वाक्यांश त

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

हिन्दी भाषा में कई शब्दों के स्थान पर एक शब्द बोल कर हम भाषा को प्रभावशाली एवं आकर्षक बनाते हैं। इसी प्रकार, अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द का प्रयोग कर सकते हैं। भाषा की सुदृढ़ता, भावों की गम्भीरता और चुस्त शैली के लिए यह आवश्यक है कि लेखक शब्दों (पदों) के प्रयोग में संयम से काम ले, ताकि वह विस्तृत विचारों या भावों को थोड़े-से-थोड़े शब्दों में व्यक्त कर सके।

समास, तद्धित और कृदन्त वाक्यांश या वाक्य एक शब्द या पद के रूप में संक्षिप्त किये जा सकते हैं। ऐसी हालत में मूल वाक्यांश या वाक्य के शब्दों के अनुसार ही एक शब्द या पद का निर्माण होना चाहिए। दूसरा तथ्य यह कि वाक्यांश को संक्षेप में सामासिक पद का भी रूप दिया जाता है। कुछ ऐसे लाक्षणिक पद या शब्द भी हैं, जो अपने में पूरे एक वाक्य या वाक्यांश का अर्थ रखते हैं। भाषा में कई शब्दों के स्थान पर एक शब्द बोल कर हम भाषा को प्रभावशाली एवं आकर्षक बनाते हैं, जैसे-

उदाहरण - 1.

"राम कविता लिखता है।" - इस वाक्य में अनेक शब्दों के स्थान पर हम एक ही शब्द 'कवि' का प्रयोग कर सकते हैं।

उदाहरण - 2.

"जिस स्त्री का पति मर चुका हो।" - इस वाक्य में शब्द-समूह के स्थान पर 'विधवा' शब्द का प्रयोग करना अधिक उपयुक्त है।

इसी प्रकार अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द का प्रयोग कर सकते है। यहाँ पर अनेक शब्दों के लिए एक शब्द के कुछ उदाहरण दिए जा रहे हैं-

वाक्यांश या शब्द-समूह शब्द
दैहिक, दैविक व भौतिक ताप या कष्ट त्रिताप
वात, पित्त व कफ त्रिदोष
तैरने की इच्छा तितीर्षा
विवाद या गुटबंदी से अलग रहने वाला तटस्थ/गुटनिरपेक्ष
कोई काम या पद छोड़ देने के लिये लिखा गया पत्र त्यागपत्र
तीन वेदों को जानने वाला त्रिवेदी
तीनों कालों को देखने वाला त्रिकालदर्शी
तीन कालों को जानने वाला त्रिकालज्ञ
जो तीन गुणों (सत्व, रज व तम) से परे हो त्रिगुणातीत
किसी पद अथवा सेवा से मुक्ति का पत्र त्यागपत्र
किसी भी पक्ष का समर्थन न करने वाला तटस्थ
ऐसा तर्क जो देखने पर ठीक प्रतीत होता हो, किंतु वैसा न हो तर्काभास
तीन कालों की बात जानने वाला त्रिकालज्ञ
ऋण के रूप में आर्थिक सहायता तकावी
एक व्यक्ति द्वारा चलायी जाने वाली शासन प्रणाली तानाशाही
चोरी छिपे चुंगी शुल्क आदि दिये बिना माल लाकर बेचने वाला तस्कर
जो तर्क के आधार पर सही सिद्ध हो तर्कसंगत
तर्क के द्वारा जो माना गया हो तर्कसम्मत
भौंहों के बीच का ऊपरी भाग त्रिकुटी
सत्व, रज व तम त्रिगण
आँवला, हर्र व बहेड़ा त्रिफला
तीन युगों में होने वाला त्रियुगी
तीन नदियों का संगम त्रिवेणी
तीन लोकों का समूह त्रिलोक
उसी समय का तत्कालीन
जिसे त्याग देना उचित हो त्याज्य
स्वर्गलोक, मृत्युलोक और पाताल लोक त्रिभुवन/त्रिलोक
शीतल, मंद व सुगंधित वायु त्रिविधवायु
जो तर्क योग्य हो तार्किक


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख