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'''शान्ति स्वरूप भटनागर पुरस्कार''' का प्रारम्भ सुप्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक [[शांति स्वरूप भटनागर|डा. शांति स्वरूप भटनागर]] की स्मृति में [[1957]] ई. से किया गया है। यह पुरस्कार भारतीय औद्योगिक तथा वैज्ञानिक अनुसंधान परिषद द्वारा दिया जाता है। यह पुरस्कार वार्षिक है। यह पुरस्कार भारतीय औद्योगिक तथा वैज्ञानिक अनुसंधान परिषद द्वारा उल्लेखनीय एवं असाधारण अनुसंधान, जीववैज्ञानिक, रासायनिक,पर्यावरणीय, सागर एवं ग्रह के गहन अध्ययन, अभियांत्रिक, गणित, चिकित्सा एवं भौतिक विज्ञान के क्षेत्रों में दिया जाता हैं। इस पुरस्कार का मूल उद्देश्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय एवं असाधारण प्रतिभा के धनियों को सामने लाना है। 
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'''शान्ति स्वरूप भटनागर पुरस्कार''' का प्रारम्भ सुप्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक [[शांति स्वरूप भटनागर|डॉ. शांति स्वरूप भटनागर]] की स्मृति में [[1957]] ई. से किया गया है। यह पुरस्कार भारतीय औद्योगिक तथा वैज्ञानिक अनुसंधान परिषद द्वारा दिया जाता है। यह पुरस्कार वार्षिक है। यह पुरस्कार भारतीय औद्योगिक तथा वैज्ञानिक अनुसंधान परिषद द्वारा उल्लेखनीय एवं असाधारण अनुसंधान, जीववैज्ञानिक, रासायनिक,पर्यावरणीय, सागर एवं ग्रह के गहन अध्ययन, अभियांत्रिक, गणित, चिकित्सा एवं भौतिक विज्ञान के क्षेत्रों में दिया जाता हैं। इस पुरस्कार का मूल उद्देश्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय एवं असाधारण प्रतिभा के धनियों को सामने लाना है। 
 
==स्थापना==
 
==स्थापना==
 
शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार  की स्थापना वैज्ञानिक, संस्थापक निदेशक और सीएसआईआर के प्रमुख वास्तुकार स्वर्गीय डॉ. (सर) शांति स्वरूप भटनागर के सम्मान में वर्ष 1957 में किया गया था। 450 से अधिक वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों को अब तक उनके अनुसंधान एवं विकास योगदान के लिए विज्ञान के विभिन्न विषयों में इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। पुरस्कार में एक प्रशस्ति पत्र, नकद पुरस्कार, एक पट्टिका और सेवानिवृत्ति तक एक मानदेय दिया जाता है।<ref>{{cite web |url=http://www.jagranjosh.com/current-affairs/%E0%A4%B8%E0%A5%80%E0%A4%8F%E0%A4%B8%E0%A4%86%E0%A4%88%E0%A4%86%E0%A4%B0-%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B7-2013-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%8F-%E0%A4%B6%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%A4%E0%A4%BF-%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A5%82%E0%A4%AA-%E0%A4%AD%E0%A4%9F%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%97%E0%A4%B0-%E0%A4%AA%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%98%E0%A5%8B%E0%A4%B7%E0%A4%A3%E0%A4%BE-%E0%A4%95%E0%A5%80-1380258682-2 |title=सीएसआईआर ने वर्ष 2013 के लिए शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कारों की घोषणा की |accessmonthday= 5 नवम्बर |accessyear=2013 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिंदी }}</ref>
 
शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार  की स्थापना वैज्ञानिक, संस्थापक निदेशक और सीएसआईआर के प्रमुख वास्तुकार स्वर्गीय डॉ. (सर) शांति स्वरूप भटनागर के सम्मान में वर्ष 1957 में किया गया था। 450 से अधिक वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों को अब तक उनके अनुसंधान एवं विकास योगदान के लिए विज्ञान के विभिन्न विषयों में इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। पुरस्कार में एक प्रशस्ति पत्र, नकद पुरस्कार, एक पट्टिका और सेवानिवृत्ति तक एक मानदेय दिया जाता है।<ref>{{cite web |url=http://www.jagranjosh.com/current-affairs/%E0%A4%B8%E0%A5%80%E0%A4%8F%E0%A4%B8%E0%A4%86%E0%A4%88%E0%A4%86%E0%A4%B0-%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B7-2013-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%8F-%E0%A4%B6%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%A4%E0%A4%BF-%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A5%82%E0%A4%AA-%E0%A4%AD%E0%A4%9F%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%97%E0%A4%B0-%E0%A4%AA%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%98%E0%A5%8B%E0%A4%B7%E0%A4%A3%E0%A4%BE-%E0%A4%95%E0%A5%80-1380258682-2 |title=सीएसआईआर ने वर्ष 2013 के लिए शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कारों की घोषणा की |accessmonthday= 5 नवम्बर |accessyear=2013 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिंदी }}</ref>

10:07, 4 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण

शान्ति स्वरूप भटनागर पुरस्कार
शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार
विवरण 'शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार' प्रत्येक वर्ष दिया जाता है। यह पुरस्कार प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक शांति स्वरूप भटनागर की स्मृति में 1957 से दिया जाता है।
शुरुआत 1957
प्रदाता संस्था भारतीय औद्योगिक तथा वैज्ञानिक अनुसंधान परिषद
सम्बंधित वैज्ञानिक शांति स्वरूप भटनागर
देश भारत
उद्देश्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय एवं असाधारण प्रतिभा के धनियों को सामने लाना।
अन्य जानकारी यह पुरस्कार भारत में किए गए अनुसंधान और विकास कार्यों के लिए युवा वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की सबसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पहचान है।

शान्ति स्वरूप भटनागर पुरस्कार का प्रारम्भ सुप्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक डॉ. शांति स्वरूप भटनागर की स्मृति में 1957 ई. से किया गया है। यह पुरस्कार भारतीय औद्योगिक तथा वैज्ञानिक अनुसंधान परिषद द्वारा दिया जाता है। यह पुरस्कार वार्षिक है। यह पुरस्कार भारतीय औद्योगिक तथा वैज्ञानिक अनुसंधान परिषद द्वारा उल्लेखनीय एवं असाधारण अनुसंधान, जीववैज्ञानिक, रासायनिक,पर्यावरणीय, सागर एवं ग्रह के गहन अध्ययन, अभियांत्रिक, गणित, चिकित्सा एवं भौतिक विज्ञान के क्षेत्रों में दिया जाता हैं। इस पुरस्कार का मूल उद्देश्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय एवं असाधारण प्रतिभा के धनियों को सामने लाना है। 

स्थापना

शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार की स्थापना वैज्ञानिक, संस्थापक निदेशक और सीएसआईआर के प्रमुख वास्तुकार स्वर्गीय डॉ. (सर) शांति स्वरूप भटनागर के सम्मान में वर्ष 1957 में किया गया था। 450 से अधिक वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों को अब तक उनके अनुसंधान एवं विकास योगदान के लिए विज्ञान के विभिन्न विषयों में इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। पुरस्कार में एक प्रशस्ति पत्र, नकद पुरस्कार, एक पट्टिका और सेवानिवृत्ति तक एक मानदेय दिया जाता है।[1]

यह पुरस्कार वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), स्वर्गीय डॉ. (सर) शांति स्वरूप भटनागर के संस्थापक निदेशक के नाम पर है और 'विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए 'शांति स्वरूप भटनागर (एसएसबी) पुरस्कार' के रूप में जाना जाता है। यह पुरस्कार विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए हर साल दिया जाता है।

क्षेत्र तथा पुरस्कृत राशि

एसएसबी पुरस्कार, रु 5,00,000 के मूल्य के प्रत्येक (रुपये केवल पांच लाख), निम्न विषयों में उल्लेखनीय और उत्कृष्ट अनुसंधान के लिए आवेदन, या मौलिक, के लिए प्रतिवर्ष सम्मानित किया जाता है-

  1. जैविक
  2. रासायनिक
  3. पृथ्वी
  4. वायुमंडल
  5. महासागर और ग्रहों
  6. इंजीनियरिंग
  7. गणितीय
  8. चिकित्सा
  9. शारीरिक विज्ञान.

पात्रता

  • इस पुरस्कार को पाने के लिए भारत की नागरिक (ओसीआई) और भारतीय मूल के व्यक्ति (की वर्ष पूर्ववर्ती वर्ष की 31 दिसंबर को माना कि भारत के किसी भी नागरिक को 45 साल की उम्र तक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में अनुसंधान में लगे हुए भारत में काम कर रहे भारतीय मूल के व्यक्ति) भी पात्र हैं।
  • उसका / उसकी विशेषज्ञता है प्रयास है, जो की विशेष रूप से क्षेत्र में - मौलिक और अनुप्रयुक्त - पुरस्कार सीएसआईआर की राय में, मानव ज्ञान और प्रगति करने के लिए स्पष्ट रूप से महत्वपूर्ण और उत्कृष्ट योगदान दिया है, जो एक व्यक्ति को दिया जाता है।
  • पुरस्कार का वर्ष ठीक पहले पांच वर्षों के दौरान भारत में मुख्य रूप से किए गए कार्य के माध्यम से किए गए योगदान के आधार पर प्रदान किया जाता है। (इस प्रयोजन के लिए 'मुख्य रूप से' सबसे अधिक भाग के लिए 'मतलब होगा)[2]

महत्त्व

शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार भारत में किए गए उनके अनुसंधान और विकास कार्यों के लिए युवा वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की सबसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पहचान है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सीएसआईआर ने वर्ष 2013 के लिए शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कारों की घोषणा की (हिंदी)। । अभिगमन तिथि: 5 नवम्बर, 2013।
  2. Regulations Governing the Award of the Shanti Swarup Bhatnagar Prize,For Science and Technology (अंग्रेज़ी)। । अभिगमन तिथि: 5 नवम्बर, 2013।

बाहरी कड़ियाँ

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