एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "१"।

"राष्ट्रीय चिह्न और प्रतीक" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
पंक्ति 19: पंक्ति 19:
 
भारत का राष्‍ट्रीय वृक्ष बरगद (फाइकस बेंघालेंसिस) है। बरगद का वृक्ष घना एवं फैला हुआ होता है। इसकी शाखाएं दूर-दूर तक फैली तथा जड़ें गहरी होती हैं। इतनी गहरी जड़ें किसी और वृक्ष की नहीं होतीं।  
 
भारत का राष्‍ट्रीय वृक्ष बरगद (फाइकस बेंघालेंसिस) है। बरगद का वृक्ष घना एवं फैला हुआ होता है। इसकी शाखाएं दूर-दूर तक फैली तथा जड़ें गहरी होती हैं। इतनी गहरी जड़ें किसी और वृक्ष की नहीं होतीं।  
 
==राष्‍ट्रगान==
 
==राष्‍ट्रगान==
[[चित्र:Janaganamana-score.jpg|right|150px|जन गण मन का वादन हेतु नाद-स्वर लिपि|link=राष्‍ट्रगान]]
+
[[चित्र:Janaganamana-score.jpg|150px|जन गण मन का वादन हेतु नाद-स्वर लिपि|link=राष्‍ट्रगान|right]]
 
{{Main|राष्‍ट्रगान}}
 
{{Main|राष्‍ट्रगान}}
स्‍वर्गीय कवि [[रवीन्द्रनाथ टैगोर]] द्वारा संक्षिप्त "जन गण मन" के नाम से प्रख्‍यात शब्दों और संगीत की रचना, भारत का राष्‍ट्रगान है। इसे इस प्रकार पढ़ा जाता है।  
+
स्‍वर्गीय कवि [[रवीन्द्रनाथ टैगोर]] द्वारा संक्षिप्त "जन गण मन" के नाम से प्रख्‍यात शब्दों और संगीत की रचना, भारत का राष्‍ट्रगान है। ऐसी स्तुति या गान, जो राष्ट्रप्रेम की भावना अभिव्यक्त करता हो तथा शासकीय रूप से आधिकारिक राष्ट्रगान के रूप में स्वीकृत हो या जनसाधारण में लोकप्रिय हो। सबसे पुराना राष्ट्रगान ग्रेट ब्रिटेन का ‘गॉड सेव द क्वीन’ है, जिसे 1825 में राष्ट्रगान के रूप में वर्णित किया गया था, हालांकि 18वीं सदी के मध्य से ही यह देशप्रेम के गीत के रूप में लोकप्रिय रहा तथा राजसी समारोहों में गाया जाता था। 19वीं तथा 20वीं सदी के आरंभ में अधिकांश यूरोपीय देशों ने ब्रिटेन का अनुसरण किया, कुछ राष्ट्रगान ख़ास उद्देश्य से लिखे गए, जबकि अन्य को पहले से मौजूद धुनों से अपनाया गया। इसे इस प्रकार पढ़ा जाता है।  
<poem>जन-गण-मन अधिनायक, जय हे
+
<blockquote><poem>
भारत-भाग्‍य-विधाता,
+
जन-गण-मन अधिनायक, जय हे
पंजाब-सिंधु गुजरात-मराठा,
+
भारत-भाग्‍य-विधाता,  
द्रविड़-उत्‍कल बंग,
+
पंजाब-सिंधु गुजरात-मराठा,  
विन्‍ध्‍य-हिमाचल-यमुना गंगा,
+
द्रविड़-उत्‍कल बंग,  
उच्‍छल-जलधि-तरंग,
+
विन्‍ध्‍य-हिमाचल-यमुना गंगा,  
तव शुभ नामे जागे,
+
उच्‍छल-जलधि-तरंग,  
तव शुभ आशिष मांगे,
+
तव शुभ नामे जागे,  
 +
तव शुभ आशिष मांगे,  
 
गाहे तव जय गाथा,
 
गाहे तव जय गाथा,
 
जन-गण-मंगल दायक जय हे
 
जन-गण-मंगल दायक जय हे
भारत-भाग्‍य-विधाता
+
भारत-भाग्‍य-विधाता  
 
जय हे, जय हे, जय हे
 
जय हे, जय हे, जय हे
जय जय जय जय हे।</poem>
+
जय जय जय जय हे।
 
+
</poem></blockquote>
 +
==राष्‍ट्रीय गीत==
 +
[[चित्र:Vande-Mataram.jpg|right|100px|वन्दे मातरम्|link=राष्‍ट्रीय गीत]]
 +
{{Main|राष्‍ट्रीय गीत}}
 +
[[बंकिमचंद्र चटर्जी]] ने '''वंदे मातरम्''' गीत की [[संस्कृत]] में रचना की है। श्री अरविन्दी ने इस गीत का [[अंग्रेज़ी]] में और आरिफ़ मौहम्मद खान ने इसका [[उर्दू]] में अनुवाद किया है। इसका स्‍थान जन गण मन के बराबर है। यह स्‍वतंत्रता की लड़ाई में लोगों के लिए प्ररेणा का स्रोत था। वह पहला राजनीतिक अवसर, जब यह गीत गाया गया था, [[1896]] में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन था। इसका प्रथम पद इस प्रकार है-
 +
<blockquote><poem>वंदे मातरम्, वंदे मातरम्!
 +
सुजलाम्, सुफलाम्, मलयज शीतलाम्,
 +
शस्यश्यामलाम्, मातरम्!
 +
वंदे मातरम्!
 +
शुभ्रज्योत्सनाम् पुलकितयामिनीम्,
 +
फुल्लकुसुमित द्रुमदल शोभिनीम्,
 +
सुहासिनीम् सुमधुर भाषिणीम्,
 +
सुखदाम् वरदाम्, मातरम्!
 +
वंदे मातरम्, वंदे मातरम्॥</poem></blockquote>
 
==राष्‍ट्रीय नदी==
 
==राष्‍ट्रीय नदी==
 
[[चित्र:Ganga-Varanasi.jpg|right|80px|गंगा नदी, वाराणसी|link=गंगा नदी]]
 
[[चित्र:Ganga-Varanasi.jpg|right|80px|गंगा नदी, वाराणसी|link=गंगा नदी]]
पंक्ति 55: पंक्ति 69:
 
{{Main|बाघ}}
 
{{Main|बाघ}}
 
राष्ट्रीय पशु 'बाघ' (पैंथरा टाइग्रिस-लिन्नायस), पीले रंगों और धारीदार लोमचर्म वाला एक पशु है। राजसी बाघ, तेंदुआ, टाइग्रिस धारीदार जानवर है। अपनी शालीनता, दृढ़ता, फुर्ती और अपार शक्ति के लिए बाघ को 'राष्ट्रीय पशु' कहलाने का गौरव प्राप्त है। इसकी आठ प्रजातियों में से भारत  में पाई जाने वाली प्रजाति को ‘रॉयल बंगाल टाइगर’ के नाम से जाना जाता है। उत्तर-पश्चिम भारत को छोड़कर बाकी सारे देशों में यह प्रजाति पायी जाती है। भारत के अतिरिक्त यह [[नेपाल]], [[भूटान]] और [[बंगलादेश]] जैसे पड़ोसी देशों में भी पाया जाता है।  
 
राष्ट्रीय पशु 'बाघ' (पैंथरा टाइग्रिस-लिन्नायस), पीले रंगों और धारीदार लोमचर्म वाला एक पशु है। राजसी बाघ, तेंदुआ, टाइग्रिस धारीदार जानवर है। अपनी शालीनता, दृढ़ता, फुर्ती और अपार शक्ति के लिए बाघ को 'राष्ट्रीय पशु' कहलाने का गौरव प्राप्त है। इसकी आठ प्रजातियों में से भारत  में पाई जाने वाली प्रजाति को ‘रॉयल बंगाल टाइगर’ के नाम से जाना जाता है। उत्तर-पश्चिम भारत को छोड़कर बाकी सारे देशों में यह प्रजाति पायी जाती है। भारत के अतिरिक्त यह [[नेपाल]], [[भूटान]] और [[बंगलादेश]] जैसे पड़ोसी देशों में भी पाया जाता है।  
==राष्‍ट्रीय गीत==
 
[[चित्र:Vande-Mataram.jpg|right|100px|वन्दे मातरम्|link=राष्‍ट्रीय गीत]]
 
{{Main|राष्‍ट्रीय गीत}}
 
[[बंकिमचंद्र चटर्जी]] ने '''वंदे मातरम्''' गीत की [[संस्कृत]] में रचना की है। श्री अरविन्दी ने इस गीत का [[अंग्रेज़ी]] में और आरिफ़ मौहम्मद खान ने इसका [[उर्दू]] में अनुवाद किया है। इसका स्‍थान जन गण मन के बराबर है। यह स्‍वतंत्रता की लड़ाई में लोगों के लिए प्ररेणा का स्रोत था। वह पहला राजनीतिक अवसर, जब यह गीत गाया गया था, [[1896]] में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन था। इसका प्रथम पद इस प्रकार है-
 
<poem>वंदे मातरम्, वंदे मातरम्!
 
सुजलाम्, सुफलाम्, मलयज शीतलाम्,
 
शस्यश्यामलाम्, मातरम्!
 
वंदे मातरम्!
 
शुभ्रज्योत्सनाम् पुलकितयामिनीम्,
 
फुल्लकुसुमित द्रुमदल शोभिनीम्,
 
सुहासिनीम् सुमधुर भाषिणीम्,
 
सुखदाम् वरदाम्, मातरम्!
 
वंदे मातरम्, वंदे मातरम्॥</poem>
 
 
 
==राष्‍ट्रीय फल==
 
==राष्‍ट्रीय फल==
 
[[चित्र:Mango.jpg|आम|right|70px|link=आम]]
 
[[चित्र:Mango.jpg|आम|right|70px|link=आम]]

13:52, 30 दिसम्बर 2010 का अवतरण

इस लेख में आपको भारत की राष्‍ट्रीय पहचान के प्रतीकों का परिचय दिया गया है। यह प्रतीक भारतीय पहचान और विरासत का मूलभूत हिस्‍सा हैं। विश्‍व भर में बसे विविध पृष्‍ठभूमियों के भारतीय इन राष्‍ट्रीय प्रतीकों पर गर्व करते हैं क्‍योंकि वे प्रत्‍येक भारतीय के हृदय में गौरव और देश भक्ति की भावना का संचार करते हैं।

राष्‍ट्रीय ध्‍वज

तिरंगा

हमारा राष्ट्रीय ध्वज तीन रंगों से बना है इसलिए हम इसे तिरंगा भी कहते हैं। इसमें सबसे ऊपर गहरा केसरिया, बीच में सफेद और सबसे नीचे गहरा हरा रंग बराबर अनुपात में है। ध्‍वज को साधारण भाषा में 'झंडा' भी कहा जाता है। झंडे की चौड़ाई और लम्‍बाई का अनुपात 2:3 है। सफेद पट्टी के केंद्र में गहरा नीले रंग का चक्र है, जिसका प्रारूप अशोक की राजधानी सारनाथ में स्थापित सिंह के शीर्षफलक के चक्र में दिखने वाले चक्र की भांति है। चक्र की परिधि लगभग सफेद पट्टी की चौड़ाई के बराबर है। चक्र में 24 तीलियां हैं। राष्‍ट्रीय ध्‍वज का डिजाइन 22 जुलाई, 1947 को भारत के संविधान द्वारा अपनाया गया था।

राष्‍ट्रीय पक्षी

मोर

मोर के अद्भुत सौंदर्य के कारण ही भारत सरकार ने 26 जनवरी, 1963 को इसे राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया। भारतीय जनमानस के मन में बसा और आस्थाओं से रचा बसा पक्षी मोर, पावों क्रिस्‍तातुस, भारत का राष्‍ट्रीय पक्षी है। इसकी दो प्रजातियां हैं-

  • नीला या भारतीय मोर (पैवो क्रिस्टेटस), जो भारत और श्रीलंका (भूतपूर्व सीलोन) में पाया जाता है।
  • हरा या जावा का मोर (पि. म्यूटिकस), जो म्यामांर (भूतपूर्व बर्मा) से जावा तक पाया जाता है।

राष्‍ट्रीय पुष्‍प

कमल

भारत का राष्ट्रीय पुष्प कमल (नेलंबो न्यूसिपेरा गार्टन) है। यह एक पवित्र पुष्प है तथा प्राचीन भारतीय काल और पुराणों में इसका महत्त्वपूर्ण स्थान है। प्राचीनकाल से ही इसे भारतीय संस्कृति में शुभ प्रतीक माना जाता है।

राष्‍ट्रीय पेड़

बरगद

भारत का राष्‍ट्रीय वृक्ष बरगद (फाइकस बेंघालेंसिस) है। बरगद का वृक्ष घना एवं फैला हुआ होता है। इसकी शाखाएं दूर-दूर तक फैली तथा जड़ें गहरी होती हैं। इतनी गहरी जड़ें किसी और वृक्ष की नहीं होतीं।

राष्‍ट्रगान

जन गण मन का वादन हेतु नाद-स्वर लिपि

स्‍वर्गीय कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा संक्षिप्त "जन गण मन" के नाम से प्रख्‍यात शब्दों और संगीत की रचना, भारत का राष्‍ट्रगान है। ऐसी स्तुति या गान, जो राष्ट्रप्रेम की भावना अभिव्यक्त करता हो तथा शासकीय रूप से आधिकारिक राष्ट्रगान के रूप में स्वीकृत हो या जनसाधारण में लोकप्रिय हो। सबसे पुराना राष्ट्रगान ग्रेट ब्रिटेन का ‘गॉड सेव द क्वीन’ है, जिसे 1825 में राष्ट्रगान के रूप में वर्णित किया गया था, हालांकि 18वीं सदी के मध्य से ही यह देशप्रेम के गीत के रूप में लोकप्रिय रहा तथा राजसी समारोहों में गाया जाता था। 19वीं तथा 20वीं सदी के आरंभ में अधिकांश यूरोपीय देशों ने ब्रिटेन का अनुसरण किया, कुछ राष्ट्रगान ख़ास उद्देश्य से लिखे गए, जबकि अन्य को पहले से मौजूद धुनों से अपनाया गया। इसे इस प्रकार पढ़ा जाता है।

जन-गण-मन अधिनायक, जय हे
भारत-भाग्‍य-विधाता,
पंजाब-सिंधु गुजरात-मराठा,
द्रविड़-उत्‍कल बंग,
विन्‍ध्‍य-हिमाचल-यमुना गंगा,
उच्‍छल-जलधि-तरंग,
तव शुभ नामे जागे,
तव शुभ आशिष मांगे,
गाहे तव जय गाथा,
जन-गण-मंगल दायक जय हे
भारत-भाग्‍य-विधाता
जय हे, जय हे, जय हे
जय जय जय जय हे।

राष्‍ट्रीय गीत

वन्दे मातरम्

बंकिमचंद्र चटर्जी ने वंदे मातरम् गीत की संस्कृत में रचना की है। श्री अरविन्दी ने इस गीत का अंग्रेज़ी में और आरिफ़ मौहम्मद खान ने इसका उर्दू में अनुवाद किया है। इसका स्‍थान जन गण मन के बराबर है। यह स्‍वतंत्रता की लड़ाई में लोगों के लिए प्ररेणा का स्रोत था। वह पहला राजनीतिक अवसर, जब यह गीत गाया गया था, 1896 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन था। इसका प्रथम पद इस प्रकार है-

वंदे मातरम्, वंदे मातरम्!
सुजलाम्, सुफलाम्, मलयज शीतलाम्,
शस्यश्यामलाम्, मातरम्!
वंदे मातरम्!
शुभ्रज्योत्सनाम् पुलकितयामिनीम्,
फुल्लकुसुमित द्रुमदल शोभिनीम्,
सुहासिनीम् सुमधुर भाषिणीम्,
सुखदाम् वरदाम्, मातरम्!
वंदे मातरम्, वंदे मातरम्॥

राष्‍ट्रीय नदी

गंगा नदी, वाराणसी

भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण नदी गंगा, राष्‍ट्रीय नदी है, जो भारत और बांग्लादेश में मिलाकर 2,510 किमी की दूरी तय करती हुई उत्तरांचल में हिमालय से लेकर बंगाल की खाड़ी के सुंदरवन तक विशाल भू-भाग को सींचती है। गंगा, देश की प्राकृतिक संपदा ही नहीं, जन जन की भावनात्मक आस्था का आधार भी है।

राष्‍ट्रीय जलीय जीव

गंगा डॉल्फ़िन

"गंगा डॉल्फ़िन" (Platanista gangetica) भारत की राष्‍ट्रीय जलीय जीव है। डॉल्फ़िन की दो प्रजातियां हैं। ये भारत, बांग्लादेश, नेपाल तथा पाकिस्तान में पाई जाती हैं। गंगा डॉल्फ़िन सभी देशों के नदियों के जल, मुख्यतः गंगा नदी में तथा सिंधु नदी डॉल्फ़िन, पाकिस्तान के सिंधु नदी के जल में पाई जाती है।

राजकीय प्रतीक

अशोक चिन्ह

भारत का राष्‍ट्रचिह्न सारनाथ स्थित अशोक के सिंह स्तंभ की अनुकृति है, जो सारनाथ के संग्रहालय में सुरक्षित है। मूल स्तंभ में शीर्ष पर चार सिंह हैं, जो एक-दूसरे की ओर पीठ किए हुए हैं।

राष्‍ट्रीय पंचांग

शक संवत या राष्ट्रीय शाके भारत का राष्ट्रीय पंचांग है। यह 78 वर्ष ईसा पूर्व प्रारम्भ हुआ था। चैत्र 1, 1879 शक संवत (22 मार्च 1957) को इसे अधिकारिक रूप से विधिवत अपनाया गया। 500 ई. के उपरान्त संस्कृत में लिखित सभी ज्योतिषशास्त्रीय ग्रन्थ शक संवत का प्रयोग करने लगे। इस संवत का यह नाम क्यों पड़ा, इस विषय में विभिन्न एक मत हैं। इसे कुषाण राजा कनिष्क ने चलाया या किसी अन्य ने, इस विषय में अन्तिम रूप से कुछ नहीं कहा जा सका है। यह एक कटिन समस्या है जो भारतीय इतिहास और काल निर्णय की अत्यन्त कठिन समस्याओं में मानी जाती है।

राष्‍ट्रीय पशु

बाघ

राष्ट्रीय पशु 'बाघ' (पैंथरा टाइग्रिस-लिन्नायस), पीले रंगों और धारीदार लोमचर्म वाला एक पशु है। राजसी बाघ, तेंदुआ, टाइग्रिस धारीदार जानवर है। अपनी शालीनता, दृढ़ता, फुर्ती और अपार शक्ति के लिए बाघ को 'राष्ट्रीय पशु' कहलाने का गौरव प्राप्त है। इसकी आठ प्रजातियों में से भारत में पाई जाने वाली प्रजाति को ‘रॉयल बंगाल टाइगर’ के नाम से जाना जाता है। उत्तर-पश्चिम भारत को छोड़कर बाकी सारे देशों में यह प्रजाति पायी जाती है। भारत के अतिरिक्त यह नेपाल, भूटान और बंगलादेश जैसे पड़ोसी देशों में भी पाया जाता है।

राष्‍ट्रीय फल

आम

आम (मेनिगिफेरा इंडिका) भारत का राष्ट्रीय फल है। काजू परिवार (एनाकार्डिएसी) का सदस्य, विश्व के उष्णकटिबंधीय क्षेत्र का एक महत्त्वपूर्ण फल है। ऊष्णकटिबंधीय देशों में आम बड़े पैमाने पर पैदा होते है। आम को पूर्वी एशिया, म्यांमार (भूतपूर्व बर्मा) और भारत के असम राज्य का स्थानीय फल माना जाता है। आम एक गूदे दार फल है, जिसे पकाकर खाया जाता है या कच्‍चा होने पर इसे अचार आदि में इस्‍तेमाल किया जाता है।

राष्‍ट्रीय खेल

हॉकी

भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है। हॉकी का प्रारम्भ वर्ष 2010 से 4,000 वर्ष पूर्व ईरान में हुआ था। इसके बाद बहुत से देशों में इसका आगमन हुआ पर उचित स्थान न मिल सका। अन्त में इसे भारत में विशेष सम्मान मिला और यह राष्ट्रीय खेल बना। हमारे देश में इसका आरम्भ 100 वर्षों से पहले हुआ था। 11 खिलाड़ियों के दो विरोधी दलों के बीच मैदान में खेले जाने वाले इस खेल में प्रत्येक खिलाड़ी मारक बिंदु पर मुड़ी हुई एक छड़ी (स्टिक) का इस्तेमाल एक छोटी व कठोर गेंद को विरोधी दल के गोल में मारने के लिए करता है। बर्फ़ में खेले जाने वाले इसी तरह के एक खेल 'आईस हॉकी' से भिन्नता दर्शाने के लिए इसे मैदानी हॉकी कहते हैं।

मुद्रा चिन्ह

भारतीय रुपए का प्रतीक चिन्ह

भारतीय रुपए का प्रतीक चिन्ह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आदान-प्रदान तथा आर्थिक संबलता को परिलक्षित कर रहा है। रुपए का चिन्ह भारत के लोकाचार का भी एक रूपक है। रुपए का यह नया प्रतीक देवनागरी लिपि के 'र' और रोमन लिपि के अक्षर 'आर' को मिला कर बना है, जिसमें एक क्षैतिज रेखा भी बनी हुई है। यह रेखा हमारे राष्ट्रध्वज तथा बराबर के चिन्ह को प्रतिबिंबित करती है। भारत सरकार ने 15 जुलाई, 2010 को इस चिन्ह को स्वीकार कर लिया है।

<websiteFrame> website=http://www.facebook.com/plugins/like.php?href=http%3A%2F%2Fhi.bharatdiscovery.org%2Findia%2F%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B7%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%259F%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25AE%25E0%25A4%2582%25E0%25A4%25A1%25E0%25A4%25B2_%25E0%25A4%2596%25E0%25A5%2587%25E0%25A4%25B2_2010&layout=standard&show_faces=true&width=450&action=like&colorscheme=light&height=80 height="80" width="450" </websiteFrame>

बाहरी कड़ियाँ

पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख