"राणा उदयसिंह" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
फ़ौज़िया ख़ान (चर्चा | योगदान) |
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) छो (Adding category Category:सिसोदिया वंश (को हटा दिया गया हैं।)) |
||
पंक्ति 31: | पंक्ति 31: | ||
{{राजपूत साम्राज्य}} | {{राजपूत साम्राज्य}} | ||
[[Category:इतिहास कोश]][[Category:राजपूत साम्राज्य]] | [[Category:इतिहास कोश]][[Category:राजपूत साम्राज्य]] | ||
+ | [[Category:सिसोदिया वंश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
11:19, 6 जनवरी 2013 का अवतरण
राणा उदयसिंह मेवाड़ के राणा साँगा के पुत्र और राणा प्रताप के पिता थे।
- इनका जन्म इनके पिता के मरने के बाद हुआ था, और तभी गुजरात के बहादुरशाह ने चित्तौड़ नष्ट कर दिया था।
- इनकी माता कर्णवती द्वारा हुमायूँ को राखीबंद भाई बनाने की बात इतिहासप्रसिद्ध है। मेवाड़ की ख्यातों में इनकी रक्षा की अनेक अलौकिक कहानियाँ कही गई हैं। उदयसिंह को कर्त्तव्यपरायण धाय पन्ना के साथ बलबीर से रक्षा के लिए जगह-जगह शरण लेनी पड़ी थी।
- उदयसिंह 1541 ई. में मेवाड़ के राणा हुए और कुछ ही दिनों के बाद अकबर ने मेवाड़ की राजधानी चित्तौड़ पर चढ़ाई की। हज़ारों मेवाड़ियों की मृत्यु के बाद जब लगा कि चित्तौड़गढ़ अब न बचेगा तब जयमल और पत्ता आदि वीरा के हाथ में उसे छोड़ उदयसिंह अरावली के घने जंगलों में चले गए।
- वहाँ उन्होंने नदी की बाढ़ रोक उदयसागर नामक सरोवर का निर्माण किया था। वहीं उदयसिंह ने अपनी नई राजधानी उदयपुर बसाई।
- चित्तौड़ के विध्वंस के चार वर्ष बाद उदयसिंह का देहांत हो गया।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
उपाध्याय, ओंकारनाथ “खण्ड 2”, हिन्दी विश्वकोश, 1975 (हिन्दी), भारतडिस्कवरी पुस्तकालय: नागरी प्रचारिणी सभा वाराणसी, पृष्ठ सं 91।