दादा हरी बावड़ी, अहमदाबाद

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दादा हरी बावड़ी, अहमदाबाद

दादा हरी बावड़ी (अंग्रेज़ी: Dada Hari Baoli) गुजरात में अहमदाबाद से 15 कि.मी. दूर असरवा में स्थित है, जिसे शुरुआत में बाल हरिर स्टेपवेल के रूप में जाना जाता था और जो इस क्षेत्र के दो प्रसिद्ध कदम-कुओं में से एक है।

  • दादा हरी बावड़ी का निर्माण 1499 ईस्वी में सुल्तान बेगरा के हरम की एक महिला द्वारा कराया गया था।
  • इस बावड़ी की संरचना में बीगोन युग की वास्तुकला को दर्शाया गया है।
  • यह दादा हरी बावड़ी सात मंजली संरचना है जो एक समय में बहुत सारे पर्यटकों को समायोजित कर सकती है।
  • पर्यटकों के साथ-साथ गर्मियों के दौरान स्थानीय लोगों के लिए भी यह दादा हरी बावड़ी राहत स्थल के रूप में कार्य करती है।[1]
  • दादा हरी बावड़ी की सभी सीढ़ियां, खूबसूरती से खुदी हुई हैं जो पत्‍थर पर बनी हैं।
  • इस सीढ़ीदार कुंए में सरंचना का समर्थन करने के लिए एक कॉलम भी बना हुआ है।
  • कुंए की दीवारें, संस्‍कृत भाषा में खुदी हुई हैं या इनमें अरबी के शब्‍द लिखे हैं।
  • अन्‍य कुओं की तरह इस कुंए से भी गर्मी के दौरान शहर के कई हिस्‍सों को पानी की आपूर्ति की जाती थी।
  • दादा हरी बावड़ी की सैर का सबसे अच्‍छा समय दिन के उजाले में सूर्य की रोशनी में होता है।[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारत की 12 प्रसिद्ध और प्राचीन बावड़ीयां (हिंदी) hindi.holidayrider.com। अभिगमन तिथि: 6 अक्टूबर, 2020।
  2. दादा हरी वाव, अहमदाबाद (हिंदी) nativeplanet.com। अभिगमन तिथि: 6 अक्टूबर, 2020।

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