से भरी पड़ी है। अमृतधारा जलप्रपात कोरिया के सबसे प्रसिद्ध झरनो मे से एक है। कोरिया मे अमृतधारा झरना, एक बहुत ही शुभ [[शिव]] मंदिर के लिए प्रसिद्ध है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हसदो नदी]]
 
 
 
{[[छत्तीसगढ़]] की [[टमाटर]] राजधानी किसे कहते हैं? 
 
|type="()"}
 
+लुडेंग
 
-कोरर
 
-दशरंगपुर
 
-पिपरिया
 
 
 
{[[बस्तर ज़िला|बस्तर]] सम्भाग को दो भागों में विभक्त करने वाली नदी कौन-सी है?
 
|type="()"}
 
-शबरी नदी
 
-[[गोदावरी नदी]]
 
+[[इंद्रावती नदी]]
 
-[[महानदी]]
 
||[[चित्र:Chitrakote-Falls-Chhattisgarh.jpg|right|100px|चित्रकूट जलप्रपात, छत्तीसगढ़]]इन्द्रावती नदी [[कालाहांडी ज़िला|कालाहांडी]] ([[उड़ीसा]]) के धरमगढ़ तहसील में स्थित 4 हज़ार फीट ऊँची [[मुंगेर]] पहाड़ी से निकलती है। यह नदी पूर्व से पश्चिम की ओर बहती हुई जगदलपुर ज़िले से 40 किमी. की दूरी पर [[चित्रकूट जलप्रपात]] बनाती है, जो उड़ीसा के कालहंदी पहाड़ से निकलकर भूपालपटनम् के पास [[गोदावरी नदी|गोदावरी]] में गिरती है। यह नदी [[छत्तीसगढ़]] तथा [[महाराष्ट्र]] की सीमा भी बनाती है। महाराष्ट्र से छत्तीसगढ़ की सीमा बनाती हुई यह नदी दक्षिण दिशा में प्रवाहित होती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[इंद्रावती नदी]]
 
 
 
{[[छत्तीसगढ़]] में अभयारण्यों की संख्या कितनी है?
 
|type="()"}
 
-8
 
+11
 
-12
 
-7
 
 
 
{[[छत्तीसगढ़]] में चने की सर्वाधिक फसल कहाँ होती है?
 
|type="()"}
 
-[[रायपुर]]
 
+[[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]]
 
-[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]]
 
-[[बस्तर ज़िला|बस्तर]]
 
||[[चित्र:Durg-District-Map.jpg|right|100px|दुर्ग ज़िले का मानचित्र]][[छत्तीसगढ़]] का [[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]] एक प्रमुख [[कृषि]] बाज़ार है, जहाँ पर विभिन्न फ़सलों से सम्बन्धित कई मिलें हैं। यहाँ [[चावल]] एवं अरहर दाल की मिलें भी हैं। दुर्ग सर्वाधिक चना उत्पादन में सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में प्रथम है। भिलाई इस्पात संयंत्र की स्थापना के बाद इस शहर का ओद्योगिक केंद्र के रूप में महत्त्व बढ़ गया। यहाँ के लघु उद्योगों में पीतल और कांसे का काम, तेल पेराई, धान कुटाई एवं बुनाई सहकारिता उद्योग शामिल हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]]
 
 
 
{[[छत्तीसगढ़]] राज्य की प्रमुख फ़सल कौन-सी है?
 
|type="()"}
 
+धान
 
-[[गेहूँ]]
 
-[[मक्का]]
 
-[[गन्ना]]
 
||[[चित्र:Rice-Harvest.jpg|right|120px|चावल की फ़सल]][[छत्तीसगढ़]] राज्य में 80 प्रतिशत आबादी [[कृषि]] और उससे जुडी गतिविधियों में लगी है। 137.9 लाख हेक्टेयर भौगोलिक क्षेत्र में से कुल कृषि क्षेत्र कुल क्षेत्र का लगभग 35 प्रतिशत है। [[चावल]] यहाँ की मुख्य फ़सल है। अन्य महत्त्वपूर्ण फ़सलें हैं- [[मक्का]], [[गेंहूँ]] कच्चा अनाज, [[मूँगफली]] और दलहन। राज्य में धान की खेती सर्वाधिक मात्रा में की जाती है। लगभग 3.03 लाख हेक्टेयर में बाग़वानी फ़सलें उगाई जाती हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]]
 
 
 
{[[छत्तीसगढ़]] शासन द्वारा वर्ष 2002 में प्रदेश को सूखाग्रस्त घोषित कब किया गया है?
 
|type="()"}
 
-[[15 जुलाई]]
 
+[[27 जुलाई]]
 
-[[20 जून]]
 
-[[20 अगस्त]]
 
 
 
{[[छत्तीसगढ़]] में सबसे अधिक [[तांबा|ताम्र]] अयस्क किस ज़िले में पाया जाता है?
 
|type="()"}
 
-[[रायपुर ज़िला|रायपुर]]
 
+[[बिलासपुर ज़िला|बिलासपुर]]
 
-[[बस्तर ज़िला|बस्तर]]
 
-[[राजनांदगाँव ज़िला|राजनांदगाँव]]
 
||[[चित्र:Copper.jpg|right|120px|तांबा]][[छत्तीसगढ़]] [[भारत]] के [[खनिज]] समृद्ध राज्यों में से एक है। यहाँ पर चूना-पत्थर, लौह अयस्क, [[तांबा]], फ़ॉस्फेट, [[मैंगनीज़]], बॉक्साइट, कोयला, एसबेस्टॅस और अभ्रक के उल्लेखनीय भंडार हैं। तांबे की सर्वाधिक मात्रा [[बिलासपुर ज़िला|बिलासपुर ज़िले]] से प्राप्त होती है। छ्त्तीसगढ़ में लगभग 52.5 करोड़ टन का डोलोमाइट का भंडार है, जो पूरे देश के कुल भंडार का 24 प्रतिशत है। यहाँ बॉक्साइट का अनुमानित 7.3 करोड़ टन का समृद्ध भंडार है और टिन अयस्क का 2,700 करोड़ से भी ज़्यादा का उल्लेखनीय भंडार है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]]
 
 
 
{[[छत्तीसगढ़]] की गंगा किसे कहते हैं?
 
|type="()"}
 
-[[इंद्रावती नदी|इंद्रावती]]
 
-[[खारून नदी|खारून]]
 
-दूधनदी
 
+[[महानदी]]
 
||[[चित्र:Mahanadi.jpg|120px|right|महानदी, उड़ीसा]][[छत्तीसगढ़]] राज्य में [[महानदी]] को '[[गंगा]]' के समान पवित्र माना जाता है, यही कारण है कि यह 'छत्तीसगढ़ की गंगा' कही जाती है। इस नदी को गंगा कहे जाने के बारे में मान्यता है कि, [[त्रेतायुग]] में श्रृंगी ऋषि का आश्रम सिहावा की पहाड़ी में था। वे [[अयोध्या]] में महाराजा [[दशरथ]] के निवेदन पर पुत्रेष्ठि यज्ञ कराकर लौटे थे। उनके कमंडल में [[यज्ञ]] में प्रयुक्त गंगा का पवित्र जल भरा था। समाधि से उठते समय कमंडल का अभिमंत्रित जल गिर पड़ा और बहकर महानदी के उद्गम में मिल गया। गंगाजल के मिलने से महानदी गंगा के समान पवित्र हो गयी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]]
 
 
 
{मैकाल पर्वत की सबसे ऊँची चोटी कौन-सी है?
 
|type="()"}
 
+लीलवानी
 
-[[धूपगढ़ शिखर|धूपगढ़]]
 
-नजीबा
 
-भूपेन्द्री
 
 
 
{[[छत्तीसगढ़]] में सर्वाधिक कोयला खदाने किस ज़िले में हैं?
 
|type="()"}
 
-[[बिलासपुर ज़िला|बिलासपुर]]
 
-[[रायगढ़ ज़िला|रायगढ़]]
 
+[[कोरबा ज़िला|कोरबा]]
 
-[[कोरिया ज़िला|कोरिया]]
 
||[[चित्र:Chhattisgarh-map.jpg|right|100px|छत्तीसगढ़ का मानचित्र]][[खनिज]] संपदा से [[छत्तीसगढ़]] को सालाना 600 करोड़ रुपये से ज़्यादा का राजस्व प्राप्त होता है। [[रायपुर ज़िला|रायपुर ज़िले]] के देवभोग में [[हीरा|हीरे]] के भंडार हैं। छ्त्तीसगढ़ अपनी आवश्यकता से अधिक [[ऊर्जा]] का उत्पादन करता है। कोयला समृद्ध कोरबा में तीन ताप-विद्युत संयंत्र हैं और अन्य कई संयंत्र लगाने की योजना है। 'साउथ ईस्टर्न कोलफ़ील्डस लिमिटेड' कोयले के विशाल भंडार वाले क्षेत्रों में खोज कर रहा है। छ्त्तीसगढ़ में तेंदू पत्ते का [[भारत]] के कुल उत्पादन का 70 प्रतिशत होता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]]
 
 
 
{ब्रिटिश काल में सर्वप्रथम पक्षी विहार के रूप में किस अभयारण्य को विकसित किया गया था?
 
 
 
|type="()"}
 
-सीतानदी
 
-उदंती
 
+बस्तर
 
-धमतरी
 
 
 
{प्रसिद्ध रविशंकर जलाशय किस ज़िले में स्थित है?
 
|type="()"}
 
-[[रायपुर ज़िला|रायपुर]]
 
+घमतरी
 
-[[महासमुन्द ज़िला|महासमुन्द]]
 
-[[दुर्ग ज़िला|दुर्ग]]
 
||[[छत्तीसगढ़]] में सिंचाई सुविधा में बढ़ोतरी करने के लिए यहाँ के दो बड़े जलाशयों को लंबी नहर से जोड़ा जाएगा। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार [[मुख्यमंत्री]] रमन सिंह ने राज्य के दो प्रमुख सिंचाई जलाशयों '[[धमतरी ज़िला|धमतरी ज़िले]]' के गंगरेल स्थित रविशंकर जलाशय और [[दुर्ग ज़िला|दुर्ग ज़िले]] के 'तांदुला जलाशय' को लगभग 60 किमी. लंबी नहर के माध्यम से आपस में जोडऩे की प्रस्तावित योजना के लिए सर्वेक्षण की स्वीकृति प्रदान कर दी है। जल संसाधन विभाग ने गंगरेल-तांदुला जलाशय लिंक परियोजना के लिए सर्वेक्षण कार्य शुरू किया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]]
 
</quiz>
 
|}
 
|}
 
__NOTOC__
 

06:22, 7 मई 2012 के समय का अवतरण


चित्र जानकारी
विवरण (Description) रबर का फूल
चित्रांकन (Author) Dinesh Valke
स्रोत (Source) www.flickr.com
उपलब्ध (Available) Indian rubber tree
आभार (Credits) dinesh_valke's photostream
अन्य विवरण रबर की कृषि का प्रारम्भ सन् 1900 में मारक्किस ऑफ सेलिसबरी के प्रयत्नों से हुआ था। इसी वर्ष दक्षिण अमेरिका से पारारबर के बीज मंगा कर केरल में पेरियार नदी के किनारे लगाये गये थे।




प्रयोग अनुमति

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