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− | *[[कनिष्क]] | + | *[[कनिष्क]] द्वारा बसाये गये कनिष्कपुर जो स्टाइन और स्मिथ के अनुसार, जो [[झेलम नदी|झेलम]] और [[बारामूला]] से [[श्रीनगर]] जाने वाली सड़क पर बारामूल से दस मील{{मील|मील=10}}[[दक्षिण]] की ओर स्थित है, '''कानिसपुर''' हैं। |
− | *[[कनिंघम]] | + | *[[कनिंघम]] के अनुसार यह नगर [[श्रीनगर]] के समीप था। |
− | *बौद्ध अनुश्रुति के अनुसार [[पाटलिपुत्र]] से आये बौद्ध आचार्य अश्वघोष को इसी नगर में ठहराया गया था। | + | *[[हेमचन्द्र रायचौधरी|रायचौधरी]] का कहना है कि यह नगर [[अभिलेख|आरा अभिलेख]] में उल्लिखित कनिष्क द्वारा बसाया गया नगर था। |
+ | *[[बौद्ध]] [[अनुश्रुति]] के अनुसार [[पाटलिपुत्र]] से आये बौद्ध [[अश्वघोष|आचार्य अश्वघोष]] को इसी नगर में ठहराया गया था। | ||
*[[कल्हण]] ने भी इस नगर का उल्लेख कनिष्क के संदर्भ में किया है। | *[[कल्हण]] ने भी इस नगर का उल्लेख कनिष्क के संदर्भ में किया है। | ||
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+ | *ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 131| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार | ||
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08:25, 24 मई 2018 के समय का अवतरण
- कनिष्क द्वारा बसाये गये कनिष्कपुर जो स्टाइन और स्मिथ के अनुसार, जो झेलम और बारामूला से श्रीनगर जाने वाली सड़क पर बारामूल से दस मील
(लगभग 16 कि.मी.)दक्षिण की ओर स्थित है, कानिसपुर हैं।
- कनिंघम के अनुसार यह नगर श्रीनगर के समीप था।
- रायचौधरी का कहना है कि यह नगर आरा अभिलेख में उल्लिखित कनिष्क द्वारा बसाया गया नगर था।
- बौद्ध अनुश्रुति के अनुसार पाटलिपुत्र से आये बौद्ध आचार्य अश्वघोष को इसी नगर में ठहराया गया था।
- कल्हण ने भी इस नगर का उल्लेख कनिष्क के संदर्भ में किया है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 131| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार